

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- भुमंडलीकरण के कारण विभिन्न संस्कृतियो का सनातन में विलिनीकरण हो रहा है और सम्पूर्ण मानव समाज आधुनिकता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है आधुनिकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वर्तमान जीवन हेतु आवश्यक होता जा रहा है किन्तु आधुनिकता के कारण यह कभी नहीं होना चाहिए की हमसे हमारी संस्कृति,संस्कार,और सनातन के मूल्य पीछे छूट जाये।
आधुनिकता के इस दौर में हमें वैश्विकरण को अंगीकार करते हुए अपने सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश को जीना है इस वैश्विकरण के युग में कहीं एसा ना की स्वयं का सनातन परिवेश अदृश्य हो जाए और

आधुनिकता के आडंबर हावी होकर व्यक्ति को अनैकिता की और ले जाए, किलेरामा एकदम विशालता की और बढ़ रहे आष्टा के समीपस्थ है परन्तु ग्रामीणता की सौंधी सुगंध यहां व्याप्त है यहां पीढ़ियों से निवासरत ग्रामीणजन सनातन संस्कृति का पूर्ण सम्मान कर उसको अपने जीवन का अंग अभिन्न बनाए हुए है इस आशय के प्रवचन ग्राम किलेरामा में पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार पूर्व सरपंच मधुसूदन परमार वरिष्ठ अभिभाषक सुरेन्द्र सिंह परमार,अभिभाषक वीरेंद्र परमार के आवास पर रक्षा बंधन की पावन बेला में स्थानीय ब्रह्मा कुमारी आश्रम शांति सरोवर की प्रमुख कुसुम दीदी ने व्यक्त किए ,

ब्रह्म कुमारी नीलिमा दीदी ने ब्रह्मचर्य की महत्ता को उल्लेखित करते हुए कहा कि निसंदेह परमार परिवार की सेवा भावना अतिविशिष्ट जनों से अधिक साधु संतो की सेवा में रहती है इस अवसर पर कैलाश परमार मधुसूदन पूर्व सरपंच वरिष्ठ, अभिभाषक सुरेन्द्र सिंह परमार, प्रसिद्ध अभिभाषक वीरेंद्र सिंह परमार, प्रगति शील कृषक लोकेंद्र सिंह परमार के साथ सभी परिजन तथा ग्रामीण जन उपस्थित थे, रक्षा बंधन में राखी बांधने पधारी ब्रह्मा कुमारी दीदीयो का शाल श्री फल से अभिनंदन करते हुए पूर्व नपा अध्यक्ष कैलाश परमार ने ब्रह्माकुमारी दीदियो द्वारा प्रदान की गई ईश्वरीय सौगात हेतु आभार प्रकट किया।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर की शानदार सांस्कृतिक परम्पराओं के निर्वहन में आपसी मेलजोल और भाईचारगी को बढ़ाने वाले लोकोत्सव भुजरिया का चल समारोह जोर शोर से निकाला गया । खारी कुंडी चौराहा पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार एवम मित्र मंडल ने चल समारोह का शानदार स्वागत किया। रक्षाबंधन के दूसरे दिन नगर में मुख्यरूप से कुशवाह समाज और प्रजापति समाज द्वारा भुजरिया पर्व उत्साह पूर्वक मनाया जाता है । भुजरिया के रूप में एक दूसरे को हरित तृण दे कर सभी लोग आपस में क्षमा याचना कर प्रेम और बंधुत्व का संदेश देते हैं।

भुजरिया के चल समारोह में नगर के सभी समाज के लोग तथा बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष और बच्चे शामिल हुए ।कुशवाह समाज की बहुलता के चलते अलग अलग स्थानों से कुशवाह समाज की सभी पंचायतों तथा प्रजापति समाज द्वारा जुलूस निकाले जाते हैं पार्वती तट पर इकट्ठा होकर सामूहिक पूजा अर्चना की जाती है। चल समारोह के आगे धर्म ध्वजा फहराते युवाओं सहित , बिनाकी मंडल , महिला मंडल तथा प्रमुख जन का कैलाश परमार मित्र मंडल ने पुष्प वृष्टि कर स्वागत किया । इस अवसर पर चल समारोह में शामिल पूर्व पार्षद तथा कुशवाह समाज के जिला अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाह , भुजरिया उत्सव समिति के अध्यक्ष निखिल शुभम कुशवाह , राहुल कुशवाह,

जगदीश पटेल रुद्राक्ष कुशवाह विनोद विकास कुशवाह , मनोज पटेल , रोहित प्रजापति अर्जुन प्रजापति शिव प्रजापति , रामप्रसाद प्रजापति मनोज कुशवाह , मनीष प्रजापति, भूरा प्रजापति, राजू कुशवाह, पटेल दलकिशोर,अमरचंद कुशवाह, प्रतीक महाडिक , जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुलाब बाई ठाकुर कुशवाह समाज की जिला महिला अध्यक्ष श्रीमती गीता कुशवाह , श्रीमती पार्वती कुशवाह आदि का साफा पुष्पमाला एवम राम नामी दुपट्टे से भी सभी का स्वागत किया गया । जुलूस में शामिल डीजे और नगाड़ों की थाप पर थिरकते युवा वर्ग उत्सवी माहौल को दोगुना कर रहे थे । सर पर कलश और भुजरिया ले कर चल रही महिलाओं का भी पुष्प वर्षा एवम स्वागत पट्टिका से स्वागत किया गया । काछीपुरा से शुरू हुआ चल समारोह बुधवारा और पुराना बस स्टैंड होते हुए भुजरिया ले कर पार्वती तट पर पहुंचा ।

जहां विधि विधान से परम्परागत पूजा अर्चना की गई । स्वागत कर्ताओ में कैलाश परमार, प्रदीप प्रगति,सुनील प्रगति, कपड़ा एसोसिएशन के संरक्षक सुरेंद्र पोरवाल, वरिष्ठ अभिभाषक सुरेंद्र परमार,संजय जैन किला, पल्लव जैन प्रगति, नरेंद्र पोरवाल , मनोहर चौरसिया ,संजय सुराणा, सुनील कचनेरिया एडवोकेट, मनमोहन परमार ,संतोष मालवीय आदि शामिल थे । कार्यक्रम के संयोजक प्रदीप प्रगति ने कुशवाह तथा प्रजापति समाज का आभार मानते हुए कहा कि सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुरूप कुशवाह और प्रजापति समाज के लोग अपनी उत्सव प्रियता के चलते नगर में धार्मिक आयोजन करके प्रकृति से जुड़े भुजरिया त्योहार को उत्साह और श्रद्धा से मना कर हमारी शानदार परम्पराओ का पालन करते हैं । इस अवसर पर कैलाश परमार ने जुलुस में शामिल सभी लोगों को भुजरिया पर्व की बधाई दी ।


