नदियों के संरक्षण एवं संवर्धनकी दिशा में सामूहिक प्रयास आवश्यक- पूज्य अवधूत दादा गुरू

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आष्टा एक आस्थावान नगरी हैं। माॅ पार्वती एवं माॅ पापनाशिनी पपनास के तट पर बसा होने से इस नगर का धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से ओर महत्व बढ जाता हैं। कई सदियों पहले महान ऋषि अष्टावक्र की तपस्थली रहा यह नगर दो नदियों के संगम से ओर पुण्यशाली हैं। आज हमें आवश्यकता हैं कि इस शहर के प्राकृतिक संरक्षण की दिशा में सामाजिक एकता के साथ काम किया जावे। नदियो का संरक्षण आज के समय की आवश्यकता हैं। हमें पार्वती एवं पपनास नदियों के प्राकृतिक संरक्षण की दिशा में जनआदोंलन बनाकर काम करना चाहिए।

आष्टा में माॅ नर्मदा चिंतन सप्ताह का अनूठा आयोजन नगर के मुकाती परिवार ने कराया। आप सभी इस आयोजन के पुण्य के भागी हैं। उन्होने माॅ नर्मदा की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि माॅ नर्मदा के कण कण में शंकर हैं। जो माॅ नर्मदा के तटो की परिक्रमा करता हैं वह अपने व्यक्तित्व का निर्माण करता हैं। नगर के कई सामाजिक संगठनो, राजनैतिक एवं धार्मिक संगठनो के प्रतिनिधियों ने मुकाती परिवार द्वारा आयोजित माॅ नर्मदा चिंतन शिविर में पधारे माॅ नर्मदा परिक्रमावासी संत महायोगी अवधूत दादा गुरू से आशीर्वाद लिया। दिगम्बर जैन समाज के वरिष्ठ अनिल जैन प्रगति ने पूज्य दादागुरू को आचार्य विधासागर जी महाराज द्वारा

रजित मूक माटी महाकाव्य पुस्तक भेट की। दादागुरू ने आचार्य विधासागर जी महाराज को स्मरण करते हुए परिचर्चा में कहा कि आचार्य विधासागर जी महाराज ने माॅ नर्मदा के तट नेमावर में कई समय बिताऐं तथा उन्होने माॅ नर्मदा नदी के संरक्षण की दिशा में अनुपम कार्य किए। इस अवसर पर शेषनारायण मुकाती, मोहनसिंह अजनोदिया, सत्यनारायण कामरिया, नारायण भुरू मुकाती, तेजपाल कल्लू मुकाती, लखन मुकाती, श्याम मुकाती, अनिल प्रगति, मनोहर भोजवानी, अनूप जैन, नगीन चंद जैन, प्रेमनारायण शर्मा, हरिनारायण शर्मा, कन्हैयालाल शर्मा, चंद्रकुमार जैन, सुमित चौरसिया आदि उपस्थित थे।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- निमाड़ के महान संत शिवस्वरूप दादा धुनि वाले के अनन्य भक्त संत श्री छोटे सरकार सोमवार को भक्तों के आग्रह पर ग्राम बगड़ावदा में पधारे। उनके आगमन पर क्षेत्र में दादा धुनि वाले के भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। संत छोटे सरकार निमाड़ सहित देश भर में शिवावतार दादाधुनि वाले के अतिशयकारी स्वरूप और उनके विचारों का प्रचार प्रसार करते हुए अध्यात्म से जुड़ने की प्रेरणा देते है। उनके प्रयासों से अनेक नगरों में मन्दिर निर्माण भी हुए।

ग्राम बगड़ावदा में सन्त छोटे सरकार ने भक्तों से अपने प्रवचन में कहा कि ,सदविचार और सकारात्मकता हमारे नैसर्गिक गुण होने चाहिए । तीर्थ और मन्दिर हमारे मन और मष्तिष्क के पावित्र्य को निखारते हैं । दादा धुनि वाले की तपश्चर्या और सरलता ने उन्हें शिव के स्वरूप में मान्य किया था अपने कर्म और धर्मानुराग से हम सभी श्रेष्ठ भक्त तो बन ही सकते हैं। छोटे सरकार ने उपस्थित श्रद्धालुओ से कहा कि विवेकपूर्ण श्रद्धा अनमोल होती है। हमे आडम्बर और जटिल उपायों से बचते हुए सरल तरल हो कर भक्ति करना चाहिए ।

ग्राम बगड़ावदा में प्रभु प्रेमी संघ के महासचिव प्रदीप प्रगति ने साथीगण लोकेंद्र परमार , राज परमार , दिव्यांश प्रगति विनोद राजपूत सहित पहुंच कर संत छोटे सरकार के दर्शन कर आशीर्वाद लिया तथा उन्हें आष्टा नगर में जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज द्वारा स्थापित प्रभु प्रेमी संघ की गतिविधियों और नगर पर स्वामी जी की महती कृपा से अवगत कराते हुए आष्टा पधारने का आग्रह किया । ग्राम बगड़ावदा में मुख्य यजमान ज्ञानसिंह परमार एवं माखनसिंह परमार सहित ग्रमीणों ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया ।

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