DWPS आष्टा की छात्राओं ने किया विद्यालय का नाम गौरांवित, बनी सफलता की मिसाल

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- देहली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, आष्टा के विद्यार्थियों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि समर्पण, अनुशासन और उत्कृष्ट मार्गदर्शन से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। विद्यालय की पूर्व हेड गर्ल सैय्यद मेहविश ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (C.A.) फाउंडेशन परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने परिवार, शिक्षकों और विद्यालय का नाम रोशन किया है। वहीं, उनके पूर्ववर्ती वर्ष की हेड गर्ल कनिष्का रणकौशल का चयन इटली की प्रतिष्ठित पाडुआ यूनिवर्सिटी में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा के लिए हुआ था।

दोनों छात्राओं ने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से यह साबित किया कि देहली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, आष्टा न केवल उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, नेतृत्व और नैतिक मूल्यों से भी सशक्त बनाता है। सैय्यद मेहविश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन और विद्यालय के प्रेरणादायक वातावरण को दिया। विद्यालय परिवार ने उन्हें इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विद्यालय के प्राचार्या डॉ. संगीता सिंहा ने कहा कि दोनों छात्राओं की उपलब्धियाँ विद्यालय की

उच्च शैक्षणिक गुणवत्ता और समर्पित शिक्षण प्रणाली का प्रमाण हैं। देहली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, आष्टा का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल अकादमिक रूप से दक्ष बनाना है, बल्कि उन्हें ऐसे जिम्मेदार नागरिक बनाना है जो भविष्य में समाज और राष्ट्र का नाम गौरवान्वित करें। इस अवसर पर विद्यालय निदेशक श्री ध्रुव कुमार तिवारी,श्री बहादुर सिंह सेंधव, श्री ज्ञानसिंह ठाकुर, श्रीमती पायल अली, सैय्यद आदिल अली ने सैय्यद मेहविश और कनिष्का रणकौशल —दोनों छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना तथा उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थी ही विद्यालय की वास्तविक पहचान हैं।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के दिव्योदय जैन तीर्थ पर विराजमान दिगम्बर जैन मुनि श्री सजग सागर जी मुनि श्री सानंद सागर जी महाराज ससंघ का चातुर्मास उपरांत भव्य पिक्छिका परिवर्तन समारोह का भव्य आयोजन आज दिन रविवार दोपहर 1 बजे से दिव्योदय जैन तीर्थ किला मंदिर कीपर आयोजित होगा कार्यक्रम को लेकर समिति द्वारा ब्रह्द स्तर पर तैयारियां की गई है श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान पूजन का आराधना श्रावको श्राविकाओं द्वारा पूर्ण भक्ति भाव से प्रतिदिन की जा रही है आज विधान पूजन 128 अर्घ्य समर्पित कर सिद्धों की आराधना की जाएगी।

मुनि श्री सानंद सागर जी महाराज ने अपने उदभोदन मे कहा कि हम अनादि काल से संसार रूपी चक्र में परिभ्रमण करते आ रहे है कितनी बार नरक में गए न जाने कौन कौन सी पर्याय धारण की लेकिन हम रत्नत्रय धारण नही कर पाए। एक बार भी सम्यकदर्शन हो जाता तो हम इस काल मे जन्म नही लैते भव्यात्माओ अब ऐसा पुरुषार्थ करो कि अब यहा किंतने ही सम्बन्धी बने जिस पर्याय में जाते है उसी में रम जाते है उसी के रिश्ते नाते दिखाई देते है सामूहिक पुण्य का उदय आया है जब समाज का पुण्य जाग्रत होता है तब ही ऐसे महानुष्ठान सम्पन्न होते है जब भी अनुष्ठान हो सब लोगो को मिलकर एक साथ करना चहिये आपको उच्च जाति उच्च कुल मिल गया

अब अशुभ कार्य को छोड़ो उच्च कुल मे आकर नीच कुल के अशुभ कार्य कर रहे हो और नीच कुल के काम कर रहे हो तो आपकी सद्गति नही होगी नरक में ही जाना पड़ेगा नारकियों को आपस मे लड़ते लड़ते जब वेदना होती है तो वे सोचते है कब यहां से छूट जाऊ पर नही छूट पाता क्योकि वह जीव ऐसे ही कर्मो को बांध कर नरक में जाता है सिद्धों की आराधना कर रहे हो सब आत्मा एक समान है बस फर्क इतना है कि नीच काम करने वाले कि मुक्ति नही होगा श्रावक के जितने कर्त्तव्य बताये गए है उनका पालन करना चाहिए आप अपने कर्तव्यों का पालन नही कर रहे हो अहंकार के वशीभूत होकर जी रहे है तो ध्यान रखना आपका नीच गति का बंध हो गया है इससे सिद्ध होता है अपने अपने पुण्य पाप से ही व्यक्ति के वैसे ही परिणाम होते है जब जागो तब सवेरा अब भी जाग जाओ जीवन का समय बिता जा रहा है।

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