1 गांव के, एक ही स्कूल-कॉलेज में शिक्षा प्राप्तकर बने दोनो शिक्षक और तो और एक ही कॉलोनी में एक ही नक्शे का मनाया घर

फ्रेंडशिप डे:- दो दोस्त जो कभी जुदा नहीं हुए, हर साल लगाते हैं एक पाैधा
49 सालों की दोस्ती में आज तक कोई दरार नहीं डाल पाया

✍️Ashta/धनंजयJat📲77468-98041
आष्टा:- बचपन से परवान चढ़ी उनकी दोस्ती आज गांव से लेकर शहर तक एक मिसाल बन गई है। गांव से शहर तक आने के बाद भी उनकी 49 सालों की दोस्ती में किसी प्रकार की दरार नहीं आई है। जो दोस्ती को बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण को लेकर भी गंभीर हैं। हर साल मित्रता दिवस पर दोनों एक पौधा जरूर रोपते हैं। साथ ही दोनों ने ही शिक्षा को ही अपने पेशे के रूप में अपनाया है। जो सरकारी स्कूलों में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं।
तहसील के गांव खानदौरापुर भंवरी के निवासी अशोक कुमार परमार व शंकर लाल परमार की बचपन की सच्ची दोस्ती आज भी कायम है। इन दोनों ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के ही प्रायमरी स्कूल की शिक्षा से लेकर हायर सेकंडरी आष्टा तथा शासकीय महाविद्यालय सीहोर तक साथ-साथ उत्तीर्ण की। दोनों अपनी कक्षाओं में टॉपर रहे हैं। अशोक परमार जहां अध्यापक वर्ग 2 में बागेर में पढ़ाते हैं तथा शंकर लाल परमार अध्यापक वर्ग 2 में शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं।
इनकी मित्रता का आलम यह है कि गांव व शहर में इनके पुराने मित्र अशोक को शंकर व शंकर को अशोक परमार के नाम से पहचानते हैं। दोनों के बीच आज तक किसी प्रकार मनमुटाव नहीं हुआ। अपनी दोस्ती को यादगार बनाने के लिए आष्टा में पुष्प विद्यालय के पास दोनों ने एक साथ और एक ही नक्शे से मकान बनाया है। जो इनकी सच्ची दोस्ती को प्रदर्शित करती है।

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