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आष्टा। सर्राफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष गणेश सोनी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया गया कि सोने की शुद्वता की ग्यारंटी के लिए भारत सरकार ने आभुषणो पर हालमार्किग कानुन लगा दिया है, फिलहाल इस कानुन से सीहोर जिला दायरे से बाहर है। लेकिन इसकी विसंगतियो की वजह से जिले का कारोबारी परेशान हो रहा है। क्योकि यदि कोई व्यापारी नये माल की डिमांड भेजता है तो उसे हालमार्किग पंजीकृत होना पडेगा। जब पंजीकृत हो जाता है तो वह बगैर हालमार्किग आभुषण नही बेच पायेगा। जबकि जिले में एक भी हालमार्क सेंटर नही है, इसलिए यह के व्यापारियों को इन्दौर, देवास, भोपाल जैसे बडे शहरो पर जहां पर हालमार्किग सेंटर है पर निर्भर रहना पड रहा है। इन परेशानियों के चलते स्थानीय व्यापारी नया माल नही खरीद पा रहे है, यही कारण है जिले में स्वर्ण आभुषणो का शार्टेज हो रहा है। व्यापारी पुराने जेबर खरीदकर व्यापार कर रहे है, इधर गुरू पूर्णिमा के बाद से त्यौहारी सीजन प्रारंभ होने वाला है ऐसे में जो जिले नये कानुन के दायरे में नही आते है वह नये माल की सप्लाई नही के बराबर हो गई है, क्योकि बडे निर्माता के द्वारा माल की आवक नही हो पा रही है।
व्यापार को यह दिक्कत है- तहसील व ग्रामीण के छोटे दुकानदारों के लिए ब्यौरा रखना मुशकील होगा। एचयुआईडी के नये नियम से ज्वैलरी इंडस्ट्रीज तहस नहस हो जाएगी, ज्वेलर्स को अपना कारोबार बंद करना पडेगा। भारतीय मानब ब्युरो ने 31 अगस्त तक व्यापारियों से स्टाक का डिकलेरेशन भी मांगा है ऐसा नही करने पर स्टाक जब्त करने की व अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की बात कही जा रही है जबकि भारतीय मानक ब्युरो के अधिनियम एवं नियमो में किसी भी प्रकार के इस तरह के डिकलेरेशन मांग का कोई प्रावधान नही है ओर न ही मांग पत्र के आधार पर समय सीमा के अंतर्गत डिकलेरेशन नही देने पर वैधानिक कार्यवाही का नियम नही है। छोटे व्यापरियों को आभुषण की मांग की पूर्ति नही हो रही इै इस कानुन की विसंगतियो से आभुषण सेक्टर का काम रूक सा गया है। जबकि नियम यह होना चाहिए कि सभी जगह हालमार्क का माल आसानी से उपलब्ध हो ओर सरलता से बेंचा जा सके।
बगैर हालमार्क आभुषण देने की छुट दे – केन्द्र सरकार ने 256 जिलो में यह कानुन लागु कर दिया है, प्रदेश में केवल भोपाल, देवास, ग्वालियर, इन्दौर, जबलपुर, रतलाम ओर सतना में ही हालमार्किग सेंटर है, इसलिए नये माल की खरिदी के लिए व्यापारियों को इन्दौर या भोपाल जाना होगा, जब व्यापारी यह जाता है तो केन्द्र सरकार के नियम व कायदे अनुसार व्यापारी को भारतीय मानक ब्युरो से हालमार्क पंजीयन करना होगा। इसके बाद ही वह आभुषण खरिद कर बेंच सकेगा। अब विसंगती यह है कि सीहोर जिले में हालमार्क सेंटर नही है इस वजह से व्यापारी को इन्दौर-भोपाल की ओर जाना पडता है। मध्यप्रदेश सर्राफा एसोसिएशन के सचिव संतोष सर्राफ इसी सिलसिले में दिल्ली गये थे, यह केट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा एवं महासचिव प्रवीण खण्डेलवाल से भेंट की थी, उपभोक्ता मंत्री पियुष गोयल एवं भारतीय मानक ब्युरो के जरनल प्रमोद तिवारी व सरकार ने इन समस्याओं के निराकरण के लिए कमिटी बनाई है। उसमें कहा था कि नये माल की खरिदी के लिए हालमार्क पंजीयन हेतु बाध्य नही किया जाए। सरकार को कार्य योजना के तहत शुरूआती दौर में हर जिले में एक सेंटर ओपन करना चाहिए। जहां हालमार्क सेंटर नही है उन जिलो को भी हालमार्किग वाले आभुषण (बगैर पंजीयन) के बेंचने की अनुमति दी जाए, ताकि व्यापार सरलता से चल सके।

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