✍️आष्टा धनंजय जाट📲 77468-98041
आष्टा (नि.प्र.) पर्यावरण प्रेमी संघ के प्रेरक एडवोकेट धीरज धारवॉ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नागरिकों से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज अपील की है, कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अब हम सबको यह तो समझ आ ही गया है कि ऑक्सीजन प्राण-वायु हमारे लिये कितनी आवष्यक है। और जो लोग इस कोरोना महामारी से पीडि़त रहे है, और बचे है, वे जानते कि ऑक्सीजन के एक सिलेंडर का क्या महत्व और कीमत है। निश्चित रूप से इस समय लोग आर्थिक चुनौतियों के दौर में है, सभी के व्यवसाय काम-धंधे ठप्प जैसे हो गये है, लेकिन अब ऑफिस दुकाने काम-धंधे खुलने लगे है। पेशेवर कार्य, व्यापारिक बिक्री भी कम है, लेकिन सभी लोग यह याद रखे कि ये हालात हमारी वजह से नही आऐ है। प्रकृति और पर्यावरण से वैश्विक छेडखानी का नतीजा है। इसलिए सभी लोग इसके लिए खुद को दोष न दें, न हारे, न अपमानित महसूस करें, कम से कम खर्च करें। अपनी मानसिक परेषानियों में अकेले न रहें, दोस्तो से, रिष्तेदारों से बातें करें। चिड़चिड़ या क्रोध न करें, किसी तरह का बुरा खयाल आये तो न आने दें, धीरे-धीरे आत्म-विश्वास के साथ पहाड़ काट कर नया रास्ता बनाने के लिए स्वयं को तैयार करें। परिवार को लेकर चले, बडों से बदसलूकी न करें। यह वक्त हमारा इंम्तेहान लेने आया है। भरोसा रखिये अपनी सेहत का ध्यान रखें, अपने आप को और परिवार को जो अभी तक बीमारी से बचाकर रखा है। यही बहूत बडी कमाई है। इन सब परिस्थितियों से हमें प्रकृति से सीख लेना चाहिए, कि पत-झड़ के बाद सावन भी आता है, सभी लोग ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस’’ के अवसर पर यह संकल्प ले कि यदि हमें हमारे हिस्से की ऑक्सीजन चाहिए और हम प्रकृति का आभार माने कि हम जीवित है, तो हर व्यक्ति को एक पौधा या बीज लगाकर उसे पेड़ बनाने का संकल्प लेना चाहिए। सोचे हमे जो मुफ्त में ऑक्सीजन दे रहै है, उन वृक्षों को नष्ट होने से बचाये और नया पोधारोपण करें। यही इस विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नागरिकों का प्रकृति के प्रति अपने-अपने हिस्से का आभार रहेगा।

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