updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- मध्यप्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में उपचार एवं चिकित्सा की हर पैथी से वैज्ञानिक तरीकों से नए-नए आयाम मुहैया , करवाकर मानव जीवन को शत-प्रतिशत आरोग्य बनाने का सफल प्रयास किया है ,इसलिए म प्र अजाक्स की ओर से डॉक्टर मोहन सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद। किंतु मध्यप्रदेश अजाक्स की ओर से सरकार के संज्ञान में एक और होम्योपैथिक चिकित्सा विज्ञान पद्धति लाना चाहेंगे कि, राज्य के कई मेडिकल कॉलेजों से कई छात्र-छात्राओं ने

होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में भी, बी.एच. एम.एस. तथा एम.डी. एच. कोर्सेज करके ,कई डॉक्टर शिक्षित बेरोजगार घूम रहे है। म. प्र. अजाक्स भोपाल संभाग के अध्यक्ष बंशीलाल धनवाल ने बताया कि , राज्य के सरकारी चिकित्सालयों में एलोपैथी मेडिसिन विभाग के साथ-साथ हर अस्पताल में आयुष अथवा आयुर्वेद यूनानी चिकित्सा पद्धति से रोगियों के उपचार की सुविधा हेतु बी.ए.एम.एस. एवं एम.डी. आयुर्वेद उपाधि प्राप्त डॉक्टरों की नियुक्तियां कर दी गई है, जिसे परम्परागत भारतीय चिकित्सा पद्धति की गौरवशाली परंपरा की शुरुआत कहीं जा सकती है। दूसरी ओर श्री धनवाल ने बताया कि

होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति भी अपने आप में कारगर उपचार तथा भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है, जो आज भी प्रासंगिक है। लेकिन सरकारी अस्पतालों में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों की पद स्थापना नहीं होने से होम्योपैथी उपचार को पसंद करने वाले रोगी अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं , उधर राज्य में हजारों की संख्या में होम्योपैथी उपाधि प्राप्त डॉक्टर बेरोजगार घूम रहे हैं, जो की प्राकृतिक न्याय सिद्धांतों के विपरीत है। श्री धनवाल ने कहा कि जब प्रदेश के कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में होम्योपैथी पद्धति के कोर्सेज विद्यार्थियों को पढ़ाए जाते हैं,

तो होम्योपैथी पद्धति के डॉक्टर भी शासकीय अस्पताल में नियुक्ति एवं उपचार सुविधा भी होना चाहिए। इसलिए मध्यप्रदेश अजाक्स भोपाल संभाग के अध्यक्ष बंशीलाल धनवाल ने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन से अनुरोध किया है, कि शासकीय अस्पतालो में आयुर्वेद ,आयुष एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति की तरह ही होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से उपचार प्रारंभ किए जाने हेतु होम्योपैथिक चिकित्सकों के पद सृजित करते हुए, होम्योपैथी उपाधि प्राप्त डॉक्टरों की शासकीय चिकित्सालयों में पद स्थापना कराई जाए, ताकि चिकित्सा के क्षेत्र में एक परंपरागत होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से उपचार की एक नई शुरुआत हो सके। तथा रोजगार के प्रति बड़ी संभावना पूरी हो सके।

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