

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- एक दौर था जब भारतीय डाक एवं तार निगम के द्वारा ही संचार सेवा का कार्य बखूबी किया जाता था परन्तु आधुनिक समय में संचार क्रांति के फलस्वरुप पूरी दुनिया सिमट कर रह गई है।भुमंडलीकारण के कारण आज भौगोलिक सीमाये मानो सिमट सी गई हैं एक दौर था जब भारतीय डाक एवं तार निगम और डाकिये की संचार व्यवस्था में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती थी लोग उत्सुकता के साथ अपने आत्मीयजन की चिट्ठी या पत्र का इंतजार करते थे और जैसे ही कोई

चिट्ठी मिलती दिल की धड़कने तेज हो जाती थीं लेकिन अब वर्तमान दौर में बड़ती संचार क्रांति और सरकार द्वारा भारतीय डाक एवं तार विभाग की उपेक्षा किये जाने से संचार का वह सुखद दौर बीते ज़माने की बात बनता जा रहा है। आज के समय में भी खासतौर से शासकीय कार्यों में चिट्ठीयो और पत्रो का अपना महत्त्व है इस महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने वाले सभी डाक विभाग के अधिकारी कर्मचारीयो का कार्य सराहनीय है। भारतीय संचार प्रणाली पर उक्त विचार व्यक्त करते हुए दीपोत्सव के बाद डाक देने आये पोस्टमैन धीरज मालवीय का पूर्व नपा अध्यक्ष कैलाश परमार ने स्वागत किया।

उक्त आशय की चर्चा करते हुए कैलाश परमार ने सुधीजन से आग्रह किया जिस प्रकार हम प्रभावशाली अधिकारी कर्मचारीगण का स्वागत करते है वैसे ही हमे समाज के प्रत्येक वर्ग के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए उंसके कार्य की महत्ता का अनुमोदन करना चाहिए। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र परमार युवा सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन सिंह अजय, एडवोकेट वीरेंद्र परमार संजय जैन, सी के जैन पल्लव प्रगति आदि उपस्थित थे। सभी ने डाककर्मी धीरज मालवीय को त्योहार की ससम्मान बधाई दी।



