updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगरपालिका परिषद आष्टा का विशेष सम्मलेन नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर रायसिंह मेवाड़ा की अध्यक्षता एवं अनुविभागीय अधिकारी स्वाति उपाध्याय, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, नपा उपाध्यक्ष सिद्दीका भूरू खा, सीएमऒ राजेश सक्सेना, तहसीलदार पंकज पवैया की विशेष उपस्थिति में संपन्न हुआ. साधारण सम्मलेन में लगभग 16 प्रस्ताव नगर विकास के सम्बन्ध में रखे गए ल, जिनमे से नेशनल कंस्ट्रक्शन की प्राप्त दर एवं डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन के सम्बन्ध में प्राप्त निविदा दर को निरस्त कर 3 प्रस्ताव नई सब्जी मंडी में

शेड़के स्थान पर नवीन निर्माण कार्य, अटल कालोनी में वृद्धाआश्रम का निर्माण कार्य, मुख़र्जी मैदान पर स्पोर्ट्स क्लब का निर्माण कार्य यह तीनो प्रस्तावो को आगामी सम्मलेन में विचारार्थ रखने पर सहमति बनी। सीएमऒ राजेश सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर विकास के महत्वपूर्ण प्रस्ताव वार्ड 16 में दरगाह से लेकर पापनास नदी पुल के दोनों ओर व्यवस्थित नाला निर्माण कार्य, जिसके बनने से हाट बाजार स्थल में वर्षा के कारण जमा भारी मात्रा में पानी जमा हो जाता था नाले के निर्माण होने से यह समस्या का

स्थाई हाल हो जायेगा, इसी प्रकार सेमनरी रोड़ से लेकर जगन्नाथ पुरा ग्राम कि पुलिया तक रोड़ के दोनों ओर सीसी नाला निर्माण कार्य को परिषद ने अपनी सर्व सम्मति दी। निर्माणाधीन पार्वती पुल में नहीं होगी कोई रुकावट – ज्ञात रहे कि वर्षो पूर्व पार्वती का पुल बनाया गया था जो क्षतिग्रस्त अवस्था में पहुंचने के कारण पुराने पुल के बगल से नवीन पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जगह अभाव के कारण उक्त पुल से उतरने वाले मार्ग को चौड़ा व व्यवस्थित करने कि दृष्टि से नगरपालिका द्वारा निर्मित 12 दुकानों एवं पार्क को हटाकर रोड़ निर्माण करने पर परिषद ने एकमत सहमति व्यक्त करते हुवे प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया.

साथ ही शेष प्रस्ताव पर भी परिषद सदस्यो ने अपनी पूर्ण सहमति देकर पारित किए. बैठक में नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा, एसडीएम स्वाति उपाध्याय, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, नपा उपाध्यक्ष सिद्दीका भूरू खा, तहसीलदार पंकज पवैया, सीएमऒ राजेश सक्सेना, पार्षदगण डॉ सलीम खान, कमलेश जैन, राजकुमार मालवीय, हिफज्जुर्रहमान भैया मियां, राशिदा अंवार हुसैन, मेहमूद अंसारी, आरती सुभाष नामदेव, तस्किन शेख रईस, नूरजहां अतीक कुरैशी, जाहिद गुड्डू, अनीता कालू भट्ट, तारा कटारिया, तेजसिंह राठौर, रवि शर्मा, अंजनी विशाल चौरसिया, लता तेजपाल मुकाती के साथ ही नापा के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मौजूद थे।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- जहां सभी को समान अवसर मिले वह है समोशरण। भगवान की वेदी व्यवस्थित होना चाहिए।वेदी में भगवान अष्टप्रतिहारियों के साथ विराजमान होते हैं। सिंहासन, भामंडल, छत्र, चंवर आदि भी रहते हैं।आचार्यो को भी सिंहासन पर बैठाते हैं। हमने अपने आराध्य को उचित स्थान दिया, हम भी व्यवस्थित हो गए। श्रद्धा और आस्था का परिणाम मिलता है। एक बीज बोया हजार गुना अनाज होता है।उसी प्रकार समय पर दिए गए दान का कई गुणा फल मिलता है।यथा शक्ति दान, पुण्य करें। गौशाला में भी आप सेवा दे सकते हैं। आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज दान के लिए प्रेरित करते थे।

गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपनी क्षमता अनुसार दान करता है। दान करने पर आपके मन में एक अच्छा विचार और सही दिशा मिल जाती है।मंदिर को लेकर जितने प्रश्न उठाते हो उतने अपने ऊपर उठाओ। मंदिर हमारी आराधना का केंद्र है। आज के समय में व्यवहार को महत्व है। उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं। मुनिश्री ने कहा धर्म का
प्लेटफार्म आगे बढ़ने के लिए दिया है। टेलेंटों को उभारने के लिए प्लेटफार्म दिया है। हमारी महिलाएं झांसी की रानी, इंदिरा गांधी की तरह बनें।

इंदिरा गांधी में काफी सभ्यता और संस्कार हमने आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज के समक्ष हमने अपनी आंखों से देखी।धर्म और अच्छे काम में आगे बढ़ने वाले बच्चों को हम सभी संतों का सदेव आशीर्वाद रहेगा। व्यक्ति का नहीं गुणों और तप का स्वागत व सम्मान है।कोई भी काम ऐसे हो जिससे प्रेरणा मिलें।अच्छे काम करें जिससे आपकी संस्कृति सुरक्षित रहें। संस्कृति और संस्कार क्या होता है यह समझें। जहां कमाई अर्थात पुण्य मिलना है वहां नहीं जाते हो। आत्मा को निखारना है। भारतीय संस्कृति में जैनों की बहुत अच्छी संस्कृति है। विज्ञान की सुविधा दुविधा बनी यह इंदिरा गांधी ने भी कहा था।

आत्मा को निखारने व गुणवान बनाने वाला है। जैनियों का इतिहास पढ़ो। धर्म से ऊपर देश होता है। मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज ने कहा हम अहिंसा वादी है लेकिन देश की रक्षा करने जैनी आजादी में योगदान करने शामिल हुए। मोतीचंद शाह जैन में देश को आजाद कराने में आगे आया।गंगाधर तिलक से मिला। अपनी स्वतंत्रता, संस्कृति के लिए अंग्रेजों से लड़ रहे थे,देश भक्त। सिद्धांतों के प्रति सम्मान।आने वाली पीढ़ी को संस्कारित करें, लौकिक शिक्षा बहुत ले ली। गलत शिक्षा पद्धति के परिणाम बच्चे ही सभी निर्णय ले रहे हैं।

परम पूज्य मुनि श्री निष्पक्ष सागर जी महाराज की प्रेरणा से विद्योदय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता समूह भारत द्वारा प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।यह एक ऑनलाइन प्रतियोगिता थी।जिसमें सम्पूर्ण विश्व से हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया था।जिसका तृतीय पुरुस्कार गुरु भक्त संयम जैन जबेरा को प्राप्त हुआ था।आष्टा नगर से भी प्रतियोगिता में कई लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसमें समाज की कुमारी टिशा जैन पोरवाल ने भी सांत्वना के रूप में विशेष पुरुस्कार प्राप्त किया है। उन्हें पूज्य मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज जी के हाथों से संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज का रजत चित्र भेंट किया गया।

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