नवरात्रि पूजन से जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता, समृद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है- आचार्य अमित तिवारी

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितम्बर 2025, सोमवार से प्रारंभ होकर 1 अक्टूबर 2025, बुधवार तक चलेगी।
नवरात्रि का यह पावन पर्व शक्ति की साधना और भक्ति का अनुपम अवसर है।
नौ रातों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करने से जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता, समृद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत आज से हो रही है । हिन्दू धर्म में नवरात्रि का पर्व अत्यंत पवित्र माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद ही पवित्र माना जाता है। इन नौ दिनों में माँ आदिशक्ति के नौ दिव्य स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और ऐसा विश्वास है कि माँ की भक्ति से सभी दुःख-दर्द मिट जाते हैं ।इस नवरात्रि माँ दुर्गा की आराधना हमें शक्ति, धैर्य और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद देती है। हमारी साधना और भक्ति से माता की कृपा प्राप्त होती है। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि इस पावन पर्व पर प्रतिदिन माँ के मंत्रों का जप करें और उनके गुणगान में लीन हो जाएँ।

नवदुर्गा के ये रूप हमें हर विपत्ति से बाहर निकालने की शक्ति देते हैं और जीवन में सकारात्मकता प्रदान करते हैं।नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ के ये नौ स्वरूप समर्पित हैं: मां शैलपुत्री (पहला दिन) – पर्वत पुत्री, हिमालय की बेटी, वृषभ वाहन पर विराजमान देवी। इनका मंत्र है ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः । मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) – तपस्विनी देवी, संयम और साधना की प्रतिमूर्ति, सफेद वसनधारी माता। इनका मंत्र है ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः । मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) – शौर्य और सौम्यता की देवी, जिनके माथे पर चंद्रमा के आकार की घंटा है। इनका मंत्र है ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः । मां कूष्मांडा (चौथा दिन) – जगत की रचयिता,

उज्जवल ऊर्जा की स्रोत, आदिशक्ति का सृजनात्मक रूप। इनका मंत्र है ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः । मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) – करुणा और ज्ञान की माता, शिशु स्कंदकुमार (कार्तिकेय) को अपने कंधे पर लेटी हुई देवी। इनका मंत्र है ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः । मां कात्यायनी (छठा दिन) – महिषासुर वधकर्ता, वीरांगना रूप, शेर पर सवार माता। इनका मंत्र है ॐ देवी कात्यायन्यै नमः । मां कालरात्रि (सातवां दिन) – तमोगुण की विनाशक देवी, अंधकार के काले रूप की प्रतिमा। इनका मंत्र है ॐ देवी कालरात्र्यै नमः । मां महागौरी (आठवां दिन) – निर्मल श्वेतवर्णा देवी, शांति और

शुद्धि की आत्मा, सौम्य और दयालु भावनाओं से पूर्ण।
इनका मंत्र है ॐ देवी महागौर्यै नमः । मां सिद्धिदात्री (नवां दिन) – सर्वसिद्धि प्रदान करने वाली देवी, अनंत ज्ञान और पराक्रम की जननी। इनका मंत्र है ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः ।
आचार्य अमित तिवारी के अनुसार इन नौ दिव्य स्वरूपों की आराधना से हमारे हृदय में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। नवरात्रि में पूजा, जप और ध्यान से मन पवित्र होता है और कठिन इच्छाएं भी पूर्ण होती हैं। कृपा पूर्वक माँ दुर्गा के चरणों में स्वयं को समर्पित करके हम जीवन में मंगल और समृद्धि पा सकते हैं।

इस नवरात्रि चलें, माता के भजन-कीर्तन से वातावरण को भक्तिमय बनाएं और माँ का ध्यान करते हुए सब दुःखों से मुक्ति पाएं।
आचार्य अमित तिवारी ने बताया की नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर है। इस पावन समय में हम अपने भीतर के आलस्य, क्रोध, ईर्ष्या, अहंकार और लोभ जैसी नकारात्मकताओं का नाश कर, भक्ति, करुणा, ज्ञान, और आत्मबल जैसी सकारात्मक शक्तियों का स्वागत करें। हिंदू धर्म में नवरात्रि को शक्ति की उपासना का महापर्व कहा गया है।

देवी दुर्गा को शक्ति, साहस, विजय और समृद्धि की अधिष्ठात्री माना गया है। यही कारण है कि इन नौ दिनों में साधना, उपवास, हवन, पाठ और दान का विशेष महत्व बताया गया है।
नवरात्रि के दौरान साधक व्रत रखते हैं और ध्यान-पूजा से मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं।घर-घर में कलश स्थापना कर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है।दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी कवच और अर्गला स्तोत्र का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।कन्या पूजन कर देवी स्वरूप बालिकाओं का आदर करने से देवी कृपा का सीधा आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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