updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने जिले के सभी प्राचार्य एवं स्कूल संचालकों को निर्देश दिये है कि उच्च न्यायालय के निर्देश एवं सीबी एसई के निर्देश तथा केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन के लिए पुनः निर्देशित किया जाता है, कि स्कूल बसों में बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए जारी गाईड लाईन्स का पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।

कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जारी गाईड लाईन्स के तहत सभी स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए, केन्द्रीय मोटरयान नियम के प्रावधान अनुसार बसों के आगे और पीछे बड़े व स्वच्छ अक्षरों में स्कूल बस लिखा जाये, यदि स्कूल बस किराये की है, तो उस पर आगे एवं पीछे विद्यालय सेवा में (ऑन स्कूल लिखा जाये, विद्यालय द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली किसी बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नही बैठाये जाये,

प्रत्येक बस में अनिवार्य रूप से प्राथमिक चिकित्सा के लिए ‘फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था की जाये। बसों की खिड़कियों में आड़ी पट्टियां (होरीजोन्टल ग्रिल) अनिवार्य रूप से लगाई जाये, प्रत्येक बस में अग्नि शमन यंत्र की व्यवस्था हो। बस में स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर बड़े अक्षरों में अवश्य लिखा जाये, बस के वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का न्यूनतम 05 वर्ष का अनुभव होना चाहिये। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देशों में कहा कि

ट्रैफिक नियमों का पूर्व में दोषी ठहाराया गया नहीं होना चाहिये, केन्द्रीय मोटरयान नियम के प्रावधानों अनुसार बस में वाहन चालक के अतिरिक्त एक अन्य व्यस्क व्यक्ति भी हो, यदि बस में छात्रायें भी हो तो उस बस में महिला अध्यापक अथवा सहायिका की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, बच्चों के बस्ते रखने के लिये सीट के नीचे जगह होना चाहिये। बसों में दो दरवाजे प्रवेश एवं निर्गम हो तथा आपातकालीन खिड़की लगी होना चाहिये,

बस में गतिनियंत्रक (Speed Governer) 40 किलोमीटर प्रतिघण्टा की स्पीड पर फिक्स किया हुआ हो,शैक्षणिक संस्थान बस परिवहन की श्रेणी, स्कूल बसों के लिए परमिट एवं फिटनेस आवश्यक, वाहनों का पीयूसी प्रमाण हो। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देशों में कहा कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शैक्षणिक संस्था बस के चालकों के चरित्र सत्यापन किये जाने एवं बसों में वीएलटीडी डिवाईस एवं सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है,

स्कूली वाहन के रूप में एलपीजी से संचालित वाहन का प्रयोग सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत विस्फोटक है, स्कूल प्रबंधन यह निगरानी रखी जावे कि, स्कूल का कोई भी बच्चा एलपीजी संचालित वाहन से स्कूल न जाये और ऐसा होने पर उसका दायित्व होगा कि, इस संबंध में तत्काल पुलिस प्रशासन एवं परिवहन विभाग को सूचित किया जाये। प्राचार्य एवं स्कूल प्रबंधक सात दिवस के अंदर अपने वाहनों को दिशा निर्देशों के तहत आवश्यक सुधार करे अन्यथा मोटरयान अधिनियम के तहत कार्यवाही की जावेगी।

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