updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- आईईएस पब्लिक स्कूल सीहोर में मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स के तत्वाधान में तीन दिवसीय क्राफ्ट एंड वेअवेस कार्यशाला का आयोजन आईईएस कैम्पस में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ प्रोफ (डॉ) सुनीता सिंह, चेयरपर्सन, आईईएस पब्लिक स्कूल, भोपाल एवं सीहोर द्वारा दीप प्रवालन कर किया। कार्यशाला के दौरान अर्चित सहारे, सहायक निदेशक हस्तशिल्प, कपड़ा मंत्रालय और शैलेन्द्र सिंह राजपूत शिल्प प्रदर्शन-सह-जागरूकता कार्यक्रम (सीडीएपी), हस्तशिल्प के संयोजक ने छात्रों को संबोधित किया और हमारे देश के लिए हस्तशिल्प के महत्व पर जोर दिया।

इस कार्यशाला में आईईएस पब्लिक स्कूल भोपाल एवं सीहोर सहित आईईएस यूनिवर्सिटी के छात्रो ने हिस्सा लिया जिसमे छात्रो ने विभिन्न हस्तशिल्प के बारे में सीखा और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखी। छात्रो ने ब्लॉकपेंटिंग, पेपर माचे, कढ़ाई, लोककला, मधुबनी पेंटिंग, बुनाई आदि में उत्साहपूर्वक भाग लिया। तीन दिवसीय क्राफ्ट एंड वेअवेस कार्यशाला के सफलता पूर्वक समापन पर श्री प्रियांश सिंह यादव, चेयरमैन, कैलाश वेल्फेयर सोसाइटी भोपाल ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए प्रत्येक माह गर्भावस्था की दूसरी एवं तीसरी तिमाही की महिलाओं की जांच कर हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं जांच शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। महिलाओं की जांच प्रत्येक शिविर में सुनिश्चित की जा रही है। इस दौरान जागरूकता एवं जांच शिविरों में गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों की जानकारी भी दी जा रही है। गर्भवती महिलाओं और प्रसवोत्तर महिलाओं के लिए

मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को देखते हुए स्वास्थ्य परामर्श एवं स्क्रीनिंग की शुरुआत की गई है। गर्भावस्था एवं प्रसव पश्चात महिलाएं डिप्रेशन, चिंता और अन्य मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो सकती हैं। इसे देखते हुए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत इस पहल का उद्देश्य महिलाओं एवं परिजनों को गर्भावस्था के दौरान शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व के तहत उच्च जोखिम के लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं की जांच, परामर्श, उपचार, पैथोलॉजी जांच, सोनोग्राफी जांच की जाती है।

स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ता जैसे आशा, ए एन एम द्वारा गर्भवती महिलाओं को परामर्श एवं जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में लाया जाता है। जहां पर चिकित्सकों द्वारा महिलाओं में गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों की पहचान कर सलाह एवं दवाइयां दी जाती हैं। गर्भावस्था में एनीमिया, गर्भावस्था जनित उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था जनित डायबिटिज़, पूर्व में ऑपरेशन द्वारा प्रसव इत्यादि लक्षण होने पर हाई रिस्क प्रेगनेंसी के रूप में चिन्हित किया जाता है। इन महिलाओं को विशेष चिकित्सकीय देखभाल एवं परामर्श की सेवाए प्रदान की जाती है।

चिकित्सकीय परामर्श के साथ हीमोग्लोबिन, यूरिन एल्ब्युमिन, शुगर, मलेरिया, टीबी, हेपेटाईटिस, ओरल ग्लूकोज़ टेस्ट, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस की जांच की जाती है। चिकित्सकीय परामर्श अनुसार सोनोग्राफी एवं थायराईड की जांच भी की जाती है। मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए, उच्च जोखिम की गर्भवती महिलाओं का सही समय पर चिन्हांकन किया जाना बेहद आवश्यक है। जिससे इन गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। हाईरिस्क महिलाओं की न्यूनतम 4 जांचों के साथ 3 अतिरिक्त जांचे भी की जाती हैं। जिनमें से न्यूनतम एक जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा की जाती है।

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