updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना लागू की गई है। योजना का उद्देश्य किसी भी प्रकार हिंसा से पीड़ित महिलाओं को पारिवारिक सहायता नहीं मिलती और जीवन यापन करने के सभी रास्ते बंद हो जाते है ऐसी कठिन परिस्थितियों के लिए महिलाओं को परिवार एवं समाज में पुर्नस्थापित होने के लिए विशेष सहयोग की आवश्यकता होती है।
किसी भी पीड़ित महिला को आत्म निर्भरता का बढ़ावा देने के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ा जाने से स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार का भी भरण-पोषण कर सकती है। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना में विपत्तिग्रस्त, पीड़ित, असहाय, निराक्षित आपात स्थिति में महिलाओं की सहायता करना, पीड़ित महिला को पुर्नस्थापित करना, महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना, महिलाओं को आत्म निर्भर बनाना, महिला का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक स्तर बढ़ाना और महिलाओं को आत्म निर्भर बनाते हुए समाज की मुख्यधारा में
पुर्नस्थापित करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। योजना जिले में ग्राम आगनबाड़ी स्तर तक की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें मुख्य रूप से फार्मेंसी, ब्यूटिशियन, होटल, इवेंट मैनेजमेंट, नर्सिंग-शार्ट टर्म मैनेजमेंट (कुकिंग-बैकिग और प्रयोगशाला सहायक), फीजियोथैरेपी, आईटीआई, पॉलिटेक्निक कोर्स, बीएड, डीएड कोर्स कराये जाते हैं। शासकीय संस्थान से आया, दाई, वार्ड परिचायिका, हॉस्पिटैलिटी एवं अन्य प्रशिक्षण जो कि शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए जाते है।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना मजदूरी करने वाली गर्भवती महिलाओं को मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई है। मातृत्व वंदना योजना में मजदूरी करने वाली गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने की वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और उनकों नगदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन पोषण के प्रभाव को कम करना है।प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चें के जन्म के दौरान लाभ मिलेगा होगा।
योजना के लाभ की राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। योजना में गर्भवती महिलाओं को पहली किस्त के रूप में एक हजार रूपए पंजीकरण के समय दी जाती है। दूसरी किस्त दो हजार रूपए 6 माह की गर्भवास्था के बाद और तीसरी किस्त बच्चे का जन्म के बाद इस प्रकार कुल 5 हजार रूपए की आर्थिक सहायता गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। बच्चें को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित टीके निःशुल्क लगाए जाते हैं।केन्द्रीय और राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक उपक्रम में नियमित रोजगार में है वे किसी अन्य योजना या कानून के तहत समान लाभ प्राप्त करती है।