गोगा नवमी चल समारोह का कैलाश परमार मित्र मंडल ने किया स्वागत- गोगाजी महाराज वीरता आस्था और लोक कल्याण के प्रतीक- कैलाश परमार

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- गोगा नवमी के अवसर पर रविवार को वाल्मीकि समाज द्वारा निकाले गए चल समारोह का खारी कुंडी चौराहा पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर कैलाश परमार मित्र मंडल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने निशान की आरती उतारी और पुष्पवृष्टि कर श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया। पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने चल समारोह समिति के अध्यक्ष बनवारीलाल पवार तथा संरक्षक राहुल वाल्मीकि आदि का स्वागत

पट्टिका एवम पुष्पमाला पहना कर स्वागत किया। प्रभु प्रेमी संघ के संयोजक तथा पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने कहा कि गोगाजी महाराज वीरता, लोककल्याण और आस्था के प्रतीक हैं। उनके जीवन से हमें अन्याय के खिलाफ खड़े होने और समाज में भाईचारे की भावना मजबूत करने की प्रेरणा मिलती है।
इस मौके पर प्रभुप्रेमी संघ के महासचिव प्रदीप प्रगति,वरिष्ठ अभिभाषक सुरेन्द सिंह परमार, कांग्रेस नेता घनश्याम जांगड़ा, शुभम शर्मा, पल्लव प्रगति,

संजय जैन किला, संतोष मालवीय, भागीरथ चौहान शिक्षक, राज परमार ने भी गोगाजी महाराज के जयकारों के साथ निशान का स्वागत किया। चल समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। डीजे की भक्ति धुनों और गोगाजी महाराज की जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। समाज के महिला-पुरुष, युवा और बच्चे पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर चल समारोह में शामिल हुए।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- करीब 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के युद्ध के पूर्व जो गीता के उपदेश दिए। वे उपदेश संपूर्ण विश्व में प्रबंधन के रूप में आत्मसात् किए जा रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने लोककल्याण के लिए अवतार लिया तथा उन्होने अतिचारी प्रवृत्ति को लोगो का शमूल किया। भगवान श्रीकृष्ण के गीता के उपदेश हमारी अनमोल धरोहर हैं।

विश्व के कई देशो में गीता के ज्ञान को लोक प्रबंधन एवं बेहतर प्रबंधन के रूप में अनुगमित किया जा रहा हैं। श्री कृष्ण के जन्म से पूर्व उनके माता पिता एवं जन्म के बाद स्वयं श्री कृष्ण भगवान को विभिन्न कष्ट उठाना पड़े, परंतु अन्याय के विरुद्ध वे हमेशा धर्म के साथ खड़े रहे अन्याय के विरुद्ध उन्होंने पांडवों को नैतिक बल प्रदान किया, युद्ध में मैदान में उन्होंने जो ज्ञान अर्जुन को दिया वह भगवत गीता के रूप में आज विश्व में सर्व मान्य है। हमें आवश्यकता हैं कि हम भी हमारे बच्चो एवं

हम स्वयं गीता के अनमोल ज्ञान को और अच्छे से आत्मसात् करें तथा हमारे देश को विश्व गुरू के रूप में स्थापित करें। उक्त आशय के उद्गार पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कैलाश परमार ने यादव-अहीर समाज द्वारा भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में निकाली गई शौभायात्रा के सम्मान में व्यक्त किए। चल समारोह का नगर में विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया, जुलूस में श्री कृष्ण का विशाल चित्र एक रथ पर, दूसरे रथ पर राधा कृष्ण की जुगल जोड़ी विराजमान रही। जुलूस में सम्मिलित चल समारोह अध्यक्ष पवन प्रेम यादव,

डॉ सूरज यादव, नंदकिशोर यादव, लोकेश यादव, संदीप यादव, कमल सिंह सरपंच, धर्मेंद्र आस्था, राधेश्याम यादव बंटी, सुशील यादव, रमेश चंद्र यादव नगर पालिका, संजय यादव आदि का बुधवारा में प्रभु प्रेमी संघ एवं कैलाश परमार मित्र मंडल ने भावभीना स्वागत जन्माष्टमी के उपवास को दृष्टिगत उपवास के प्रसाद वितरण तथा पुष्प वर्षा एवं स्वागत पत्रिकाओं से किया गया। प्रभु प्रेमी संघ के महासचिव प्रदीप प्रगति, रमेश मेवाड़ा सपना, राज परमार, शुभम शर्मा, एडवोकेट पल्लव जैन आदि ने जुलूस में सम्मिलित देवियों सज्जनों का साथियों सहित स्वागत किया।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नागरिको को अपने अधिकारो के साथ संविधान द्वारा प्रदत्त कर्तव्यो का भी पालन करना चाहिऐ, तभी हमारी स्वतंत्रता सार्थक हो सकती है। हम अपने अधिकारो के प्रति तो सचेत रहते हैं परंतु राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्यों के निर्वहन में अपेक्षित कर्तव्यों का निर्वहन नही कर पाते हैं। उक्त आशय के उद्गार जिला न्यायधीश विजय कुमार डांगी ने 79 वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होने कहा कि संविधान के 42 वे संविधान संशोधन द्वारा अनुच्छेद 51-ए वर्ष 1976 में नागरिको के कर्तव्य समाहित किए गऐ।

जिनका उद्देश्य नागरिको को राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का पालन करना समाहित किया गया। हमेे भारत की संप्रभुता, एकता, अखण्डता को अक्षुण्ण रखना, देश की रक्षा एवं सेवा, स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्दय में संजोये रख उनका पालन करना, देश के सभी नागरिको के प्रति समरसता रखना, धर्मं, भाषा, जाति, वर्ग से परे रहना, पर्यावरण एवं प्रकृति की रक्षा करना, सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा, शिक्षा आदि ऐसे कई कर्तव्य हैं जो हमारी दैनिकचर्या से जुडे हुए हैं। उन्होने आगे कहा कि यदि हमारा राष्ट्र सुरक्षित हैं तो हम सुरक्षित हैं,

इसलिए हम अधिकारो से ज्यादा हमारे कर्तव्यो के निर्वहन में भागीदार प्रकट करें। जिला न्यायधीश महेश कुमार चौहान ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं स्वतंत्रता आंदोलन कारियों की वर्षो की मेहनत के बाद हमें 1947 में स्वतंत्रता मिली थी, इसलिए हमें इस स्वतंत्रता को संजोकर रखना होगा। व्यवहार न्यायाधीश नदीम जावेद खान ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस एक दिन का उत्सव नही अपितु सदैव हमें हमारे जहन में राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं हमें जो भी दायित्व मिला हैं, उसका पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ निर्वहन करें

यही हमारी राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा होगी। न्यायालय परिसर में जिला न्यायधीश एवं अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण विजय कुमार डांगी ने ध्वजारोहण किया। पुलिसकर्मियो ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर व्यवहार न्यायधीश वर्ग-1 श्रीमति ऋचा जैन, न्यायधीश श्रीमति ऋचा शर्मा, अधिवक्ता संध अध्यक्ष कृपाल सिंह ठाकुर सहित अन्य अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारी, पुलिसकर्मी आदि मौजूद रहें। इस अवसर पर न्यायालय में कार्यरत् बेहतर सेवा देने वाले विभिन्न न्यायालयीन कर्मचारियों को प्रमाण पत्र सौपकर सम्मानित किया गया।

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