धंनजय जाट आष्टा:- श्रीमद्भागवत भगवान श्री कृष्ण का वांग्मय स्वरूप है भगवान का शब्द रूपी विग्रह है भागवत के दर्शन मात्र से ही मनुष्य के अनेक जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं

उक्त विचार प्रभात फेरी मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस व्यास पीठ पर विराजे संत श्री मिट्ठू पुरा सरकार द्वारा व्यक्त किए हुए

इसके पूर्व कथा स्थल श्री राधा कृष्ण मंदिर अदालत रोड भागवत भगवान की कलश यात्रा निकाली गई कथा के मुख्य यजमान कैलाश पंडित जी द्वारा भागवत जी को सिर पर धारण किया और व्यास पीठ पर भागवत जी की स्थापना की गई

आज की कथा में भागवत के महत्व का बड़े विस्तार से प्रकाश डालते हुए संत श्री ने बताया कि श्रीमद्भागवत इस कलयुग में जीव को जगदीश से जोड़ने की पावन और मंगलमय कथा है इसके श्रवण मात्र से बड़ा से बड़ा पापी व्यक्ति भी पाप से मुक्त होकर भगवत धाम को चला जाता है

इसी क्रम में भागवत के रचयिता श्री वेदव्यास जी द्वारा नारद जी से प्राप्त चार श्लोक की भागवत का विस्तार करते हुए इसके 18000 श्लोक में वर्णित किया भागवत कथा में 12 स्कंध और 335 अध्याय हैं यह 12 स्कंध ही भगवान का दिव्य शरीर है

प्रथम दो स्कंध भगवान के चरण कमल तीन और चार स्कंध भगवान के सुंदर जंगा पांचवा स्कंध भगवान का उदर छठे और सातवें स्कंध भगवान की बलिष्ठ भुजाएं आठवां स्कंध भगवान का हृदय स्थल नवम स्कंध भगवान की ग्रीवा दशम स्कंध भगवान का मुख कमल 11 स्कंद भगवान का ललाट और बारवा स्कंद भगवान का सिर इस प्रकार श्रीमद्भागवत का यह दिव्य स्वरुप है

इसके अलावा भागवत के परम वक्ता सुखदेव जी के जन्म की कथा को बड़े विस्तार से वर्णन किया और महर्षि नारद के पूर्व जन्म का वृतांत बड़े मार्मिक ढंग से सुनाया जिसे सुनकर समस्त श्रोता भाव विभोर हो गए, इसके साथ ही भक्ति ज्ञानऔर वैराग्य की चर्चा करते हुए

बताया की कलयुग के प्रभाव से भक्ति तो वृंदावन में आकर युवा हो गई पर उसके दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य वृद्ध हो गए तब भक्ति माता ने नारद जी से प्रार्थना की और नारद जी ने सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आनंद धाम हरिद्वार में दिव्य आयोजन किया

और कथा श्रवण से भक्ति के दोनों पुत्र तरुण होकर कथा में नृत्य करने लगे जब परीक्षित ने महाराज सुखदेव जी से पूछा कि क्या भागवत सुनने से किसी अधम पापी का भी उद्धार हुआ है तब श्री सुखदेव जी ने धुंधकारी और गोकर्ण जी की कथा परीक्षित जी को सुनाई धुंधकारी जैसा महान पापी भी भागवत कथा श्रवण से दिव्य शरीर प्राप्त कर भगवान के धाम को गया

और इस कलयुग में भी हरि भजन के प्रभाव से मीराबाई और कबीर दास सा शरीर बैकुंठ धाम को चले गए कथा के पूर्व व्यास पीठ पर विराजित संत श्री मिट्ठूपुरा सरकार का समिति के गोपाल दास राठी रमेश चंद्र भूतिया दिनेश जी वर्मा प्रेम नारायण जी और महिला मंडल‌ द्वारा शाल श्रीफल भेंट कर स्वागत किया और व्यासपीठ की पूजन की

प्रथम दिवस की कथा में मधुर भजन गायक प्रहलाद प्रजापति जिनको की रविंद्र जैन की उपाधि क्षेत्र में दी गई है के गाए हुए भजनों पर उपस्थित श्रोता भक्ति रस में सरोबोर होकर नृत्य करने लगे आज कथा श्रवण करने हेतु सवाई सिंह ठाकुर

नन्नू सिंह बड़ोदिया संजय धारवा सेवाराम मालवीय श्याम श्री वादी शिवनारायण जी माखनलाल वर्षा धारवा सहित बड़ी संख्या में माता बहने पधारी और कथा श्रवण का लाभ प्राप्त किया आज का प्रसाद राजेंद्र सिंह सोलंकी परिवार द्वारा वितरित किया गया।

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