धनंजय जाट आष्टा:- माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीहोर श्री आर.एन. चंद के निर्देशानुसार तहसील विधिक सेवा समिति, आष्टा अध्यक्ष /प्रथम जिला न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार के मार्गदर्शन में श्री कंचन सक्सेना द्वितीय जिला न्यायाधीश द्वारा राजश्री एजुकेशन सोसायटी फॉर प्रोफेशन स्टडी द्वारा संचालित राजश्री कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज आष्टा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें श्री सक्सेना ने बताया कि भारत का नागरिक होने के नाते हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार प्राप्त होते है जैसे:- समानता का अधिकार, स्वतंत्रता अधिकार, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, संवैधानिक अधिकार, संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार के बारे एवं उनसे संबंधित अनुच्छेदों के बारे में विस्तार से बताया गया
और उन्होंने कहा कि हर भारतवासी को अपने मूल कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और मोटर दुर्घटना अधिनियम के बारे में कहा कि यातायात के प्रति सुरक्षा सजग हेतु कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जैसेः- हेलमेट सुरक्षा हेतु पहनना, ड्रायविंग लाइसेंस, वाहन का बीमा, वाहन से संबंधित अन्य आवश्यक दस्तावेज को साथ रखना।
श्री राजेश कुमार मड़ावी द्वारा बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 एवं हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत जिस पुरूष ने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो और यदि वह महिला है तो उसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो इससे पहले विवाह होना अपराध माना जाता है।
राजश्री काॅलेज संचालक श्री बी.एस. परमार द्वारा आभार व्यक्त किया गया। उक्त शिविर में प्र.प्रा. अर्जुन परमार, पी.एल.व्ही. श्री पदमसिंह, पूजा परमार, सविता बैरागी, रामवती मेवाड़ा, मनोज कमलोदिया, ओमप्रकाश मेवाड़ा, राहुल सेन, प्रहलाद मेवाड़ा, द्वारकाप्रसाद करमोदिया, पुष्पा मेवाड़ा, मनीष सोलंकी, भैयालाल वर्मा, दीपिका जैन, दीपिका जाधव, श्री मनोहर सिंह राठौर, ज्योति ठाकुर, अखिलेश सक्सेना, महेश ठाकुर, रीना चैरसिया, बहादुर सिंह व रवि मेवाड़ा आदि उपस्थित रहे।