धनंजय जाट आष्टा:- राजश्री एजुकेशन सोसायटी फॉर प्रोफेशन स्टडी द्वारा संचालित राजश्री कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज आष्टा में संविधानदिवस के उपलक्ष्य में संविधान पाठ एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिसमें विद्यार्थियो ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया सहायक प्राध्यापक रामवती मेवाडा द्वारा संक्षेप में सवंधिन पाठन करते हुए बताया कि जब अंग्रेजों का शासन काल खत्म होने वाला था तक भारत को एक ऐसे कानूनी किताब की जरूरत थी जिससे देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के बीच एकता, समानता बनी रहे साथ ही देश एकजुट हो और सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के सभी अधिकार मिले।

जिसे देखते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संविधान बनाने की मांग उठने लगी थी और संविधान सभा के गठन की मांग उठने लगी। 29 अगस्त 1947 में संविधान सभा में बडा फैसला हुआ और डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में ड्राफि्ंटग कमेटी का गठन हुआ। इसके बाद 26 नवम्बर 1949 को संविधान बनकर तैयार हो गया और बाद में 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।

साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को संविधान दिवस के रूप में मनाने के केन्द्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकां में सम्मान की भावना को बढावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय संचालक बी.एस. परमार द्वारा की गई।

इस अवसर पर विद्यार्थियों के साथ प्र.प्रा. अर्जून परमार, सविता बैरागी, मनोज कमलोदिया, ओमप्रकाश मेवाडा, प्रहलाद मेवाडा, राहुल सेन, पुष्पा मेवाडा, द्वारकाप्रसाद करमोदिया, मनीष सोलंकी, भैयालाल वर्मा, दीपिका जैन, दीपिका जाधव, जितेन्द्र आर्य, अखिलेश सक्सेना, महेश ठाकुर, रीना चौरसिया, ज्योति ठाकुर बहादुर सिंह व रवि मेवाडा महाविद्यालय स्टॉफ उपस्थि रहा।

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