updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- 26 जनवरी दिन रविवार पुष्पा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में गणतंत्र दिवस का पर्व बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ख्रीस्त प्रेमालय के प्रबंधक फादर टॉमी ने झंडा फहराया। इसके पश्चात् बच्चो ने शहीदों व उनके परिवारों के लिए प्रार्थना की।

विद्यालय के बच्चों ने देशभक्ति प्रकट करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि फादर टॉमी ने बच्चों को गणतंत्र दिवस का महत्त्व बताते हुए बच्चों को देश के प्रति अपने कर्तव्य का ज्ञान कराया। और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया। अंत में विद्यालय के प्राचार्य फादर मेल्विन की जे ने मुख्य अतिथि महोदय का आभार प्रकट किया।

आष्टा:- राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीहोर के मार्गदर्शन में श्री महेश कुमार चौहान, प्रथम जिला न्यायाधीश, आष्टा के द्वारा आज दिनांक 24.01.2025 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय, आष्टा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। श्री चौहान द्वारा बताया कि भारत में हर साल 24 जनवरी को

राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है यह दिन समाज के बालिकाओं के अधिकार, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली सभी असमानताओं के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है इसी प्रकार उनके द्वारा बच्चों से संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी गई। शिविर का संचालन महेन्द्र मालवीय द्वारा किया गया। शिविर में प्राचार्य, शिक्षक गण एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।

मंडी स्थित श्री राम मंदिर के पास चल रही सात दिवसीय राम कथा के दौरान कथा वाचक बाबू दास वैष्णव ने कहा कि राम कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य के जन्म जन्मातरण के पापों का नाश हो जाते हैं। कहा कि कथा सुनकर व्यक्ति धर्म की राह पर चल पड़ता है। समस्त जीवों को भवसागर पार उतरने के लिए कथा का श्रवण ही श्रेष्ठ व उच्च मार्ग है। राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुए भावविभोर- कथा वाचक बाबू दास वैष्णव ने श्री राम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया।

उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभु राम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। इसलिए हुआ राम को वनवास- राम वनवास के बारे में बताया कि

मां कैकेयी के दो वरदान प्रथम भरत को राजतिलक दूसरे राम को 14 वर्ष का वनवास। जिनके कारण मां कैकेयी को आज भी लोग घृणा की दृष्टि से देखते है पर मां कैकेयी का त्याग था ये कि जब तक बाली और रावण की सत्ता रहेगी तब तक राम राज्य नहीं होगा। आप वन जाओ बाली और रावण की सत्ता को खत्म करो और राम ने वही किया। तब रामराज्य की स्थापना हुई। कथा का आज होगा समापन- बाली और रावण वध के साथ भगवान राम के राजतिलक के साथ श्री राम मंदिर पर चल रही सात दिवसीय संगीतमय राम कथा का समापन किया जागएा। समापन अवसर पर मंडी क्षेत्र के प्रमुख मार्गों से चल समारोह निकला जाएगा। भगवान राम की आरती के बाद प्रसाद वितरण के साथ कथा का समापन किया जाएगा।

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