updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित 28 वे युवा उत्सव में सीहोर की अग्रणी नृत्य संस्था चारु नृत्य भूमि कथक कला केंद्र की कुल छह छात्राओं ने समूह लोक नृत्य में जिला ओर संभाग स्तर पे प्रथम स्थान पाकर, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुति दी। प्रतियोगिता में जिन छात्राओं ने इस समूह लोक नृत्य में अपना उत्तम प्रदर्शन कर सीहोर को गौरांवित किया, उनमें सिद्धि माहेश्वरी शानवी शर्मा, ऐश्वर्या शर्मा, साक्षी तिवारी, आद्या दुबे, अनन्या जांगड़े, तथा संगीत स्वर नीतू वर्मा, हारमोनियम प्रांजल गठोनिया, बांसुरी पर महक वारिया एवं ढोलक पर दक्ष शर्मा ने आपका साथ दिया। कार्यक्रम का आयोजन राजधानी भोपाल में किया गया था। इस मौके पर समस्त गुरु जन आप सभी छात्र-छात्राओं को अपना आशीष,स्नेह देते हुए आपके उज्वल भविष्य की कामना की।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- मध्यप्रदेश ब्यूटी एसोसिएशन के तत्वाधान में शहर के एक निजी मैरिज गार्डन में ब्यूटी सेमिनार का आयोजन किया गया था। इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि यह शहर पहला मौका है जो इस तरह के सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के आयोजनकर्ता सुनील सेन ने बताया कि एक दिवसीय ब्यूटी सेमिनार का आयोजन किया गया था।
जिसमें आष्टा, सीहोर, श्यामपुर, भोपाल और इंदौर के पार्लर संचालकों ने भाग लिया और ब्यूटी पार्लर संबंधी कार्यों के बारे में जानकारी दी। गई। सेमिनार में जगदीश राजपूत ने सहयोग दिया। आयोजनकर्ताओं ने बताया कि आजकल फैशन के युग में कोई भी कार्यक्रम शादी, बर्थ-डे, मैरिज एनिवरसरी बिना ब्यूटीशियन के नहीं होते है। यहां पर आने वाले पार्लर संचालकों ने ब्लीचिंग, हेयर कटिंग, हेयर स्टाइल, मेहंदी, आइब्रो फेशियल की जानकारी दी।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- जिले में “गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2025 समारोह पुलिस लाईन ग्राउड पर आयोजित किया जायेगा। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान आवश्यक व्यवस्था बनाये रखने, बच्चों औा अभिभावकों तथा आमजन को किसी प्रकार की कठनाई न हो इस के लिए कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। गणतंत्र दिवस समारोह के तहत प्रभात फेरी आयोजन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक रा०गा०शि०मि०, जिला खेल अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी, यातायात पुलिस अधिकारी को दायित्व सौंपा गया। मंच संचालन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक रा०गा०शि०मि०, इसी प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीतों का चयन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण, जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला समन्वयक रा०गा०शि०मि०, को दायित्व सौंपा गया। इसी प्रकार निर्णायक मण्डल का गठन के लिए अपर जिला दण्डाधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी को दायित्व सौंपा गया। ध्वजारोहण व्यवस्था के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस),
रक्षित निरीक्षक, पुलिस लाईन सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी इसी श्रृखला में झांकी व्यवस्था के लिए प्रभारी डिप्टी कलेक्टर श्री सुधीर कुशवाहा, , महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्री अनुराग वर्मा को दायित्व सौंपा गया। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिये है कि सभर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी 25 जनवरी को प्रात. 09 बजे अंतिम रिहर्सल के समय एवं 26 जनवरी 2025 को प्रातः 08.00 बजे कर्तव्य स्थल पर उपस्थित होकर अपर कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), सीहोर से समन्वय कर ड्यूटी संपादित करेंगे।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- भगवान शंकर की लीला अपरंपार है, मां पार्वती की महिमा का वर्णन करने में शास्त्र भी थक जाते हैं। शास्त्रों में भगवान शिव और मां पार्वती को श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बताया गया है। घनीभूत श्रद्धा के प्रतिबिम्ब भोले शंकर और भगवती पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने ही तारका सुर का वध कर संसार को असुर के अत्याचार से मुक्त कराया था। शिव की समाधि को मन्मथ के माध्यम भंग किया गया ताकि श्रद्धा के साथ विश्वास का विवाह हो सके। उक्त विचार शहर के करोली माता मंदिर में जारी सात दिवसीय
शिव महापुराण के दौरान कथा वाचक पंडित राहुल कृष्ण आचार्य ने कहे। इसके अलावा शबरी और भगवान श्रीराम और भरत का प्रसंग बताया गया। शुक्रवार को कार्तिकेय गणेश जन्मोत्सव का विस्तार से वर्णन किया जाएगा। उन्होंने शिव एवं सती के विवाह के बारे में बताया की भगवान शिव के विवाह के बारे में पुराणों में वर्णन मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने सबसे पहले सती से विवाह किया था। भगवान शिव का यह विवाह बड़ी जटिल परिस्थितियों में हुआ था। सती के पिता दक्ष भगवान शिव से अपने पुत्री का विवाह नहीं करना चाहते थे
लेकिन ब्रह्मा जी के कहने पर यह विवाह सम्पन्न हो गया। एक दिन राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान कर दिया जिससे नाराज होकर माता सती ने यज्ञ में समाहित हो गई। इसके बाद भगवान शिव तपस्या में लीन हो गए। उधर माता सती ने हिमवान के यहां पार्वती के रूप में जन्म लिया। तारकासुर नाम के एक असुर का उस समय आतंक था। देवतागण उससे भयभीत थे। तारकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसका वध सिर्फ भगवान शिव की संतान ही कर सकती है। उस समय भी भगवान शिव अपनी तपस्या में लीन थे। तब सभी देवताओं ने मिलकर शिव और पार्वती के विवाह की योजना बनाई।
भगवान शिव की तपस्या को भंग करने के लिए कामदेव को भेजा गया लेकिन वह भस्म हो गए। देवताओं की विनती पर शिव जी पार्वती जी से विवाह करने के लिए राजी हुए। विवाह की बात तय होने के बाद भगवान शिव की बारात की तैयार हुई। इस बारात में देवता, दानव सभी लोग शामिल हुए। भगवान शिव की बारात में भूत पिशाच भी पहुंचे और ऐसी बारात को देखकर पार्वती जी की मां बहुत डर गईं और कहा कि वे ऐसे वर को अपनी पुत्री को नहीं सौंप सकती हैं। तब देवताओं ने भगवान शिव को परंपरा के अनुसार तैयार किया, सुंदर तरीके से श्रृंगार किया इसके बाद दोनों का विवाह संपन्न हो गया।