updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के वार्ड क्रमांक 16 में सेमिनरी रोड स्थित एसबीएस कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल आष्टा विद्यालय परिवार के द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी वर्ष के अंतिम माह में नव वर्ष के आगमन पर शीतकालीन अवकाश में छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण के लिए अयोध्या, हनुमानगढ़ी, नंदीग्राम, दशरथ महल, कनक महल, प्रयागराज कुंभ मेला कुंभ मेले में लेटे हुए हनुमान जी, प्रयागराज संगम, चित्रकूट, मैहर, भेड़ाघाट, (धुआंधार जलप्रपात) छिंद वाले बाबा (हनुमान मंदिर) आदि स्थानों ले जाया गया। छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक भ्रमण के दौरान
विद्यालय संचालक भोलू सिंह ठाकुर, सहसंचालक जीवन सिंह ठाकुर, प्राचार्य रीना ठाकुर एवं सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं भी उपस्थित रहे। संस्था संचालक भोलू सिंह ठाकुर ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण या फ़ील्ड टूर, छात्रों को कक्षा से बाहर ले जाकर उन्हें सीखने के नए तरीके सिखाने का एक तरीका है। शैक्षिक भ्रमण से छात्रों को कई तरह के फ़ायदे होते हैं:- जैसे शैक्षिक भ्रमण से छात्रों को कक्षा में सीखी गई चीज़ों को देखने, छूने, और अनुभव करने का मौका मिलता है, इससे विद्यार्थियों को भारत की विविधता- जैसे कि इतिहास, विज्ञान, शिष्टाचार, और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जानने में मदद मिलती है। इसी केसाथ शैक्षिक भ्रमण से छात्रों में समूह में रहने की प्रवृत्ति, नायक बनने की क्षमता, आत्मविश्वास, और भाईचारे की भावना भी बढ़ती है।
वहीं सहसंचालक जीवन सिंह ठाकुर बताया कि इससे छात्रों को अपरिचित वातावरण, संस्कृतियों, और स्थितियों से परिचित होने में मदद मिलती है। शैक्षिक भ्रमण से छात्रों की रचनात्मकता बढ़ती है और उन्हें अलग सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है एवं शैक्षिक भ्रमण से छात्रों को वास्तविक जीवन के संदर्भ में विषयों का अनुभव करने में मदद मिलती है। इसी के साथ विद्यालय प्राचार्य रीना ठाकुर ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण का छात्र-छात्राओं ने काफी लुफ्त उठाया। एवं इस शैक्षणिक भ्रमण को यादगार बनाने के लिए सभी बच्चों ने अपने-अपनी मन पसंदीदा जगह पर अपनी सेल्फी ली एवं शैक्षणिक भ्रमण का आनंद लिया एवं प्रकृति को व्यक्तिगत रूप जाना।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- गौ-संरक्षण एवं गौ-संवर्धन के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। हमारा प्रयास है गौ-वंश की उचित देखभाल हो, उन्हें समुचित आहार एवं पोषण मिले और इसके साथ पशुपालकों की आय भी बढ़े। इसके लिए सरकार कई योजनाएं ला रही है। पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। पंजीकृत गौशाला में रहने वाले पशुओं को पहले 20 रुपए प्रति दिन प्रति पशु आहार अनुदान दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 40 रुपए किया जा रहा है।
दुग्ध उत्पादकों को बोनस दिए जाने की भी सरकार की योजना है। उन्होंने कहा कि गौ-वंश पालन से सीएनजी बॉयोगैस संयंत्र की स्थापना को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित सभी गौ-शालाओं का निरीक्षण करवाया जाए। अनुदान की राशि का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। गौ-शालाओं के संचालन में समाज का भी पूरा सहयोग लिया जाना चाहिए। गौ-शाला में गौ-वंश के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि घरों में गौ-वंश पालने के लिए भी शीघ्र योजना बनाई जाए।
गाय का दूध अत्यंत पोषक होता है तथा बच्चों के कुपोषण को दूर करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। गाय के दूध के उत्पादन एवं विपणन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कुपोषित बच्चों को गाय का दूध उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के बड़े नगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर की तरह अन्य बड़ी नगर पालिकाओं में भी आधुनिक गौ-शालाओं का निर्माण किया जाएगा। पालतू एवं निराश्रित गौ-वंश की पहचान के लिए अलग-अलग रंग के टैग लगाए जाएं, जिससे गौ-वंश की पहचान आसान हो सके।