updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- परहित सरिस धर्म नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहीं अधमाई। परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है। और दूसरे को दुख पहुंचाने के समान कोई पाप नहीं है। भगवान की कृपा से 84 लाख विभिन्न योनियों के पश्चात यह मनुष्य शरीर मिला, तो इसे परमार्थ में लगाइए। परमार्थ के कारण मांसाहारी पक्षी गिद्धराज जटायू को भगवान की गोदी प्राप्त हुई। क्योंकि सीता जी को छुड़ाने के लिए जटायु रावण से भी लड़ गए। प्राण चले गए पर अपना धर्म नहीं छोड़ा। और निर्दोषों को सताने को रामायण में सबसे बड़ा पाप माना गया है। दूसरों की पीड़ा को समझो। संत कहते हैं।वैष्णव जन तो उनको कहिए, जो पीर पराई जाने रे।
किसी की मजबूरी का फायदा ना उठाओ। क्योंकि गरीब की हाय लग गई तो आपका सर्वस्व नष्ट हो जाएगा। रहीम जी लिखते हैं। गरीब को मत सताइए, वाह की मोटी हाय। मरे पशु के चृम से, लोह भस्म हो जाय। उपरोक्त बहुत ही अनुकरणीय प्रवचन बजरंग सेना द्वारा दशहरा मैदान पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ, के अंतिम और सातवें दिन क्षेत्र के सुप्रसिद्ध कथा वाचक संत श्री मिट्ठू पुरा सरकार ने अपनी मधुर वाणी से श्रवण कराये। आगे पूज्य महाराज श्री द्वारा भगवान के परम भक्त सुदामा जी के चरित्र का बड़ा ही मार्मिक प्रसंग सुनाया।
जिसे सुनकर सारे श्रोताओं के आंखों से आंसू झरने लगे। पश्चात महाराज परीक्षित के निर्वाण की कथा में बताया संत के श्राप के कारण सातवें दिन तक्षक नाग के काटने से परिचित जी का मोक्ष हुआ। 7 दिन की कथा सुनने के बाद परीक्षित जी को मृत्यु डर समाप्त हो गया। उनकी मृत्यु महोत्सव बन गई। भगवान की कथा जीव को मृत्यु के भय से मुक्त करती है। कथा के मध्य महाराज श्री द्वारा गाए हुए मधुर भजनों पर सब ने झूम झूम कर नृत्य किया। आगे बजरंग सेना के संकल्प जैसे हिंदू राष्ट्र, गाय को राष्ट्रमाता और समरसता के लक्ष्य की पूर्ति के लिये समय-समय पर भागवत कथा आयोजित कराने का संकल्प लिया।
बजरंग सेना के राष्ट्रीय संयोजक रघुनंदन शर्मा द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। संचालन रतन सिंह डॉक्टर द्वारा किया गया। यजमान राजेंद्र सिंह सुनीता बाई ठाकुर मुरावर द्वारा कथा में पधारे सभी साधु संतों को शाल, श्रीफल दक्षिण देकर सम्मान पूर्वक विदा किया। महाप्रसादी कृपाल सिंह पटाडा की गयी। विशाल शोभायात्रा के साथ भागवत जी का विराम हुआ। इस अवसर पर राज्य मंत्री बाबूलाल बंजारा, देवन खेड़ी बड़े बाबा साहब, रणवीर पटेरिया राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग सेना दीक्षा गुणवान, रघुनंदन शर्मा राम शंकर मिश्रा मनोज तिवारी नरेंद्र लोधी, रघुनाथ मालवीय, नरेंद्र लोधी, शोभाल सिंह मुगली, विक्रम सिंह सेवदा, राजेंद्र सिंह बेदाखेड़ी, विक्रम सिंह ,
दौलत सिंह, गोविंद सोनी, गोपी सेठी, प्रमोद राठौड़ सुनील जैन, मनोज नागोरी धीरज सिंह सरकार कृपाराम मितवाल, सुनील फरेला, विजेंद्र सिंह लाखुखेड़ी, सुभाष मितवाल, विक्रम सिंह पटेल,नरेंद्र सिंह कालूखेड़ी, दौलत चौधरी, मनोहर सिंह सरपंच जितेंद्र सितोलिया, धीरज नागराज, जेपी राठौर बहादुर सिंह अध्यापक, इंदर सिंह ठाकुर, नेहा राजपूत, राधेश्याम दाउ, नरेंद्र सिंह भाटी, डॉ नारायण सिंह, कमल सिंह लाखिया उर्मिला मरेठा, कृपाल सिंह पटाडा,अजय पटेल, लखन परमार, नारायण सिंह आचार्य, चंदर सिंह ठाकुर, ज्ञानचंद वर्मा, सहित बड़ी संख्या में भक्तगण पधारे।