updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- संत मिलन को चलिए, तजी माया अभिमान। जो जो पग आगे धरे, कोटि यज्ञ समान। सच्चे सद्गुरु और भगवान के चरणों में दुनिया झुकती है। और सबसे ज्यादा सम्मान भी इन्हीं को मिलता है। जबकि उनके पास मान, अभिमान नाम मात्र का भी नहीं है। निस्वार्थ भाव से देश धर्म और समाज की सेवा करते रहिए, आप भी देवताओं की तरह पुजनीय हो जावोगे। भारत जब आजाद हुआ। महात्मा गांधी से सभी ने निवेदन किया, कि आप चाहे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद स्वीकार करें। पर महात्मा गांधी ने मना कर दिया। और उसी का परिणाम की महात्मा गांधी राष्ट्रपिता बन गए।

आज भी नोट पर छपकर सबके दिलों पर राज कर रहे हैं। क्योंकि जेब और दिल दोनों बांई और होते हैं। और उसी जेब में हम नोट रखते हैं। जो आपके भाग्य में है। वह तो मिलेगा ही बस ईमानदारी से अपना धर्म निभाते हुए निस्वार्थ कर्म करते चलो। नरसी मेहता, गुरु गोविंद सिंह जी, मीराबाई, कबीर दास, महाराणा प्रताप, रविदास जी, धन्ना जाट, तुलसीदास यह सब भगवान नहीं थे। पर आज भगवान की तरह ही इनका भी मान है। उक्त बहुत ही प्रेरक विचार बजरंग सेना परिवार के तत्वाधान में नया दशहरा मैदान पर चल रही

सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा के पांचवें दिवस पर भागवत कथाकार संत श्री मिट्ठूपुरा सरकार द्वारा व्यक्त किए गए। आज संत श्री द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया। के गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की। इनके पिता श्री तेग बहादुर सिंह जी ने भी धर्म के लिए अपना शीश कटवा दिया। एक शीश कटा, पर आज शीशगंज गुरुद्वारा दिल्ली में लाखों शीश झुक रहे हैं। देश और धर्म की रक्षा करते हुए गुरु गोविंद सिंह जी के दो पुत्र अजीत सिंह, जुझार सिंह चमकौर के युद्ध में शहीद हो गए। और दो छोटे बालक जिनकी उम्र अभी मात्र 9 और 11 वर्ष थी।

जोरावर सिंह और फतेह सिंह को मुगल बादशाह ने सरहिंद की दीवार में जिंदा चुनवा दिया। आने वाली 26 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि शहीदी दिवस के रूप में पूरे मध्य प्रदेश में सरकारी स्तर पर मनाई जाएगी ।प्राण दे दिए पर धर्म नहीं छोड़ा। इस्लाम स्वीकार नहीं किया। आज थोड़े से लालच में लोग धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। उन्हें इन कथाओं से प्रेरणा लेना चाहिये। बजरंग सेना द्वारा अनेक हिंदू भाइयों के घर वापसी करवा चुके हैं। जिन्होंने स्वार्थवस धर्म परिवर्तन कर लिया था। बजरंग सेना का एकमात्र लक्ष्य जल्दी से जल्दी भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो।

और हमारी गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा प्राप्त हो। जिस देश में हम गाय को माता मानते हैं ।उसमें आज गाय की क्या दशा है। जिसका पूज्य महाराज श्री द्वारा बहुत ही मार्मिक प्रसंग सुनाया। जिसे सुनकर श्रोताओं की आंखों से अश्रु धारा बहने लगी। गौ माता की रक्षा के लिए ही भगवान ने मनुष्य के रूप में अवतार लिया। । विप्र, धेनु, सुर, संत हित लीन मनुज अवतार। निज इच्छा निर्मित तनु, माया गुन गोपार। कल भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया जावेगा। इस अवसर पर रघुनंदन शर्मा, कैलाश परमार, रायसिंह मेवाड़ा, उर्मिला मरेठा,

रामेश्वर खंडेलवाल, अनिल श्रीवास्तव, सुरेश सुराना, राजीव गुप्ता, मुकेश नामदेव, मनीष डोंगरे, वीरेंद्र राठौड़, नितेश शर्मा,सकल समाज आष्टा, नगिन जैन, प्रभात धड़ीवाल, बाबूलाल पटेल, प्रदीप धड़ीवाल, रवि शर्मा,विजेंद्र सिंह ठाकुर,देवजी पटेल, सुनील आर्य, नरेंद्र कुशवाहा, अजय मितवाल,लखन परमार, ज्ञानचंद , संदीप पटेल, जाट साहब,विष्णु परमार, रूपेंद्र सिंह, डी के परिहार ,सुनील इंजीनियर,, राजेंद्र सिंह रामपुरा,सिद्धू सिंह, कमल सिंह परमार, नागर साहब, चंदर सिंह ठाकुर, नेहा राजपूत, सूरज यादव, मनोहर सिंह,अकेसिह ठाकुर,सहित बड़ी संख्या में भक्तगण पधारे।

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