updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय आष्टा में राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर एक दिवसीय सेमिनार और पोस्टर, कोलाज प्रदशर्नी का आयोजन किया गया। आयोजन का शुभारंभ प्रभारी प्राचायर् डॉ. अबेका खरे द्वारा किया गया। सेमिनार में मुख्य वक्ता श्री वेद प्रकाश शमार्, प्रभारी प्राचायर् महात्मा गांधी महाविद्यालय आष्टा रहे। श्री शमार् ने अपने वक्तव्य में भारतीय ज्ञान परंपरा में गणित का विकास और

भारतीय गणितज्ञों एवं उनका योगदान के बारे में उपस्थित विद्याथिर्यों को अवगत कराया। मुख्य वक्ता ने भारत मे गणित के महानतम इतिहास और विश्व स्तर के गणित ज्ञान मे भारतीय गणितज्ञों के योगदान के बारे में बताया साथ ही गणित के इतिहास से सीख कर कैसे हम भविष्य की योजना बना सकते है और गणित का विकास में हमारा क्या योगदान कर सकते है इस विषय पर विधाथिर्यो को पावर प्रेजेंटेशन द्वारा समझाया। सेमिनार में प्रभारी प्राचायर् और गणित विभागाध्यक्ष डॉ. अबेका खरे ने उपस्थित विद्याथीर् एवं महाविद्यालयीन स्टाफ को गणित विषय के दैनिक जीवन मे उपयोग हो रहे रोचक तथ्य बताये।

उन्होंने बताया कि गणित केवल जोड़ना घटाना ही नही है बल्कि गणित को विज्ञान की रानी कहा जाता है। गणित में रुचि लेकर देखे तो हर जगह गणित की उपयोगिता दिखाई देगी। हमे पता नही होता है यदि हम विज्ञान की दृष्टि से देखे तो गणित हमारी जीवन शैली का अभिन्न अंग है। सेमिनार में गणित विभाग के अतिथि विद्वान श्री वसीम खान ने भी राष्ट्रीय गणित दिवस पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि भारत मे बहुत महान गणितज्ञ हुए है जैसे कि श्रीनिवास रामानुजन इन्होंने भारतीय गणित की पहचान विश्व स्तर पर स्थापित की। श्री निवास रामानुजन के गणित के विकास में अद्वितीय कायर् किये।

इसलिए इनके सम्मान में प्रति वषर् इनके जन्म दिवस पर राष्ट्रीय गणित दिवस बनाया जाता है और हमे गणित का इतिहास जानना जरूरी है हमारे इतिहास की उपलब्धि से ही हम आत्मनिभर्र बन सकते है। गणित को एक कठिन विषय समझना नही चाहिए क्योंकि पूरे ब्राह्मण्ड की रचना गणित नियम से हुई है गणित के नियम से ही हमारा जीवन चल रहा है, हमे भविष्य की आवश्यकता को देखकर गणित विषय मे रुचि लेने की आवश्यकता है। कायर्क्रम के अगले सत्र में गणित विषय के विद्याथिर्यों द्वारा भारतीय गणितज्ञ और उनका विकास विषय पर बहुत ही सुंदर और

आकषर्क पोस्टर, कोलाज की प्रदशर्नी आयोजित की। कायर्कम के सफल आयोजन पर श्री सुरेंद्र यादव अतिथि विद्वान ने आभार व्यक्त किया एवं उन्होंने बताया कि गणित विज्ञान की भाषा है इसलिए गणित को कला संकाय में भी लिया जाता है। श्री सुरेंद्र यादव ने मुख्य वक्ता एवं उपस्थित विद्याथीर्, स्टाफ का आभार माना। कायर्क्रम में तकनीकी सहयोग श्री जितेंद्र विश्कमार्, श्री रामेश्वर अहिके, श्री सतेन्द्र सक्सेना का रहा साथ ही कायर्क्रम के सफल आयोजन में उपस्थित विद्याथिर्यो एवं श्री नफीस अहमद, श्री मुकेश परमार, श्री जगदीश नागले का विशेष सहयोग रहा।

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