update news 247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- गुरुवार को स्थानीय राठौर मंदिर धर्मशाला में स्वर्गीय श्रीमती भगवती बाई कुशवाहा के शांति भोज कार्यक्रम में पंडित जी ने पूजन आरती के साथ गरुड़ पुराण के पाठ का समापन कराया व ब्राह्मण कन्या भोज संपन्न हुआ कुशवाहा समाज ज़िला अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाहा पूर्व पार्षद एवं कुशवाहा समाज पटेल जगदीश कुशवाहा ने समाज की परंपरा अनुसार परिवार की जिम्मेदारी देते हुए स्वर्गीय भगवती बाई कुशवाहा के बड़े पुत्र प्रेम कुशवाहा,

रामजीवन कुशवाहा भान सिंह कुशवाहा, रामपाल कुशवाहा को कुशवाहा समाज की ओर से प्रथम पगड़ी पहनाई कुशवाहा समाज अध्यक्ष रवि कुशवाह, पूर्व पटेल किशोरी लाल कुशवाहा, हेमराज कुशवाहा, गोपाल कुशवाहा, ने शब्दों के माध्यम से मृत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि दी तहसील अध्यक्ष राजकुमार कुशवाहा (ठेकेदार) ने श्रद्धांजलि पत्रक का वाचन किया इस मौके पर सेवाराम कुशवाहा, चैन सिंह कुशवाहा, गोपाल कुशवाहा, विकास कुशवाहा, शुभम कुशवाहा, नारायण कुशवाहा, पटेल दलकिशोर कुशवाहा, आदि ने मृत आत्मा के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र कुशवाहा पूर्व पार्षद ने किया।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- शब्द ब्रह्म है। इसलिए बोलने से पहले तोलना जरूरी है। पहले तोलो, फिर बोलो। हम बोलने तो 2 साल की आयु में ही लग जाते हैं। पर हमें क्या बोलना है, यह जीवन भर नहीं समझ पाते। जीवन में वाणी का बड़ा महत्व है। इसलिए वाणी और पानी बहुत सावधानी से खर्च करना चाहिए। हमारी जुबान का घाव तो बहुत जल्दी भर जाता है। पर जुबान से दिया हुआ घाव जीवन भर नहीं भरता । महाभारत युद्ध के अनेक कारण रहे होंगे, पर उस युद्ध का मूल कारण वाणी ही था। क्योंकि द्रोपती ने हस्तिनापुर नरेश दुर्योधन को बोल दिया था।

कि अंधे की औलाद भी अंधी होती है। यह बात दुर्योधन को तीर के समान लगी, और इसी एक शब्द का बदला लेने के लिए महाभारत का युद्ध हुआ । इसलिए आपकी जेब में चाहे मनी ना हो, पर जुबान पर हनी होना चाहिए। किसी संत ने कहा है कि, शब्द संभाल कर बोलिए इनके हाथ ना पाव। एक शब्द करें औषधि, और एक शब्द करें घाव। आप मधुर कल्याणकारी शब्दों के माध्यम से लोगों के दिल में भी उतर सकते हैं और दिल से भी उतर सकते हैं। अंग्रेजी मे कहावत है। स्पीच इज गोल्ड, बट साइलेंस इज गोल्डन।

उपरोक्त बहुत सरगर्वित प्रवचन बजरंग सेवा परिवार द्वारा नया दशहरा मैदान पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस सुप्रसिद्ध भागवत भास्कर संत श्री मिट्ठू पुरा सरकार द्वारा सुनाए गए। कथा से पूर्व मुख्य यजमान राजेंद्र सिंह मुरावर और बजरंग सेना महिला वाहिनी द्वारा पूज्य महाराज श्री साफा बांधकर भव्य स्वागत किया। कथा में आगे महाराज श्री द्वारा देव ऋषि नारद जी के पूर्व जन्म की कथा सुनाते हुए बताया कि, आपके दृढ़ इच्छाशक्ति है। भगवान के प्रति असीम श्रद्धा है। तो कोई भी काम दुनिया में दुर्लभ नहीं है।

बताया कि नारद जी पूर्व जन्म में एक दासी के पुत्र थे। पर प्रबल भक्ति के कारण दूसरे जन्म में ब्रह्मा के पुत्र के रूप नारद जी का जन्म लिया।अतीसय रगड़ कर जब कोई। चंदन अनल प्रगट तब होई। चंदन स्वभाव से शीतल होता है। पर जब चंदन की दो लकड़ी को आपस में घर्षण करो तो उसमें भी अग्नि प्रकट हो जाती है। आगे कथा में अश्वत्थामा द्वारा द्रोपती के पांच पुत्रों की हत्या का बहुत ही मार्मिक प्रसंग सुनाया जिसे सुनकर सारे श्रोता शोक में डूब गए। सब की आंखों से अश्रु धारा बहने लगी। कल कथा में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

इस अवसर पर सुप्रसिद्ध भजन गायक देवेंद्र मेवाड़ा धौलपुर द्वारा गाए मधुर भजनों सभी श्रोताओं ने झूम-झूम कर नृत्य किया। प्रसाद संदीप पटेल कोठरी की ओर से वितरण किया गया। इस अवसर महेंद्र सिंह इंजीनियर, उर्मिला जी मरेठा, जगदीश चौहान, बापू लाल मालवीय, अनमोल गहलोत, लखन पाटीदार, राजा वर्मा पत्रकार , कैलाश बगाना, सीमा गंगवाल, रूपाली चौरसिया, लखन परमार, मनोहर सरपंच, किशोरी कुशवाहा, योगेंद्र सिंह ठाकुर, वीरेंद्र सिंह जसमत, रमेश जैन सोनू निगम,राधेश्याम दाऊ , सुनील राठौड़ सरपंच,अजय पटेल, चंदर सिंह गवाखेडा, दौलत चौधरी, डॉ रतन सिंह सहित बड़ी संख्या में भक्तगण पधारे

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