updatenews.com धनंजय जाट सीहोर 7746898041- सन के निर्देशानुसार पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक राष्ट्रीय परियोजना के अंतर्गत लाभान्वित होने वाले जिले के सभी 110 गांवों में 16 एवं 17 दिसंबर को जल सम्मेलन एवं जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस परियोजना का भूमिपूजन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को करेंगे। परियोजना के अंतर्गत जारी कार्यक्रम के अनुसार 16 दिसंबर को परियोजना से लाभान्वित होने वाले सभी 110 ग्रामों में प्रात 10 बजे विद्यार्थियों एवं ग्रामीणजनों द्वारा प्रभात फेरी निकाली जाएगी तथा विद्यालयों में परियोजना के संबंध में चर्चा की जाएगी।
इसी प्रकार शाम 04 बजे कलश यात्रा एवं पार्वती तटों पर भजन संध्या एवं दीपदान कार्यक्रम किए जाएंगे तथा किसान सम्मेलन के लिए घर-घर जाकर पीले चावल देकर किसानों को आमंत्रित किया जाएगा। इसी क्रम में 17 दिसंबर को श्यामपुर में बाइक रैली एवं किसान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा। क्या है पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना इस महत्वाकांक्षी परियोजना से प्रदेश के 11 जिले गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना के 2094 गांवों में लगभग 6 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। साथ ही पेयजल एवं औद्योगिक आपूर्ति के लिए जल भी उपलब्ध होगा। योजना में मध्यप्रदेश में 21 बांध एवं बैराज बनाए जाएंगे। योजना अंतर्गत प्रदेश में कराए जाने कार्यों की लागत लगभग 36 हजार 800 करोड़ रुपए है।
इस परियोजना से सीहोर जिले के 110 गांव लाभान्वित होंगे।पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से प्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के लाखों किसानों का जीवन बदलेगा। उन्हें न केवल सिंचाई और पेयजल के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा, अपितु संबंधित क्षेत्र में पर्यटन और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 17 परियोजनाएं एवं राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना शामिल हैं। परियोजना की कुल लागत 72 हजार करोड़ रूपए प्रस्तावित है। परियोजना के क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश के कुल लगभग 6.11 लाख हेक्टेयर नवीन क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल व उद्योगों के लिए लगभग 172 मि.घ.मी. जल का प्रावधान किया गया है।
परियोजना से लगभग 40 लाख परिवार लाभांवित होंगे।संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना में मध्यप्रदेश से प्रारम्भ होने वाली पार्वती, कूनो, कालीसिंध, चंबल, क्षिप्रा एवं सहायक नदियों के जल का अधिकतम उपयोग किया जायेगा। परियोजना के अंतर्गत श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्पलेक्स में 04 बांध (कटीला, सोनपुर, पावा एवं धनवाड़ी), 02 बैराज (श्यामपुर, नैनागढ), कुम्भराज कॉम्पलेक्स में 02 बांध (कुम्भराज-1 एवं कुम्भराज-2) तथा रणजीत सागर, लखुंदर बैराज एवं ऊपरी चम्बल कछार में 07 बांध (सोनचिरी, रामवासा, बचेरा, पदुनिया, सेवरखेडी, चितावद तथा सीकरी सुल्तानपुरा) शामिल हैं।
इसके अलावा गांधी सागर बांध की अपस्ट्रीम में चंबल, क्षिप्रा और गंभीर नदियों पर छोटे-छोटे बांधों का निर्माण भी प्रस्तावित है। राज्य शासन की यह एक बड़ी उपलब्धियों में शामिल है। केन्द्र सरकार के सहयोग से बनने वाली इस परियोजना का कार्य आगामी 05 वर्ष में पूर्ण कर लिया जाएगा। परियोजना अंतर्गत कुल 21 बांध, बैराज एवं बैलेंसिंग रिजर्वायर आदि का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही परियोजना में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के मध्य मौजूदा चंबल दायीं मुख्य नहर (CRMC) एवं मध्य प्रदेश क्षेत्र में CRMC सिस्टम को अंतिम छोर तक नवीकरण एवं आधुनिकीकरण हेतु प्रावधान रखा गया है, जिससे मध्य प्रदेश के श्योपुर, मुरैना, भिण्ड जिलों को सिंचाई एवं पेयजल हेतु आवंटित जल प्राप्त हो सकेगा।