updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के प्रबुद्ध कवियों एवं साहित्यकारों की संस्था साहित्य शिल्पी द्वारा सर्दी भरी संध्या में कविताओं की ऊष्मा को लेकर शरदोत्सव मनाया गया जिसमें अंचल के कवियों द्वारा कवितापाठ किया गया। आयोजन संस्था के अध्यक्ष डॉ. कैलाश शर्मा के सौजन्य से उनके क्लिनिक के हॉल में सम्पन्न हुआ जहां सर्द शाम से देर रात तक कविताओं की ऊष्मा और ऊर्जा सभी अनुभव करते रहें।‌ आयोजन का आरंभ अंचल के प्रसिद्ध संगीतकार कवि श्रीराम श्रीवादी द्वारा सरस्वती वंदना के स्वर .. हे शारदे श्वेताम्बरी मां भारती हमें ज्ञान दे। .. से किया गया।

इसके पश्चात् कवि अतुल जैन सुराणा के संचालन में आयोजन का विधिवत् प्रारंभ किया गया प्रथम कवि के रूप में प्रिज्वल गिरी की पंक्ति ‘‘यदि शिष्य महान नहीं होते तो गुरू भगवान नहीं होते’’ ने सभी की तालियां बटोरी। संस्था के बैनर तले पहली बार कवितापाठ कर रहे युवा हस्ताक्षर सुदर्शन व्यास ने गणेश वंदना सहित दीवाली गीत पढ़ा जिसके बोल थे ‘‘दौड़-दौड़ कर दीपक जलाओ सखी दीवाली आई है।’’ जुगल किशोर पवार नें अपने पिता दिवगंत श्री हीरालाल पवार की रचना ‘‘मन का मधुमास’’ पढ़कर पुरानी स्मृतियों को ताजा किया और संविधान दिवस के बारे में बताया।

कजलास से आये हास्य पैरोडीकार मूलचंद धारंवां नें अपनी हास्य रचनाओं से माहौल में नई ताजगी का संचार किया, उनकी हास्य पैरोडी मेरी 6 पत्नियों की कहानी को काफी सराहा गया। एक और युवा कवि डॉ. प्रशांत जामलिया की पंक्तियां ‘‘कब तक राम-राम यूं ही रटोगे, वक्त है संभल जाओ बंटोगे तो कटोगे।’’ सभी के मन में एक प्रश्नचिन्ह छोड़ गई। इसी विषय को आगे बढ़ाते हुये सबरंग कवि दिलीप संचती नें जब कहा कि ‘‘एक रहेगें सेफ रहेगें नारा गूंजा भारत में, यही सिखाया कृष्ण में हमको महाभारत में’’ तब प्रश्नचिन्ह और अधिक गहरा गया तब अपनी रूमानी रचनाओं से डॉ. कैलाश शर्मा नें माहौल का हल्का करते हुये कहा कि

‘‘तुम कितने चतुर चितेरे हो मै समझ न पाया, जीवन भर की प्यास मेरे घर पर भिजवा दी।‌ ’’संस्था के हास्य बम कहे जाने वाले गोविन्द शर्मा की हास्य चुटकियों नें सभी के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी साथ ही उनकी पंक्ति ‘‘अपनी तो जिन्दगी की अजीब कहानी है, जिसको भी चाहा वही हर चीज बेगानी है।’’ नें सुर्खियां बटोरी। अपने मुंबई प्रवास से पधारे वरिष्ठ कवि ललित बनवट ललित की गंभीर गजलें युवाओ के लिये प्रेरणास्पद रही जब उन्होनें पंक्तियां पढ़ी कि ‘‘ दिल को बहला सके तू वो साज भी बन, खामोश लबो की सुरीली आवाज भी बन।’’ तो सभी वाह-वाह कर उठे।

कवि अतुल जैन सुराणा की पंक्तियां ‘‘हर सांस चलते रहना है बिना लिये अवकाश, रहे आंखो में आकाश’’ सभी के आकर्षण का केन्द्र बनीं वहीं काव्य निशा के अंतिम कवि के रूप में आयोजन को गरिमा प्रदान करते हुये जब श्रीराम श्रीवादी नें अपने पुराने गांव को याद करते हुये सस्वर गीत पढ़ा तो सभी अपनी-अपनी यादो में खो गये उनकी एक गजल की पंक्तियां ‘‘परदा नहीं रूख पर उनके हूजूर देखा है, चमचमाता हुआ एक कोहिनूर देखा है।’’ सभी को झकझोर गई। आयोजन के अंत में आभार आयोजक कवि डॉ. कैलाश शर्मा द्वारा व्यक्त किया गया आयोजन का सफल संचालन कवि अतुल जैन सुराणा का रहा।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- मुक पशुओं की पीड़ा समझ कर उनकी सेवा करना महान सेवा कार्य है। मनुष्य तो संवेदनशील है उसमें ईश्वर प्रदत्त बौद्धिक सोच एवं क्षमता है, परंतु मूक पशु ना तो बोल पाते हैं और ना ही अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर पाते हैं। ऐसे में हमारा मानवीय दायित्व है कि हम ऐसे मुक पशुओं के प्रति संवेदना रख उनकी सेवा करें। हमारे धर्म शास्त्रों, वेदों, ऋचाओं और हमारी पुरातन सनातनी धार्मिक परंपराओं ने गौ सेवा को ईश्वरीय भक्ति के समान माना है, परंतु बहुत अफसोस का विषय है कि

गाय को हमारे धर्मशास्त्र जहां देवीरूप निरूपित करते हैं वही हमारे देश में गाय सड़कों पर विचरण करती है। जैसे ही गाय या गोवंश हमारे काम का नहीं रह जाता हम उसे सड़क पर छोड़ देते हैं। हमें यह सोच बदलना पड़ेगी। हमें संवेदनशील होना पड़ेगा तथा गाय एवं गोवंश की हमें रक्षा करना पड़ेगी। मै आष्टा के विभिन्न सामाजिक संगठनों को धन्यवाद एवं साधुवाद देता हूं कि वह गौ सेवा के क्षेत्र में आष्टा क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे हैं । नरेंद्र कुशवाहा एवं उनके साथी भी मां पार्वती धाम गौशाला में गौ सेवा के अनूठे कार्य कर रहे हैं। उक्त आशय के उद्गार कुशवाहा समाज के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा एवं

प्रदेश महामंत्री गोपाल कुशवाहा ने स्थानीय मां पार्वती धाम गौशाला में गौशाला का निरीक्षण कर स्वागत सम्मान कार्यक्रम में व्यक्त किए। अतिथि ने गौ माता की पूजन कर उन्हें गो ग्रास खिलाया। मां पार्वती धाम गौशाला के अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाहा ने कुशवाहा समाज के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा के सम्मान में कहा कि वह रचनात्मक सोच एवं संगठन क्षमता के धनी व्यक्ति है। इस अवसर पर कुशवाहा समाज के पटेल जगदीश कुशवाहा, पटेल दल किशोर कुशवाहा, कुशवाहा जिला युवा संगठन अध्यक्ष रवि कुशवाहा, अमरचंद कुशवाहा, प्रकाश कुशवाहा होटल आदि ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया।

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