Updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- किसी भी देश का संविधान उस देश की आत्मा होती है। भारतीय संविधान ना सिर्फ दुनिया भर के सभी संविधानों में सबसे बड़ा व सर्वश्रेष्ठ है बल्कि उसमें मानवता के सभी उच्च मूल्यों का समावेश भी है। 26 नवम्बर का दिन हमारे देश के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी दिन हमारे संविधान का प्रारूप पूर्ण रूप से तैयार हुआ था। इसी संदर्भ स्थानीय टैलेण्ट इनोवेटिव हा.से. स्कूल आष्टा में भारतीय संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय की कक्षा 7 की छात्राओं ने भारतीय संविधान की विशेषताएं व उसके उच्चकोटि के सौपानों का प्रस्तुतिकरण किया। नंदकिशोर विश्वकर्मा सर ने बच्चों के बीच संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा एवं उन्होंने कहा कि

संविधान की प्रस्तावना में नागरिको के लिए राजनेतिक, आर्थिक व सामाजिक न्याय के साथ स्वतंत्रता के सभी रूप शामिल है। प्रस्तावना नागरिकों को आपसी भाईचारा व बंधुत्व के माध्यम से व्यक्ति के सम्मान तथा देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने का संदेश देती है।संविधान दिवस के उपलक्ष्य में प्राचार्य सुदीप जायवसवाल ने भी छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, संविधान प्रारूप समिति के बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर अध्यक्ष बनाए गए थे। इन्हीं की अध्यक्षता में दो वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ। संविधान बनने के बाद इसके अनुमोदन के लिए संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समीक्षोपरांत 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। हमारा संविधान अक्षुण्ण रहे, इसके लिए संविधान दिवस का आयोजन किया जाता है।

स्व. श्री भगत जी को दी विनम्र श्रद्धांजलि- आष्टा क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी, मृदुभाषी कांग्रेस नेता स्वर्गीय श्री बलबहादुर सिंह भाटी ‘भगत जी’ के असमय दुःखद, आकस्मिक निधन पर शोक सभा आयोजित कर विद्यालय परिवार व विद्यार्थियों द्वारा उन्हें विनम्र भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्राचार्य सुदीप जायसवाल ने उनके सरल व मिलनसार व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह उन्हें व विद्यालय परिवार को सदैव प्रेरित व प्रोत्साहित कर अपना मार्गदर्शन दिया करते थे साथ ही सभी की हरसंभव सहायता के लिए भी तत्पर रहा करते थे। उनके असमय देवलोक गमन को अपनी व्यक्तिगत एवं समाज व नगर की अपूरणीय क्षति बताया एवं परमपिता परमेश्वर से उनको अपने श्री चरणों में वास प्रदान करने की प्रार्थना की। इस अवसर पर समस्त स्टॉफ, सहयोगी व विद्यार्थी उपस्थित रहें।

Updatenews247.com धनंजय जाट सीहोर 7746898041- शासन के निर्देशानुसार नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से 25 नवंबर से 30 नवंबर 2024 तक राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह आयोजित किया जा रहा है। इसकी मुख्य थीम नवजात शिशुओं में एन्टीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) को रोकने के लिए एन्टीमाइक्रोबियल का उचित उपयोग सुनिश्चित करना है। जिसमें नवजात शिशुओं को संस्था एवं समुदाय में गुणवत्तापूर्ण देख-भाल के साथ साथ विकासात्मक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जाना हैं।

राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह के तहत जिला स्तर सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में अनेक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। जिला अस्पताल के एनएसयू वार्ड में राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का शुभारंभ किया गया। जिसमें प्रसूति महिलाओं को बच्चों के पालन पोषण के लिए दिशा-निर्देश एवं समझाइश दी गई। इसके महिलाओं को स्तनपान कराने की सही विधि बताई गई एवं व्यक्तिगत हाईजीन की जानकारी दी गई। पोस्टर एवं पिलप चार्ट द्वारा प्रदर्शन कर स्वास्थ्य शिक्षा दी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया की राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का उद्देश्य एसएनसीयू एवं एनवीएसयू में क्वालिटी सेवायें प्रदान करना,

डिस्चार्ज के समय नवजातो का संस्था एवं समुदाय में फॉलोअप किया जाना एवं बच्चों को आशा द्वारा दी गई गृह भेंट का शत-प्रतिशत सत्यापन करना, जिला स्तर पर बाल मृत्यु समीक्षा का आयोजन कर नवजात शिशु मृत्यु की समीक्षा करना, कार्यवाही से राज्य स्तर पर अवगत कराना, एंटीबायोटिक के उचित उपयोग एवं इन्फेक्शन कन्ट्रोल की जानकारी एवं पोस्टर लगाना, सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उचित एंटीबायोटिक उपयोग एवं घर पर साफ-सफाई के संबंध में स्वास्थ्य चर्चा आयोजित कराना है।

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