updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- प्रभु प्रेमी संघ की स्थापना वैदिक सनातन धर्म और उसके शाश्वत सिद्धान्तों के संरक्षण, संवर्धन एवं लोक-कल्याणकारी पारमार्थिक प्रवृत्तियों के प्रचार-प्रसार के निमित्त हुई है। विशुद्ध आध्यात्मिक संस्था “प्रभु प्रेमी संघ” सनातन-धर्मोद्धारक भगवान भाष्यकार आद्यजगद्गुरु भगवत्पाद शङ्कराचार्य की अद्वैत परम्परा के पवित्र आदर्शों की संवाहक है और उस दिव्य पथ का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करती है, जिसमें वेद-विहित, शास्त्र-सम्मत और गुरु द्वारा

उपदेशित साधन से आत्मज्ञान-ब्रह्मसाक्षात्कार, परमप्रभु की आराधना और लोक-कल्याण निमित्त अपना सर्वस्व आहूत करना ही मानव जीवन का अन्तिम ध्येय हैं। यह संघ उन्ही सभी साधको का एक पवित्र संगम है जो प्रभु प्रेेम, राष्ट्र भक्ति और आत्मकल्याण के मार्ग पर चलकर जीवन को सच्चे अर्थो में धन्य बनाने के अभिलाषी है। वेदो की दिव्य ऋचाए, उपनिषदों का कल्याणकारी ज्ञान और श्रीमद्भगवतगीता के कालजयी संदेश हमारे जीवन में सदैव प्रेरणा का स्त्रोत बने रहे। कार्तिक पूर्णिमा शुभता और शुद्धता का प्रतीक है, पवित्रता में ही ईश्वर का वास हैं जहा पवित्रता हैं वहॉ सुख शांति व समृद्धि है।

कार्तिक पूर्णिमा का काल मनुष्य को भीतर की शक्ति से परिचित कराने का अवसर प्रदान करता है इसलिए तार्किक लक्ष्य गढें और जीवन में आशावाद और विश्वश्नीयता लाए। उपरोक्त गुरूवाणी का वाचन स्वामी अवधेशानंद गिरीजी महाराज के जन्मोत्सव कार्यक्रम में प्रभु प्रेमीसंघ के वरिष्ठ संरक्षक ओंकारसिंह ठाकुर ने प्रभुप्रेमीजनो के मध्य किया। स्थानीय मानस भवन में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथी विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने इस अवसर पर कहा कि पूज्य स्वामी जी की हम सभी क्षैत्रवासियो पर विशेष कृपा हैं,

उनके आर्शीवाद से ही प्रभु प्रेमीसंघ की स्थानीय शाखा न केवल आध्यात्मिक, धार्मिक अपितु सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक मुल्यो के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज कार्तिक पूर्णिमा का महत्वपूर्ण दिन हैं इसी दिन को स्वामीजी का जन्म हुआ था और प्रभुप्रेमी संघ की स्थापना भी इसी दिन हुई थी। इसलिए मैं सभी प्रभु प्रेमीजनो को पाटोत्सव की मंगल शुभकामनाए देता हूॅ और भविष्य में प्रभुप्रेमी संघ के किसी भी नवाचार व योजना में सहयोगी बनकर अपने आप को धन्य मानूंगा। कार्यक्रम में मौजूद जनपद अध्यक्ष श्रीमति दीक्षा सोनू गुणवान एवं विधायक द्वारा

इस अवसर पर स्थानीय कलाकारो की सराहनीय प्रस्तुति हेतु सम्मानित भी किया। इस अवसर पर नगर के प्रसिद्ध भजन गायक श्रीराम श्रीवादी, शिव श्रीवादी, सुमित चौरसिया, नवीन जैन, नर्बदाप्रसाद मालवीय, जीवनराज मालवांचल, स्तुति जैन, प्रशंसा बैरागी, पंकज राव, उत्सव साहू, द्वारा गुरू नानक जी के लिखे हुए भजन ……सुमिरन करले मेरे मना, बीती उमर हरि नाम बिना……. के साथ ही बहुत किये उपकार गुरूजी….. मोहे लागी लगन गुरू चरणनन की…..,जरा धीरे-धीरे गाड़ी हाको, मेरे राम गाड़ी वाले…., धन्य-धन्य ब्रिज गाम सखिरी… जैसे भजनो की सुंदर प्रस्तुतिया दी

जिसका उपस्थितजनो ने दैर रात्री तक आनंद लिया। कार्यक्रम की शुरूआत स्वामीजी की चरण पादुका एवं चित्र के समक्ष प्रभुप्रेमी संघ के पदाधिकारियो द्वारा दीप प्रज्जवलन कर की गई। आगुंतको का स्वागत प्रभुप्रेमी संघ के अध्यक्ष सुरेश पालीवाल द्वारा किया गया। आगामी प्रयागराज कुम्भ हेतु सभी उपस्थितजनो का आमंत्रण जी.के. माथुर द्वारा किया गया। संचालन गोविंद शर्मा द्वारा किया गया एवं सभी उपस्थितजनो का आभार प्रदीप प्रगति द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विशिष्ठजन, जनप्रतिनिधिगण, प्रभुप्रेमीजन उपस्थित थे।

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