updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- कायाकल्प अभियान के तहत नगर के संपूर्ण क्षतिग्रस्त मार्गो का कायाकल्प करने के उद्देश्य से नगरपालिका द्वारा नगर के प्रमुख मार्गो का सुदृढ़ीकरण कार्य कर रही है। इसी के चलते नगर के किला चढ़ते स्थित प्राचीन शंकर मंदिर से लेकर पुराना इंदौर-भोपाल राजमार्ग तक क्षतिग्रस्त रोड़ पर सीसीकरण कार्य का प्रारंभ किया गया, जिसका नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा द्वारा नपा के तकनीकी अधिकारी एवं पार्षद साथियों के साथ निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान नपाध्यक्ष श्री मेवाड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्षो पुराने निर्मित रोड़ जो कि क्षतिग्रस्त अवस्था में आ चुके थे, जिसके कारण नगर के रहवासियों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं प्राचीन शंकर मंदिर होने के कारण इस मार्ग की महत्ता भी प्रमुख है। महाशिवरात्रि हो या श्रावण सोमवार मंदिर में भगवान भोले के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ जमा होती है। साथ ही किला क्षैत्र के नागरिकगण इसी मार्ग का अत्याधिक उपयोग करते है।

नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने बताया कि उक्त मार्ग शंकर मंदिर से लेकर मुख्य राजमार्ग मार्ग तक लगभग 16 लाख 50 हजार रूपये की लागत से पूर्ण होगा। श्री मेवाड़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि बड़ा बाजार, सेमनरी रोड़, प्रगति गली सहित नगर के समस्त क्षतिग्रस्त मार्गो को शीघ्र ही सुदृढ़ीकरण कर व्यवस्थित किया जाएगा। इस अवसर पर भैया मियां, रवि शर्मा, डॉ. सलीम, कमलेश जैन, सहायक यंत्री आकाश गोयतर, उपयंत्री अनिल धुर्वे, सुभाष सिसौदिया, नासीर खां, हसीन ठेकेदार, रफीक मैकेनिक, कैलाश दादा आदि मौजूद थे।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- परमात्मा का ध्यान करने से मन की शुद्धि होती है। भगवान का ध्यान किसी भी समय में हो सकता है, परंतु भगवान की पूजा किसी भी समय में नहीं हो सकती है। भगवान का ध्यान करने से जीव में ईश्वर के सद्गुण आते हैं। भगवान निर्दोष होने के साथ ही सर्व सदगुण संपन्न है। जो भगवान का ध्यान स्मरण करता है उस जीव में भगवान की शक्ति आती है। भगवान का भजन करने के लिए सालों नहीं पूरे भाव से करने चाहिए। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी संगीतमय शिव महापुराण के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहे।

बुधवार को शिव महापुराण के दौरान सती प्रसंग के अलावा भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह का वर्णन किया गया। धाम पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में इन दिनों शिव महापुराण और संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। शिव महापुराण कथा पंडित राघव मिश्रा के द्वारा और भागवत कथा पंडित शिवम मिश्रा के द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि सच्चे मन से की गयी प्रार्थना, कभी विफल नहीं होती। सब की पॉवर व्यर्थ हो जाती है। लेकिन प्रार्थना की पॉवर कभी व्यर्थ नहीं होती है। संसार का ध्यान छोड़ दो। सभी पाप संसार का ध्यान करने से होते हैं। ज्ञानीजन संसार में रहते हैं, लेकिन संसार का कभी ध्यान नहीं करते।

ज्ञानी-संत हर समय में भगवान का ध्यान करते हैं। भगवान का ध्यान भले ही न करो, पर किसी मानव शरीर का ध्यान कभी नहीं करना चाहिए। शरीर को सुंदर समझना बड़ा अज्ञान है। भगवान का ध्यान करना चाहिए। पाप और पुण्य तत्काल फल नहीं देते हैं। कालांतर में फल देते हैं। पाप-पुण्य का फल भी तत्काल नहीं मिलता है। पाप और पुण्य कालांतर में फल देते है। भगवान की पूजा करें तो उस पूजा का प्रतिफल आज नहीं मिलेगा। यदि भगवान का कोई ध्यान करें तो उसका मन तुरंत शुद्ध हो जाता है। सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी- धाम पर जारी संगीतमय शिव महापुराण के दौरान कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा के द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई। तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं आदि भजनों पर यहां पर मौजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मनमोह लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!