updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- ज्ञान के तीन रूप। मरता क्या न करता, जिसकी आयु शेष है वह तैरना नहीं जानता है फिर भी नदी में हाथ – पैर मारकर बाहर निकल आता है।इसलिए हर व्यक्ति को तैरना आना चाहिए। गलती करते -करते आदमी एक दिन सही हो जाएगा।मुसीबत में होंगे तो गुरु और माता पिता संभालेंगे,आप आगे तो बढ़ो। विपरीत परिस्थितियों में डरें नहीं, उसका सामना करें।गलत निर्णय नहीं ले,अपनी खुशियों का बलिदान देना पड़ता है। पुण्य की क्रिया की तरफ आपका ध्यान होना चाहिए। समय और परिस्थितियों के अनुसार चुप रहना और बोलना चाहिए। संघर्षशील जीवन बनाए न की सुविधायुक्त।

उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य गुरुदेव मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं। आपने कहा कि बच्चों की योग्यता को आगे बढ़ाएं। अनेक विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के बाद सफलता अवश्य मिलेगी। व्यवस्थित और स्वस्थ रहना है तो थोड़ी भूख लगने दो। उपवास करना सीख जाओ तो स्वस्थ रहोंगे। सुविधा में ही नहीं असुविधा में रहना सीखो। सीता को देखने के पश्चात रावण के मन में विकृत भाव आएं। मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज ने आगे कहा श्रीराम वनवास के दौरान जंगल में रहे, लेकिन लक्ष्य का ध्यान रखा तो मोक्ष गए।

सीता का रावण ने हरण किया लेकिन वह भी अपने लक्ष्य पर रही तो आत्म कल्याण किया। अनेकांत पर प्रकाश डाला। गुरु शिष्य को कमजोर नहीं मजबूत बनाते हैं।अपने परिणामों को संभालें। बेहतर से भी बेहतरीन की ओर जाना है। हम सभी धर्म प्रभावना करते रहे। मुनिश्री विनंद सागर महाराज के सानिध्य में निकलेगी घट यात्रा- नगर के अरिहंत पुरम के श्री चंद्र प्रभ दिगंबर जैन मंदिर में चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य गुरुदेव मुनिश्री विनंद सागर महाराज एवं ऐलक विनमित सागर महाराज के परम सानिध्य में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया गया है। जिसकी घट यात्रा गुरुवार 7 नवंबर को सुबह 8 बजे गाजे-बाजे के साथ निकाली जाएगी।

घटयात्रा के पश्चात ध्वजारोहण श्रीमती गुणमाला सागरमल जैन द्वारा किया जाएगा।मंडप शुद्धि के साथ विधान प्रारंभ होगा। विधान के दौरान नित्य सुबह 7 बजे से अभिषेक, शांति धारा, प्रातः 8 बजे से विधान प्रारंभ होगा ।शाम 7 बजे श्री सिद्धचक्र आरती एवं रात्रि 8 बजे से ब्रह्मचारी श्रीपाल भैय्या के प्रवचन होंगे।विधान का समापन 15 नवंबर को होगा।विधान पुण्यार्जक सागरमल, धर्मेंद्र कुमार ,जितेंद्र कुमार ,अक्षत ,अनुज, अर्चित जैन गोर्य परिवार अमलाह वाले हैं। सौधर्म इंद्र इंदु धर्मेंद्र जैन, कुबेर इंद्र श्रीमती रचना जितेन्द्र जैन यज्ञ नायक श्रीमती रानी राजेश जैन, श्रीपाल मैनासुंदरी श्रीमती राखी मनीष जैन , ईशान इंद्र श्रीमती अंजू शिखरचंद्र जैन रहेंगे।

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