updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता के तहत अवैध रूप से जुआ सट्टा पर श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय श्री दीपक कुमार शुक्ला, श्रीमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय एवं श्रीमान नगर पुलिस अधीक्षक महोदय के मार्ग निर्देशन थाना प्रभारी मनोज मालवीय के द्वारा मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि नदी चौराहा सीवन नदी घाट पर बनी टापरी में कुछ लोग रुपए पैसों से हार जीत का दाव लगाकर

जुआ खेल रहे हैं सूचना की तस्दीक में थाना प्रभारी द्वारा हमराह स्टाफ के मौके पर पहुंचे तो 9 लोगों को जुआ खेलते रंगे हाथ पकड़ा जिनके कब्जे से नगदी 21050 रुपए 52 ताश के पते 7 स्मार्टफोन व एक कीपैड मोबाइल मशरूका 1.50 लाख रुपए करीबन का जप्त किया गया। सराहनीय भूमिका- उपनिरीक्षक मनोज मालवीय, प्रधान आरक्षक महेंद्र रैदास, प्रधान आरक्षक ललित पांडे, प्रधान आरक्षक विजय बोबडे, आरक्षक चंद्रभान सेन, आरक्षक राजेंद्र वर्मा,आरक्षक जीवन सिंह की भूमिका रही।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- यह चातुर्मास 2024 आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज एवं नवाचार्य समय सागर महाराज के आशीर्वाद से आष्टा वालों के पुण्योदय से मिला है। प्रथम अवसर जब हम सभी ने अकेले चातुर्मास किया है,वह भी इस आष्टा की पावन धरा के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर जहां भगवान पार्श्वनाथ जी एवं बड़े बाबा आदिनाथ जी की दो भव्य अतिशयकारी आलौकिक प्रतिमा विराजमान हैं। पहले गुरुदेव या वरिष्ठ मुनियों के सानिध्य में चातुर्मास किया।

सर्व प्रथम नवाचार्य समय सागर महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर विहार के दौरान आष्टा के युवाओं ने श्रीफल भेंटकर हम चारों मुनिराज से आशीर्वाद प्राप्त किया था। आचार्य विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद आष्टा पर था। आचार्य समय सागर महाराज का भी आपको आशिर्वाद मिला। मेरा यहां क्या, गुरुदेव का आशीष फलां। गुरु परम्परा को कायम रखने का आचार्य भगवंत कहते थे। जो कुछ दिया, गुरुदेव ने दिया। उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन किला मंदिर पर मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने चातुर्मास कलश विस्थापन के दौरान आशीष वचन देते हुए कहीं।

मंच पर मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज, निष्प्रह सागर महाराज, निष्कंप सागर महाराज एवं निष्काम सागर महाराज ने चातुर्मास कलशों के लाभार्थी परिवारों को आशीर्वाद दिया। मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने कहा कि मुझे तरासकर आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज ने हीरा बना दिया।आज जो भी कुछ हो रहा है वह गुरु कृपा से हो रहा है। आचार्य विद्यासागर महाराज सारे काम का श्रेय अपने गुरु शांति सागर महाराज को देते थे। उन्होंने गुरुदेव से कहा कि ऐसा आशीर्वाद दे कि में भी सिद्ध शीला पर विराजमान होऊं। मुनिश्री ने उपस्थित समाज जनों से साधु -संतों का हमेशा सम्मान करने की प्रेरणा दी।

आपने कहा चातुर्मास एक पर्व है।यह आत्म साधना और आत्मोपलब्धि का चातुर्मास है। शांति धारा सहित अन्य धार्मिक आयोजन मुनिश्री निष्काम सागर महाराज ने चातुर्मास के दौरान भव्यता पूर्वक कराएं। मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज एवं निष्कंप सागर महाराज ने स्वाध्याय के प्रति जागरूकता लाकर आप सभी को नई दिशा दी।विद्योदय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की। समाज के वरिष्ठजनों से कहा कि युवाओं पर वात्सल्य व स्नेह बनाए रखें। हम अपने गुरुदेव और उनके उपकारों को कभी भी भूला नहीं सकते हैं। यह शरीर नश्वर है।

यही स्थिति आप हम सभी के साथ होगा। सिर्फ आत्मा ही साथ रहती है। नया शरीर आत्मा धारण कर लेती है। संस्कारों की बगिया को कब विकसित करेंगे। आज का युग अलग है। पहले आमने-सामने युद्ध होता था।आज परमाणु बम पर पूरा विश्व टीका हुआ है। मानवता के ऊपर कितना भरा कुठाराघात कर रहे हैं विभिन्न देश।आप किसी को जीवन नहीं दे सकते तो जिंदगी नहीं ले सकते। आज मानवता कहा है। आज की संस्कृति कहा जा रही है। पहले नीति और न्याय से युद्ध लड़ते थे, सारी नीति, न्याय और संस्कृति न जाने कहां चली गई। आज देश की संस्कृति कहा जा रही है। मर्यादा तो मर्यादा होती है।

आज देश और युवा पीढ़ी कहा जा रही है। कब हम जागेंगे। जिनके पास न तो संस्कृति है और न ही संस्कार है।आज के संसाधन घातक है। आप अपनी आत्मा का उत्थान कर सकते हैं। हर आत्मा में परमात्मा बनने की सामर्थ्य है। संसार में सुखी होना चाहते हो तो अपने से नीचे वाले को देखें। अडानी अंबानी को कितनी लालसा कर लो दुनिया मुठ्ठी में। अंतरंग में इच्छा शक्ति हो, आपको किस ओर जाना है, किस ओर आना है, तय करें। मुनिश्री के आशीष वचन के पश्चात चातुर्मास कलशों को लेकर लाभार्थी परिवार एवं समाजजन गाजे-बाजे के साथ जुलूस के रूप में उन सभी के घर पर पहुंचे। सभी को लाभार्थी परिवारों ने प्रभावना भी वितरीत की।

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