updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- भारतीय संस्कृति में हिंदू धर्म के महापर्व दीपावली की बड़ी महत्वत्ता है।यह पर्व पूरे विश्व में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।इस पर्व का प्रारंभ धनतेरस से होकर भाईदूज तक चलता है। इस वर्ष यह पर्व 29अक्टूबर से 03नवंबर तक होगा, जिसमे दीपावली का मुख्य महापर्व 31अक्टूबर को मनाया जाएगा। नगरपुरोहित पंडित मनीष पाठक ने बताया की धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा,इस दिन भगवान धनवंतरी अर्थात कुबेर की पूजा आराधना कर मां लक्ष्मी के मंगल आगमन की कामना की जाती है, और साथ ही इस दिन चांदी स्वर्ण के आभूषण, सिक्के, बर्तन आदि को घर में शुभ समय लाकर पंच दिवसीय पर्व का आरंभ करते है।
*धनतेरस-* पांच दिवसीय महापर्व का पहले पर्व धनतेरस 29अक्टूबर मंगलवार कार्तिक कृष्ण पक्ष के तेरस तिथि को मनाया जाता है मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धन्वंतरि धन व संपत्ति की देवी लक्ष्मी धन के देवता कुबेर मृत्यु के देवता यमराज और बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा होती है इस दिन स्वर्ण रजत आभूषण बर्तन सिक्के धनिया कपड़ा आदि को खरीदने की परंपरा है।
*नरक चतुर्दशी-* 30 अक्टूबर बुधवार को रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर उसकी कैद में 16000 महिलाओं को मुक्त कराया था इस कारण दीप जलाकर उत्सव मनाया जाता है और इस दिन प्रातः काल में उबटन लगाकर स्नान आदि किया जाता है और सांध्यकालीन समय में अपने घरों पर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर दीपकों को लगाते हैं
*दीपावली-* 31 अक्टूबर गुरुवार को पंच दिवसीय महापर्व दीपावली को अमावस्या के प्रदोष काल में मनाया जाता है यह मुख्य महापर्व होता है इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और विभिन्न पकवान बनाकर मिठाइयां बांटी जाती है दीप प्रज्वलित कर घर आंगन में रांगोली बनाकर मां लक्ष्मी के आगमन हेतु घरों को सजाया जाता रंगबिरंगी रोशनी कर घरों को सजाया जाता है एक दूसरे से मिलकर परिवारजनों के साथ आनंदित स्वरूप में इस त्यौहार को मनाया जाता है
*गोवर्धन पूजन-* यहां पर्व कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव के स्वरूप में मनाया जाता है इसे सुहाग पड़वा भी कहते हैं परिवारजनो के द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा कर भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाए जाते हैं,इस दिन गोवर्धन की गोबर से आकृति बनाकर भगवान श्री कृष्ण के समझ दीपक जलाकर पूजन अर्चना की जाती है एंव पशुओं को स्नान कराकर पूजा कर गौ माता की आरती उतार उनकी परिक्रमा की जाती है।
*भाईदूज-* यह पर्व कार्तिक शुक्ल दूज अर्थात गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं इस दिन बहनें अपने भाईयो को दीर्घायु की कामना कर तिलक लगाकर आरती करती है और अपने हाथों से बनाए भोजन को ग्रहण कराती है।मान्यता है कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना का पूजन किया जाता है।ताकि भाई के जीवन पर अकाल मृत्यु का भय न रहे।
*दीपोत्सव पर्व पर शुभ मुहूर्त-* पंडित डॉ दीपेश पाठक ने बताया की पंच दिवसीय दीपोत्सव के महापर्व को इन शुभ समय पर संपन्न कर स्थिर लक्ष्मी प्राप्त कर समृद्धि प्राप्त कर सकते है।
*धनतेरस शुभ मुहूर्त* चर,लाभ,अमृत:09:17 से 01:27 तक
लाभ:रात्रि 07:14 से 08:51तक
शुभ,अमृत,चर:10:28 से मध्यरात्रि03:18 तक
*रूप चौदस शुभ मुहूर्त*
लाभ,अमृत:प्रातः06:31 से 09:18
शुभ:10:41से 12:04 तक
चर,लाभ:02:50 से 05:37
शुभ,अमृत,चर:रात्रि 07:14 से रात्रि 12:04
*दीपावली शुभ मुहूर्त*
शुभ:प्रातः06:32 से 07:55
चर,लाभ,अमृत:प्रातः10:41से02:50 तक
शुभ,अमृत,चर:शाम 04:13 से 08:50
लाभ:रात्रि12:04 से 01:42
स्थिर लग्न
वृश्चिक लग्न प्रातः 07:51से 10:10
कुंभ लग्न:01:56 से 03:24
वृषभ लग्न:संध्या 06:25 से 08:21
सिंह लग्न:रात्रि12:56 से 03:14
प्रदोष काल:
*गोवर्धन पूजा मुहूर्त*
शुभ:07:56 से 09:19
चर,लाभ,अमृत:12:04 से 04:12 तक
*भाईदूज पूजा मुहूर्त*
चर,लाभ,अमृत:प्रातः07:57 से12:04
शुभ:दोपहर 01:26 से 02:49
शुभ,अमृत,चर:05:34 से 10:27 तक
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पंडित मयूर पाठक
पंडित मनीष पाठक
पंडित डॉ दीपेश पाठक एवं समस्त नगरपुरोहित परिवार आष्टा 9893382678, 9827598975, 9993416246
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