updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के लहसुन प्याज मंडी व्यापारी संघ द्वारा कृषि उपज मंडी सचिव मोहन मालवीय को दीपावली पर्व के पूर्व 26 अक्टूबर से 3 नवंबर तक लहसुन प्याज मंडी नीलामी बंद रखने हेतु लहसुन प्याज व्यापारी संघ अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाहा पूर्व पार्षद ने आवेदन के माध्यम से अवगत कराते हुए सूचना कृषि उपज मंडी कार्यालय में दी है सभी किसान भाइयों को दीपावली पर्व की अग्रिम बधाई शुभकामनाएं देते हुए किसान भाइयों से निवेदन किया है कि

अपनी उपज दीपावली के पश्चात बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ सभी व्यापारीगण नवीन कृषि उपज मंडी में दीपावली शुभ मुहूर्त 4 नवंबर दिन सोमवार प्रातः 10:00 बजे नगर पुरोहित पंडित मनीष पाठक द्वारा पूजन अर्चना एवं मंत्रउच्चारण के साथ नीलामी प्रारंभ होगी जिसमें सभी किसान बंधु व्यापारी भाई व कृषि उपज मंडी अधिकारीगण, पत्रकारगण एवं राजनीतिक दल के सभी जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे फल सब्जी मंडी व्यापारी संघ की ओर से आमंत्रित सभी का स्वागत सम्मान किया जाएगा। फल सब्जी मंडी अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाहा ने प्रेस विज्ञप्ति देते हुए सभी को दीपावली पर्व की बधाई शुभकामनाएं प्रेषित की।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041-अवसर सभी के जीवन में आतें हैं।हर व्यक्ति अवसर को नहीं पहचानता है। सोना बहुमूल्य वस्तु है लोग सोने को भी सोना कहते हैं। जब कर्म साथ नहीं देता तो कोई भी साथ नहीं देता है। दुनिया साथ नहीं देती तब कर्म साथ देता है और लोग भी तब साथ देते है। कर्म सुधारना है तो धर्म करों। जहां निषेध हैं, वहीं आकर्षण है। कर्मों की लीला है, कर्म साथ नहीं है तो कितना ही पुरुषार्थ कर लो सफलता नहीं मिलती है। जब भाग्य दुर्भाग्यपूर्ण हो तो बुद्धि भी वैसी ही हो जाती है।

उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य गुरुदेव मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं। आपने कहा कि मनुष्य जीवन के चार स्थर है। बचपन गया खेलकूद में। युवा अवस्था में गृहस्थ आश्रम में उलझे रहे। वृद्ध अवस्था में घर की चौकीदारी व पौत्र – पौत्री की देखरेख में निकाल देते हैं।धार्मिक पंक्तियों को रोज पढ़ते हैं लेकिन जीवन में नहीं उतारते हैं, फिर कैसे कल्याण होगा। मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने कहा व्यक्ति संसार रुपी छल्ला में उलझा हुआ हैं।जो बहू कार लाएगी वह संस्कार नहीं लाएगी और जो कार नहीं लाएगी वह संस्कार लेकर आएंगी।

आज-कल की बहूं आनलाइन वाली है ,क्योंकि वह कार लेकर आई थी। संस्कार कहा से लाएगी। सास को सुबह मंदिर भेज देगी और स्वयं सुबह 10 बजे तक उठेंगी। भगवान के अभिषेक,शांति धारा आनलाइन देख लेंगी।अपनी सोच में बदलाव अर्थात परिवर्तन लाना होगा। अपनी सोच सकारात्मक अच्छी रखेंगे तो सकारात्मक ही होगा। नकारात्मक सोचोगे तो नकारात्मक ही होगा। सोच और परिणाम का प्रभाव है।जो दूसरे के लिए गड्ढा खोदता है वह उसी में स्वयं गिरता है। झुर्रियां, दांत और सफेद बाल आपको अपने आत्म कल्याण का बौध कराते हैं।संत कहते हैं संसार के जंजाल में मत उलझो।

संस्कार घर में, मां के पास, सत्संग में मिलेंगे, माल में नहीं। अपने आचरण को सुधार लेवे। अभी भी समय है जागो और संस्कार ग्रहण करें। अंतरंग की बुराइयों को दूर करे। दीपावली अंतरंग का पर्व है। अपने अंतरंग की सफाई करें,घर की सफाई तो बहुत कर ली अब तो अंतरंग की सफाई कर लेवे। मुनिश्री कराएंगे योग – ध्यान शिविर- अर्हम ध्यान- योग और कैसी होगी मेरी अंतिम यात्रा यह बताने के लिए शनिवार और रविवार 26,27 अक्टूबर को क्लास सुबह 6.15 बजे से रेस्ट हाउस के समीप मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज के सानिध्य में आयोजित की गई है।

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