updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- हमें इस बात की खुशी है कि हम आज सीनियर सिटीजन लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रहे हैं।इन वृद्ध जनों को समय पर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी होने पर इनका सानिध्य परिवार व समाज को मिलता रहेंगा। उक्त बातें नगर के गायत्री मंदिर परिसर में आयोजित सीनियर सिटीजन लोगों के स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ अवसर पर ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ हीरा दलोद्रिया, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना सोनी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अतुल उपाध्याय ने कहीं।

उन्होंने शिविर के प्रारंभ में मां गायत्री आदि की प्रतिमाओं के समक्ष नतमस्तक होकर गायत्री परिवार के आचार्य श्रीराम शर्मा एवं श्रीमती भगवती देवी शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। उक्त शिविर में नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से वृद्धों ने शामिल होकर आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस शिविर में हमें ऐसे चिकित्सकों से उपचार कराने का अवसर मिला जिन्हें दिखाने के लिए हमें नंबर लगाना पड़ता था और जांचों के अलावा दवाईयां भी निःशुल्क मिली। विदित रहे कि नगर के गायत्री मंदिर परिसर में मंगलवार 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक केयर हॉस्पिटल, अल्फा पैथोलॉजी एवं आई केयर सेंटर के संयुक्त तत्वाधान में साठ साल एवं

उससे अधिक आयु के वरिष्ठजनों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें 267 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया।शिविर के संयोजक केयर हॉस्पिटल की डॉ अर्चना सोनी, अल्फा पैथोलॉजी के डॉ राहत अली एवं आई केयर सेंटर के डॉ अतुल उपाध्याय शिविर में आने वाले वृद्धों का पंजीयन करवाकर संबंधित चिकित्सक के पास उपचार हेतु पहुंचा रहे थे। शिविर में ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ हीरा दलोद्रिया द्वारा हृदय रोग, मधुमेह रोग एवं उच्च रक्तचाप के मरीजों की जांच कर उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध कराई गई। नाक,कान,गला रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीर गुप्ता ने नाक, कान, गला मरीजों की जांच कर उन्हें कान के श्रवण यंत्र निःशुल्क उपलब्ध कराएं।

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जीडी सोनी ने मरीजों की जांच कर मरीजों की हड्डी बीएमडी निःशुल्क की। शल्य रोग विशेषज्ञ डॉ भूपेंद्र परमार ने अनेक मरीजों का उपचार किया। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना सोनी ने कहा कि 60 साल से ऊपर की महिला मरीजों में हड्डी एवं मूत्र रोग से संबंधित परेशानी ज्यादा होती है ,उसकी जांच कराई।नेत्र रोग विशेषज्ञ वरिष्ठ आफ्थेल्मिक कंसलटेंट डॉ अतुल उपाध्याय द्वारा 90 मरीजों की आंखों एवं आंखों के पर्दे की जांच तथा 7 मोतियाबिंद के मरीजों को चिंहित कर निःशुल्क आपरेशन हेतु भेजा। दंत रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल ठाकुर, डॉ अंकित सुराणा,डॉ लोकेंद्र पाल द्वारा मरीजों के पायरिया एवं दांतों के रिस्टोरेशन तथा बत्तीसी के लिए जांच कर दवाईयां दी गई।

पैथोलॉजी डॉ राहत अली द्वारा अपनी टीम से खून की जांच एवं ईसीजी निःशुल्क कराई गई। फिजियोथेरेपी डॉ विजय कुमार द्वारा मरीज को निःशुल्क सेवा गर्दन दर्द, जोड़ दर्द, घुटने के दर्द निवारण के लिए दी गई। होम्योपैथी चिकित्सा डॉ कैलाश शर्मा, डॉ सूरज यादव एवं डॉ मिनल सिंगी द्वारा समस्त जटिल रोगों के लिए निःशुल्क परामर्श एवं दवाईयां उपलब्ध कराई गई। डॉ शाहीन अंजुम यूनानी चिकित्सा द्वारा भी जटिल रोगों के लिए निःशुल्क परामर्श एवं दवाईयां दी गई। अंत में आयोजकों ने समस्त चिकित्सकों एवं सहयोगियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।शिविर में आए हुए मरीजों के लिए मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से फल एवं बिस्किट बांटे गए । वहीं गायत्री परिवार एवं उपाध्याय परिवार की ओर से मरीजों को निःशुल्क मीठा दलिया प्रसाद स्वरूप बांटा गया।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार हिन्दू पूजा-पद्धति में अमावस्या से लेकर एकादशी तक अनेक प्रकार के व्रत एवं पूजन का विधान है। लोग अपनी आस्था एवं श्रद्धा के अनुसार विभिन्न धार्मिक स्थलों, तीर्थ स्थानों एवं पवित्र नदियों में स्नान और पूजा अर्चना कर पुण्य की प्राप्ती करते हैं। भूतड़ी अमावस्या एक ऐसी तिथि है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और पूजा अर्चना करते हैं। भूतड़ी अमावस्या नाम से कई लोगों को भूतों से जुड़ी अमावस्या होने का भ्रम हो जाता है, लेकिन इसका भूतों से कोई संबंध नहीं है।

वास्तव में इसका अर्थ नकारात्मक विचारो से मुक्ति पाना है। यह नकारात्मक विचार किसी भी रूप में मस्तिष्क में हो सकते हैं। भूतड़ी अमावस्या पर ऐसे नकारात्मक विचारों से मुक्ति या त्याग के लिए पवित्र नदियों में स्नान का विधान है। सीहोर जिले में नर्मदा तट पर स्थित आवंलीघाट और ग्राम नादान के पास कालियादेव ऐसे दो पवित्र स्थान है जहॉं बड़ी संख्या में श्रृद्धालु पूजा अर्चन के लिए आते हैं। इछावर तहसील के ग्राम नादान के पास घने जंगलों में कालिया देव स्थान पर विशाल मेला लगता है।

नर्मदा तट पर स्थित आवंली घाट का पौराणिक महत्व- आंवलीघाट का आध्यात्मिक दृष्टि से खासा धार्मिक महत्व है। बड़ी संख्या में श्रृद्धालु दूर-दूर से मॉ नर्मदा में डुबकी लगाने पहुंचते हैं। यहां पर हत्याहरणी हथेड़ नदी एवं नर्मदा का संगम स्थल हैं। इस कारण इसका महत्व और अधिक है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास काल के दौरान कुछ समय यहॉ बिताया था। ऐसी किवदंती यह भी प्रचलित है कि महाभारत युग में भीम द्वारा मां नर्मदा से विवाह करने के लिए नर्मदा नदी का जल प्रवाह रोकने के लिए जो चट्टाने यहां नर्मदा में डाली थीं, वह आज भी वहीं जमीं हैं। एक अन्य किवदंती के अनुसार लक्ष्मी जी रथ पर सवार होकर यहां कुंती से मिलने आई थी।

उस रथ के पहियों के निशान आज भी पत्थरों पर दिखाई देते हैं। आंवली घाट पर लक्ष्मी कुंड, ब्रह्म पाश, भावनाथ बाबा की टेकरी, छोटे दादा धूनीवाले का स्थान नर्मदा मंदिर, हनुमान मंदिर, राम जानकी मंदिर दोनों ओर प्राचीन काल का नर्मदा मंदिर एवं राम जानकी मंदिर सहित अन्य मंदिर स्थित हैं। कालियादेव मेला- कालियादेव मेला जनजातीय संस्कृति और परंपरा की अनुपम छटा बिखेरता है। आज भी जनजातीय वर्ग के लोग अपनी अमूल्य सांस्कृतिक विरासत संजोए हुए हैं। वे आदिम संस्कृति को छोड़े बिना वर्तमान के साथ संतुलन स्थापित कर अपने जीवन में वास्तविक आनंद पलों को खोज लेते हैं। इछावर तहसील के ग्राम नादान के पास सागौन के घने जंगलों में कालिया देव नामक स्थान है।

यहां से निकली सीप नदी पर कालिया देव का झरना है। यहॉं हर वर्ष पितृ मोक्ष अमावस्या पर रात्रि में मेला लगता है। झरने के पास ही एक छोटा मंदिर है। कालिया देव मंदिर के नीचे एक गहरा कुंड हैं जिसमें सीप नदी का पानी गिरता है। इस गहरे कुंड को यहां के जनजातीय बंधु पाताल लोक का रास्ता भी कहते हैं। यहॉ कई ऐसे स्थल हैं जो प्राकृतिक सौंन्दर्य से भरे हैं। भूतड़ी अमावस्या पर इस क्षेत्र के जनजातीय समुदाय के महिला, पुरूष, बच्चे बड़ी संख्या में शाम को पहुंचने लगते हैं। सीप नदी में कालियादेव की पूजा अर्चना करते हैं। यहॉं रात्रि में विशाल मेला लगता है। इस मेले में एक लाख से अधिक लोग आते हैं।

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