दूर रहकर केवल सुखाभाष होता है जबकि पास रहकर सुख की अनुभूति होती है –मुनिश्री विनंद सागर महाराज
updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आजकल इस परिवेश में बच्चे पढ़ लिख कर माता-पिता से दूर नौकरी के लिए चले जाते हैं और वही बस जाते हैं ।यह सुखाभाष तो…