updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- श्री दिगंबर जैन समाज के दसलक्षण पर्यूषण महापर्व एवं सोलहकारण पर्व के समापन पर श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर से स्वर्ण पालकी में भगवान की प्रतिमा विराजित कर रथ यात्रा मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज,निष्प्रह सागर महाराज, निष्काम सागर महाराज,विनंद सागर महाराज एवं ऐलक विनमित सागर महाराज के पावन सानिध्य में निकाली गई। स्वर्ण रथ को समाज के श्रावकगण अपने हाथों से खींच कर चल रहे थे। कदम – कदम पर भगवान एवं मुनियों की आराधना की गई। उक्त रथ यात्रा प्रगति गली, बुधवारा,गल चौराहा होते हुए मानस भवन परिसर में पहुंची। वहां भगवान की पूजा अर्चना कर अभिषेक, शांति धारा की गई।

तत्पश्चात रथयात्रा सुभाष चौक, गंज चौराहा,सिकंदर बाजार, बड़ा बाजार होते हुए किला मंदिर पर पहुंची।अनेक स्थानों पर विभिन्न व्यापारिक, सामाजिक संगठनों ने उक्त रथ यात्रा में शामिल समाज जनों का स्वागत व सम्मान किया। रथ यात्रा के समापन पर किला मंदिर परिसर में भगवान की पूजा-अर्चना, अभिषेक एवं शांति धारा की गई तथा इस अवसर पर पूज्य मुनि निष्पक्ष सागर जी ने कहा कि जैन शासन में क्षमा को भी धर्म के रूप में स्वीकार किया गया है यह महावीर का धर्म क्षमा से ही शुरू होता है।क्षमा वान ही बनते भगवान ।धर्म की प्रभावना का यह महान उत्सव आप सभी लोगों ने बहुत ही उत्साह से मनाया है। हमारा इतिहास तो तृतीय काल से है ,जब भगवान ऋषभदेव ने जन्म लिया था ।इस किले में भगवान पार्श्वनाथ के दोनों ओर अतिशयकारी एक नहीं दो -दो भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पार्वती मैय्या ने भू -गर्भ से निकाल कर दी है।

मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने कहा आज इस बात का संकल्प ले कि आदिनाथ भगवान का जन्म कल्याणक पर्व भी पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा। संस्कृति से जन जन लाभान्वित हो, ऐसी संस्कृति को जिंदा रखना हमारा कर्तव्य है ।आज मुझे बहुत आनंद की अनुभूति हुई कि इतने बड़े भगवान की प्रभावना में सम्मिलित हुए ।जिन शासन की प्रभावना में गुरु का उपकार नही भूल पाएंगे ,जो उन्होंने हमें इस आस्था वान नगरी में हमें भेजा है ।आज नगरी में चारों ओर से जय घोष की आवाज आ रही थी यह सब प्रभावना अंग का ही हिस्सा है। पर्यूषण पर्व अहिंसा परमो धर्म’ एवं ‘जियो और जीने दो’ की राह पर चलना सिखाता है – रायसिंह मेवाड़ा, नगरपालिका ने किया दिगंबर जैन समाज की रथयात्रा जुलूस का स्वागत श्री दिगंबर जैन समाज का दसलक्षण महापर्व पर्यूषण के समापन अवसर पर समाजजनों द्वारा एकम की रथयात्रा जुलूस निकाला।।

उक्त जुलूस किला स्थित दिगंबर मंदिर में विराजित मुनिश्री के सानिध्य में प्रारंभ हुआ ।जो नगर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ पुनः किला मंदिर पहुंचा। दिगंबर जैन समाज द्वारा निकाले गए एकम के जुलूस का सुभाष चौक चार बत्ती चौराहा पर नगरपालिका द्वारा मंच बनाकर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा के उपस्थिति में दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष आनंद पोरवाल, वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र गंगवाल, दिलीप सेठी, गोपी सेठी, धनरूपमल जैन, मुकेश बड़जात्या, कैलाश जैन चित्रलोक, कोमल जैन, यतेन्द्र श्रीमोड़, दीपक जैन, कंचन, पल्लव प्रगति, शरद जैन, पवन जैन सहित अन्य समाज के वरिष्ठजनों का मोती की माला व दुपट्टा डालकर स्वागत सम्मान किया। जुलूस में श्राविकाएं व श्रावकगण विभिन्न संगठनों की गणवेश में चल रहे थे, वहीं स्वर्णवेदी में भगवान विराजित थे। साथ ही मुनिश्री ससंघ जुलूस की शोभा बढ़ा रहे थे।

नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने मुनिश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने कहा कि जिस प्रकार से व्यापार-व्यवसाय में जैन समाज अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वाहन करता है, उसी प्रकार धार्मिक क्रियाओं में भी समाज सबसे आगे है। दस दिवसीय दसलक्षण महापर्व के दौरान समाजजन कठीन तप-त्याग कर प्रभु की आराधना में लीन रहते है। श्री मेवाड़ा ने कहा कि दसलक्षण महापर्व महावीर स्वामी के मूल सिद्धांत ‘अहिंसा परमो धर्म’ एवं ‘जियो और जीने दो’ की राह पर चलना सिखाता है तथा मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। श्री मेवाड़ा ने सभी समाजजनों से उत्तमक्षमा भी कहा। इस अवसर पर पार्षद कमलेश जैन, रवि शर्मा, सुभाष नामदेव, डॉ. सलीम खान, विशाल चौरसिया, रूपेश राठौर, अरशद अली, सीमा गंगवाल, रूपाली चौरसिया, गौरव सोनी, गबू सोनी, जगदीश वर्मा, आशीष बैरागी, मनीष किल्लौदिया, रोहित मालवीय सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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