updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- जिनालय हमारी संस्कृति के संवाहक है।चार प्रकार के दान औषधि, शास्त्र,अभय आहारा । 2018 में हमने आचार्य विद्यासागर महाराज के सानिध्य में खजुराहो में चातुर्मास किया था। अहिंसा प्रधान धर्म है।हमारी संस्कृति को पूर्वजों ने संजोकर हमारे समक्ष प्रस्तुत की। तुम्हारी पहचान धर्म और संस्कृति से यही पार लगाएगा।तप और दान कैसा होता है विस्तार से बताया। पिताजी की जायदाद पर राज कर रहे हो।पंच इंद्रियों के विषय में डूबे हुए हो।राम -कृष्ण- हनुमान की गाथा ….।धरती के कण –कण से निकला विद्यासागर महावीर …।
1905-06 में 59 जैन समाज के घर आष्टा में थे । जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड़ सकता है। उक्त बातें नेमि नगर साईं कॉलोनी के श्री नेमिनाथ जिनालय की जलयात्रा के समापन अवसर पर मंदिर के समक्ष आशीष वचन देते हुए मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने कहीं। मुनिश्री ने कहा नेमिनाथ भगवान के जीवन पर प्रकाश डाला,मूक पशुओं की चीत्कार सुन कर नेमिनाथ भगवान को वैराग्य आया। महापुरुषों के जीवन से सीखें।आज बड़े बाबा आदिनाथ भगवान एवं नेमिनाथ भगवान की कृपा से 500 घर है जो भगवान की आराधना कर रहे हैं। अपनी संस्कृति और संस्कार नहीं छोड़ा। जैनी पहले मंदिर बनवाते हैं ,फिर स्वयं बसते है।
कुछ लौकिक मंगल और कुछ महामांगलिक मंगल माना गया है। हमारे पुण्य और आपके भाग्य से मुनि संभव सागर महाराज के साथ समय यहां ढ़ाई साल पहले आए थे। गुरु कृपा से हम यहां पहले आए।भारत आजाद हुआ बंटवारे के साथ। पाकिस्तान में आज भी जिनालय है। काफी लोग पाकिस्तान से पलायन करके भारत आएं। पाकिस्तान से जैनी लोग अपने साथ जिनबिम्ब लेकर आएं,अपनी धन संपदा को हवाई अड्डे पर छोड़ दिया। जैनी अपने जिनबिम्ब, धर्म, संस्कार, संस्कृति के लिए समर्पित है।जैनियों का इतिहास भी गौरवशाली है।अपने धर्म और संस्कृति से समझोता मत करना दादी ने 6 और 8 साल के गुरु गोविंद सिंह के दोनों अपने सिख बच्चों को संस्कार दिए।
अन्य के सामने मत झुकना। बच्चों ने राज दरबार में नारा लगाया वाहे गुरुजी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह।आतिताई ने बच्चों को दीवार में चुनवा दिया। सेठ टोडरमल ने कहा मानवता और इंसानियत रखिए, अपनी सारी सम्पत्ति बैचकर दोनों बच्चे के लिए अंतिम संस्कार की जगह राजा से ली। पाषाण का जिनालय आष्टा में भी होना चाहिए। जैनी भाई सारी दौलत छोड़ कर भगवान की प्रतिमा को झोपड़ी में रखा। तुम रोड़ पति भी नहीं,करोड़ पति अपने बाप दादा की जायदाद के कारण करोड़ पति बने फिर रहे हो। अपने पूर्वजों की पुण्याई को खा रहे हो। लोकतंत्र में हर नागरिक सरकार है, सरकार भी नागरिकों ने बनाई है। मुनिश्री निष्काम सागर महाराज ने कहा कि जो प्रभु की भक्ति करते हैं पागलों की तरह उनपर प्रभु की कृपा बरसती है बादलों की तरह।
भक्ति का प्रभाव की डेढ़ साल में भव्य जिनालय मंदिर का निर्माण करवाकर भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा कराई। भूतबलि सागर महाराज का स्मरण करते हुए उनकी दीक्षा पर प्रकाश डाला। भूतबलि सागर महाराज के बड़प्पन का उल्लेख उत्कृष्ट तप किया। यहां की पूरी समाज आचार्य विद्यासागर महाराज के लिए समर्पित रही। अब आचार्य समय सागर महाराज के लिए समर्पित रहो। यदि गुरु के हिसाब से चलोगे तो विकास होगा और अपने हिसाब से गुरु को चलाया तो विनाश होगा।कषायों का क्षमण करना है। आश्रय दान का बहुत महत्व है। दर्शन शुद्धि भावना जिसमें प्राणी मात्र के कल्याण की भावना है। श्रावकों के लिए छः उत्तम तप बताएं है।बारह तप है छः अंतरंग और छः बाह्य तप। आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज जैन के ही नहीं जन-जन के आचार्य भगवंत थे। जिसकी जितनी शक्ति उतना तप करों।
आश्रय दान का बहुत महत्व है। दर्शन शुद्धि भावना जिसमें प्राणी मात्र के कल्याण की भावना है। श्रावकों के लिए छः उत्तम तप बताएं है।बारह तप है छः अंतरंग और छः बाह्य तप। नेमिनाथ भगवान ने किया नगर भ्रमण- नेमी नगर नेमिनाथ मंदिर से जल यात्रा गायब आज एक साथ दोपहर में प्रारंभ हुई। रजत पालकी में नेमिनाथ भगवान को विराजित करा गगन अपने कंधे पर लेकर चल रहे थे। मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज एवं मुनिश्री निष्काम सागर महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। भगवान के अभिषेक एवं शांति धारा का लाभ अनुराग, प्रखर नारे ने, पूजन का लाभ पवन कुमार जैन अवि कुमार जैन अलीपुर, मुनि श्री के पाग प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट करने का लाभ पंकज कुमार मनोज गोपी सेठी परिवार ने लिया। श्री सेठी नेमि नगर मंदिर के सभी ट्रस्टियों से शास्त्र भेंट कराएं।