updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- शहीद भगतसिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय आष्टा में दिनांक 10.09.2024 को पुस्तकालय ओरिंटेंशन प्रोग्राम आयोजित किया गया। जिसमें महाविद्यालय के शैक्षणिक स्टाॅफ एवं विद्याथिर्यों को श्री नफीस अहमद ग्रंथपाल द्वारा पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तके एवं अन्य सुविधाओं से अवगत कराया गया। इस कायर्क्रम का उद्देश्य नव प्रवेशित विद्याथिर्यों को पुस्तकालय के विभिन्न नियमों एवं प्रक्रियाओं से अवगत कराना तथा ई-रिसोर्सेस के उपयोग को प्रशिक्षण के माध्यम से बढ़ावा देना था। इस कायर्क्रम में बुनियादी सुविधाओं के अतिरिक्त पुस्तकालय में सब्सक्राईब एन लिस्ट जिसके द्वारा विद्याथिर्यों एवं शिक्षकों को अधिक संख्या में ई-पुस्तकें एवं जनर्ल्स प्रदाय किए जाते है के बारे में पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गई।
ई-ग्रंथालय साॅफ्टवेयर के वेब ओपेक के माध्यम से ई-बुक्स को सर्च करना, सर्च कर उससे पढ़ने के बारे में बताया गया। इसके अतिरिक्त ओपन एक्सेस ई-रिसोर्सेस जैसे ई-पीजी पाठशाला, ई-ज्ञानकोश, शोध गंगा आदि के बारे में भी जानकारी दी गई। इस कायर्क्रम में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ.अबेका खरे, डाॅ.दीपेश पाठक, डाॅ.सबीहा अख्तर, डाॅ.मेघा जैन, डा. बेला सुराणा, डाॅ.ललिता राय श्रीवास्तव, सुश्री शिवानी मालवीय, श्री वसीम खान, श्री वैभव सुराणा, श्री जगदीश नागले, श्री रुपकिशोर शर्मा , कु. लक्ष्मी विश्वकर्मा सहित अधिक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहें। इस कायर्क्रम में श्री जितेन्द्र विश्वकर्मा का विशेष सहयोग रहा।
updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041 साधु संघ की निरन्तर प्रेरणा और सानिध्य का ही परिणाम है कि बीते वर्षों में जैन समुदाय के युवक युवतियों एवं बच्चों में भी कठोर तप और उपवास धारण करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। उपवास का अर्थ है हम जहां जिस अवस्था मे हैं उससे अलग वास करना उपवास सिर्फ अन्न जल त्याग से ही नही होता इस तप में हमारे ध्यान विचार और मानस को भी आत्मोन्मुख किया जाता है। ऐसी ही तपश्चर्या में लीन रहे श्वेतांबर जैन समाज के युवा एवं धर्मनिष्ठ श्रावक पीयूष देशलहरा के 11 उपवास की कठिन तपस्या पुर्ण हुई।
इन 11 दिनों में उन्होंने अन्न एवं सभी प्रकार के आहार का त्याग कर निर्धारित समय पर सिर्फ गर्म पानी ग्रहण किया। पर्युषण पर्व में सभी जैन धर्मावलम्बी तप एवं धर्म आराधना करते है, पीयूष देशलहरा ने पर्युषण के पूर्व ही अपनी आत्म संकल्पित तपस्या प्रारंभ की जो कि संवत्सरी पर्व के दिन पूर्ण हुई। इसके पूर्व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सोनम ने 8 उपवास और बेटी समृद्धि ने 3 उपवास की तपस्या की। तपस्या पूर्ण होने पर पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार, प्रभु प्रेमी संघ के महासचिव प्रदीप प्रगति, युवा समाजसेवी एवं
पूर्व पार्षद नरेंद्र कुशवाहा श्वेतांबर जैन श्री संघ के महासचिव अभिषेक सुराणा एवं राज परमार ने देशलहरा निवास पहुँच कर उनका अभिनंदन किया एवं उनकी सुखसाता ( कुशलक्षेम ) पूछी। तपस्वी पीयूष देशलहरा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि तपस्या के दौरान उन्हें अनूठे आत्मबल की अनुभूति हुई यह दिव्य अनुभव सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता है। पीयूष देशलहरा ग्राम सिद्दीक़गंज के सुप्रसिद्ध समाजसेवी स्व. संतोष जी देशलहरा के ज्येष्ठ पुत्र है। ग्राम सिद्दीकगंज में साधु संतों का आहार विहार निरन्तर चलता रहता है। गुरुओं की निश्रा और प्रेरणा से जैनेतर बन्धु भी धर्मकर्म में सहभागिता करते हैं।