updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- मार्टिनेट कान्वेन्ट उ.मा. विद्यालय अलीपुर आष्टा ने विद्यालय के संचालक नोशे खान एवं प्रबंधक विनीत कुमार त्रिवेदी, प्राचार्य नेहा तिवारी की उपस्थिति मे जिला मेरिट मे आये विद्यालय के छात्र आयुष जाटव ने स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा रोहण किया। इसके पश्चात विद्यालय के म्यूजिक व घोस बैण्ड द्वारा राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत का गायन किया गया इसके पश्चात सभी विद्यार्थियों एवं विद्यालयीन स्टॉफ द्वारा तिरंगे को सलामी दी गई, इसके पश्चात विद्यालय द्वारा तैयार सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिये डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्राउण्ड पर बच्चों ने 2 सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये इसके पश्चात निर्णयायक मण्डल ने विद्यालय को प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्रदान किया। विद्यालय के इन विद्यार्थियों को स्थानीय विधायक गोपालसिंह इंजीनियर, जनपद पंचायत अध्यक्ष दीक्षा सोनू गुणवान,
नगरपालिक प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष गजराज पटेल, पूर्व मार्केटिंग सोसायटी अध्यक्ष कृपाल पटाड़ा, देवी सिंह परमार, अनुविभागीय अधिकारी स्वाती उपाध्याय मिश्रा, तहसीलदार पंकज पवैया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत आष्टा अमित व्यास, मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेश सक्सेना, सहायक संचालक प्रमोद, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व संकुल प्राचार्य अजबसिंह राजपूत, भाजपा मण्डल अध्यक्ष अतुल शर्मा, विद्यालय के संचालक नोशे खान, पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष धनरूपमल जैन, पार्षद सलीम खान, कमलेश जैन, रवि शर्मा, भुरू खां, कालू भट्ट, विशाल चौरसिया, तेजसिंह राठौर, मण्डी व्यापारी संघ अध्यक्ष रूपेश राठौर, कैलाश बगाना, पप्पू भाई पदमसी, आदि की उपस्थिति मे विद्यालय प्रबंधक विनीत कुमार त्रिवेदी, प्राचार्य नेहा तिवारी, डांस टिचर जया बागवान को प्रमाण-पत्र एवं शील्ड देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर विद्यालय के एकेडमिक इंचार्ज शिखा तिवारी फीस इंचार्ज रेखा शर्मा कम्प्यूटर ऑपरेटर कुशल भूतिया शिक्षक/शिक्षिकाए अतुल जैन सुराणा, अशोक महेश्वरी, जी.डी. बैरागी, संदीप यादव, मनीष चौरसिया, दिनेश जायसवाल, निखिल खत्री, वेद शर्मा, रजत धारवॉ, सुल्ताना अली, रागिनी नामदेव, रिणु भदोरिया, सलोनी बिल्लौरे, लक्ष्मी मालवीय, सोनू सिसोदिया, वैष्णवी बैरागी, मुस्कान अली, ज्योति सिसोदिया, सविता ठाकुर, सरिता मेवाड़ा, सना खान, शुभम बगाना, शुभी जैन, सिमरन मालवीय, सुमयया शमीम, साक्षी अजनोदिया, संध्या शर्मा, राजकुमारी मेवाड़ा, डॉली निम्बोदा, तनीम खान, साफिया मिर्जा, शालिनी शर्मा, कोमल मेवाड़ा, प्रांजल गुठानिया उपस्थित रहे।
updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आपकी भक्ति कितनी भक्ति गुणानुवाद के साथ होती है, एक भक्ति आलोचना पूर्वक होती है।प्रभु आप पतित को पावन बनाने वाले, तारने वाले है। में अपावन हूं पर आपकी भक्ति से पावन बन सकता हूं।भगवान की भक्ति करने में तीन बातों का ध्यान रखना भगवान का मुख दर्शन। दर्शन से जो उपदेश मिला उसको ग्रहण करना। उपदेश से आत्म तत्व का चिंतन करना, मन्दिर में आने के बाद इन तीन बातों को हमेशा ध्यान रखे। भक्ति शक्ति को छिपा कर नही करना चाहिये, वीतरागता में कितना आकर्षण है। उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं।
मुनिश्री ने कहा वीतराग भगवान महाराजाओं के भी राजा है, गुरुदेव की छवि कितनी सुंदर थी कि हजारों लोग लाइन में खड़े रहते थे उनकी एक झलक पाने के लिए। बहुत आकर्षण था, आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज महान भव्य आत्मा में, यह सब उनकी तप और संयम का प्रभाव था उनके गुणों का उनकी वीतरागता का प्रभाव विश्व विख्यात था। निष्पक्ष सागर महाराज ने कहा आचार्य श्री वीतरागता के पुरोधा पुरुष थे, पंचम काल मे आकर के ऐसी भव्य आत्मा अपना जादू बिखेर कर हमे सच्चा मार्ग बता कर गए है गुरु जी के अर्घ्य में हम कहते है तुममे कितना सम्मोहन है या है कोई जादू टोना जो दर्श तुम्हारे कर लेता नही चाहे कभी विलग होना बहुत सुंदर उदाहरण बताया है, उनका नाम ही अपने आप मे एक मंत्र है। बाहर के साथ अंतरंग का भी ध्यान रखना होगा।
उनके गुणों का गुणगान करने के लिए हुन्दावसर्पिणी काल है, हम सभी वक्र बुद्धि है हमे पुण्य की आवश्यकता होती है। जिन्होंने सब कुछ तज दिया ये पंचीन्द्रिय के विषय भौतिकता के विषय सभी का त्याग किया है। त्याग और तप की बड़ी महिमा है, जैन शासन में जिसके पास वैभव है उसकी नही, जिसने वैभव छोड़ा है ,उसकी पूजा होती है। वीतरागता का क्या महत्व है इसे हमे समझना होगा। गुण स्तुति आदि को समझना होगा।आठ कर्मो में हम सभी जकड़े हुए है हम तो अनादि काल से इन कर्मो में जकड़े हुए है। स्वतंत्र नही हो पाए है, कर्मो से कर्म ही हमे यहां रोककर रखे हुए है। आठ कर्मो में आयु कर्म का बड़ा महत्व है, जो कभी भी हमे धोखा दे सकता है। सुहागिन महिलाओं ने सुहाग दशमी का व्रत भक्ति भाव से किया।