updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- समूचे प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में विशेष स्थान रखने वाली सीहोर जिले की ए ग्रेड कृषि उपज मंडी आष्टा में लंबे समय से कार्यरत श्री मोहन मालवीय को आष्टा कृषि उपज मंडी का मंडी सचिव का पदभार ग्रहण करने पर फल सब्जी मंडी एसोसिएशन अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाह ने कृषि उपज मंडी कार्यालय पहुंचकर श्री मालवीय का पुष्पमाला पहनाकर एवं साफा बांधकर मिठाई खिलाकर बधाई व शुभकामनाएं दी एवं नवीन कृषि उपज मंडी में संचालित हो रही फल सब्जी लहसुन प्याज मंडी की व्यवस्थाओं को लेकर

श्री कुशवाह ने आपसे चर्चा कर व्यापारियों एवं किसानों को आ रही परेशानियों से अवगत कराया। इस अवसर पर फल सब्जी मंडी वरिष्ठ व्यापारी मनोज कुशवाह, इकरार भाई पठान, शुभम कुशवाह, सुशील कुशवाह, रवि कुशवाह, साबिर भाई राईन, आजाद भाई, जफर भाई, अफसर भाई, अफजल भाई, रियाज भाई, हंसराज कुशवाह, गब्बू कुशवाह, विनोद कुशवाह, मोहनलाल कुशवाह, जुबेर राईन, वसीम भाई, अफसर (छोटेभाई), आशिक मामा, अजीज पठान एवं फल सब्जी मंडी व्यापारी संघ के सभी व्यापारियों ने श्री मालवीय को बधाई व शुभकामनाएं दी।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- जीवन में चिंता नहीं चिंतन करो और समस्त चिंताओं को ईश्वर के चरणों में अर्पित कर दो, हम चिंता करते है, इसके एवज में हमको चिंतन करना चाहिए ये पूरी सृष्टि संकल्प से ही बनी है। जैसा हमारा संकल्प होता है, वैसी ही सिद्धि मिलती है। हमारा व्यवहार जैसा होगा, वैसा ही व्यवहार दूसरे लोग हमसे करते हैं। हम दूसरों से खुद के लिए मान-सम्मान चाहते हैं तो पहले हमें दूसरों को मान-सम्मान देना होगा।

हमें ये संसार वैसा ही दिखाई देता है, जैसा हम सोचते हैं। इसलिए अच्छा सोचें। हमारे संकल्प शुभ होंगे तो परिणाम भी शुभ ही मिलेंगे। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी संगीतमय सात दिवसीय शिव महापुराण के दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के पुत्र कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहे। कथा के दूसरे दिन भगवान शिव के भक्त राज वीरमणि के द्वारा सावन मास के दौरान पूजा अर्चना के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए

पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि जो भगवान के प्रति समर्पित रहता है, उसकी चिंता भगवान भोले स्वयं करते है। पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि परमात्मा के विधान से मनुष्य को जो कुछ मिला है, उसे अपने भोग में न लगाकर दूसरों की सेवा में करना मनुष्य का कर्तव्य है। दूसरों की सेवा करना हमारी संस्कृति का मूल संदेश है। सेवा करने से व्यक्ति विनम्र बनता है। इसलिए शास्त्र कहते हैं कि सेवा परम धर्म है। सेवा करने से हमारे गुण उजागर होते हैं। जब हम अपना श्रम, साधन और ऊर्जा दूसरों के हित में लगाते हैं तो हमारा अहंकार खत्म होता है

इससे परमात्मा प्रसन्न होते हैं, क्योंकि परमात्मा स्वयं उदार हैं। परमात्मा बिना किसी भेदभाव के सभी को एक समान हवा, पानी, प्रकाश, प्राण, आकाश दे रहे हैं। आज किया जाएगा कुबेरेश्वधाम पर विशेष अभिषेक- कथा के मुख्य यजमान पंडित विनय मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार को कथा दोपहर एक बजे से चार बजे तक आयोजित की जाएगी और शाम को भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आन लाइन कराए जा रहे अभिषेक का प्रसारण मंदिर परिसर में किया जाएगा और साथ में विशेष अभिषेक किया जाएगा।

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