updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- श्रावण मास के प्रारंभ होते ही कांवड़ यात्रा की विधिवत रूप से शुरूआत हो चुकी है। नगर सहित प्रदेश व देश के विभिन्न राज्यों-शहरों से श्रृद्धालुजन पवित्र नदियों का जल कावड़ में भरकर भगवान भोले का अभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में निकलते है। इसी के चलते आज नगर के दर्जनों कावड़यात्री जीवन दायिनी मां पार्वती का जल सुसज्जित कावड़यात्रा में भरकर नेमावर के लिए रवाना हुए, जो मां पार्वती के पवित्र जल से नेमावर स्थित भगवान शंकर का अभिषेक करेंगे, तत्पश्चात् नर्मदा नदी के जल को कावड़ में भरकर किला स्थित प्राचीन शंकर मंदिर में विराजित भगवान शंकर का जलाभिषेक करेंगे।

नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने प्राचीन शंकर मंदिर पहुंचकर कावड़ की पूजा-अर्चना कर कावड़यात्रा अध्यक्ष दीपक कुशवाह, रमेश कुशवाह, जीवन कुशवाह, लखन कुशवाह, राजेन्द्र कुशवाह, ब्रजेश कुशवाह, बबलू कुशवाह कावड़यात्रियों का स्वागत सम्मान किया। इस मौके पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने कहा कि कांवड़ यात्रा, जीवन यात्रा का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य अनुशासन, सात्विकता और वैराग्य के साथ ईश्वरीय शक्ति से जुड़ना है। ऐसा माना जाता है कि कांवड़यात्रा से संकल्प शक्ति के साथ आत्मविश्वास जागृत होता है।

भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं, कांवड़ उठाने वाले कांवड़ियों की भक्तिभाव से भगवान शंकर प्रासन्न होकर आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें और आप सभी खुशहाली के साथ कावड़यात्रा पूर्ण कर अपने नगर में सकुशल पधारें यही प्रभु से प्रार्थना है। इस अवसर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा के साथ भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष ऋतु जैन, पार्षद रवि शर्मा, विशाल चौरसिया, पूर्व पार्षद माखन कुशवाह, गिरजा कुशवाह, संजू कुशवाह, मनोज पटेल, मुकेश कुशवाह, कैलाश कुशवाह, बलराम कुशवाह, गोवर्धन पंडा, तुलसीराम कुशवाह आदि मौजूद थे।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- जि़ंदगी में मौका देने वाले भी मिलेंगे और धोखा देने वाले भी मिलेंगे। जो मौका दे, उसे धोखा कभी मत दो। जो धोखा दे, उसे मौका कभी मत दो। मेरे भगवान भोलेनाथ सभी को जीवन में मौका देते है, लेकिन अवसर को अपने प्रयास से ही सार्थक बनाया जा सकता है। जैसे चंचुला और देवराज ब्राह्मण ने भगवान शिव की कृपा से अपने जीवन को पुण्यमय कर लिया था। उक्त विचार बुधवार से विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में जारी सात दिवसीय संगीतमय शिव महापुराण के पहले दिन अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के पुत्र कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहे।

इस मौके पर कथा के मुख्य यजमान पंडित विनय मिश्रा, श्रीमती कविता मिश्रा के अलावा विठलेश सेवा समिति की ओर से प्रबंधक पंडित समीर शुक्ला, मनोज दीक्षित मामा, आकाश शर्मा आदि ने व्यास पूजन किया।
उन्होंने कहा कि भक्ति के बिना जीवन अधूरा है, लाखों योनियों में सबसे सुंदर शरीर मनुष्य का है, भगवान के आशीर्वाद के बिना मनुष्य जीवन प्राप्त नहीं होता भगवान शिव का संपूर्ण चरित्र परोपकार की प्रेरणा देता है। भगवान शिव जैसा दयालु करुणा के सागर कोई और देवता नहीं है। चंचुला नाम की स्त्री को जब संत का संग मिला वह शिव धाम की अनुगामिनी बनी। एक घड़ी के सत्संग की तुलना स्वर्ग की समस्त संपदा से की गई है।

भगवान शिव भी सत्संग का महत्व मां पार्वती को बताते हुए कहते हैं कि उसकी विद्या, धन, बल, भाग्य सब कुछ निरर्थक है जिसे जीवन में संत की प्राप्ति नहीं हुई। परंतु वास्तव में सत्संग कहते किसे हैं। सत्संग दो शब्दों के जोड़ से मिलकर बना यह शब्द हमें सत्य यानि परमात्मा और संग अर्थात् मिलन की ओर इंगित करता है। परमात्मा से मिलन के लिए संत एक मध्यस्थ है, इसलिए हमें जीवन में पूर्ण संत की खोज में अग्रसर होना चाहिए, जो हमारा मिलाप परमात्मा से करवा दे। सच्चा संत वही है, जो सहज भाव से विचार करे और आचरण करे।

जब उसका मान हो, तब उसे अभिमान न हो और कभी उसका अपमान हो जाए, तो उसे अहंकार नहीं करना चाहिए। हर हाल में उसकी वाणी मधुर, व्यवहार संयमशील और चरित्र प्रभावशाली होना चाहिए। संत शब्द का अर्थ ही है, सज्जन और धार्मिक व्यक्ति। सच्चा संत सभी के प्रति निरपेक्ष और समान भाव रखता है, क्योंकि सच्चा संत, हर इंसान में भगवान को ही देखता है, उसकी नजर में हर व्यक्ति में भगवान वास करते हैं, इसलिए उस पर किसी भी तरह के व्यवहार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। सच्चा संत वही है, जिसने अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया हो और वह हर तरह की कामना से मुक्त हो।

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