updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041– प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के नागरिकों के सुखद भविष्य के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं से प्रदेश के लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इन्हीं जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक “लाडली लक्ष्मी योजना” भी है, जो बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर के साथ ही स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से संचालित है।

शासन की इस महत्वपूर्ण योजना से सीहोर निवासी श्रीमती तबस्सुम की बेटी लाड़ली फातिमा भी लाभान्वित हुई है। तबस्सुम बताती है कि फातिमा का पंजीयन लाड़ली लक्ष्मी योजना में कराने से मुझे अपनी बेटी की शिक्षा एवं विवाह की कोई चिंता नही है। योजना के तहत फातिमा की शिक्षा के साथ ही उसकी शादी के लिए भी धनराशि प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार की यह लाड़ली लक्ष्मी योजना मेरे जैसी अनेक माताओ को अपने बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने में मददगार है। श्रीमती तबस्सुम ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को धन्यवाद दिया है।

घायल शावकों को बचाने के सीहोर जिला प्रशासन के प्रयासों को मुख्यमंत्री ने बताया वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता, अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर दी बधाई, वन्य प्राणियों का संरक्षण और उनके प्रति संवेदनशीलता जरूरी- मुख्यमंत्री डॉ यादव

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश सर्वाधिक बाघ वाला प्रदेश है। प्रदेश में बाघों की आबादी बढ़कर 785 पहुँच गई है। यह प्रदेश के लिये गर्व की बात है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा का कार्य अत्यंत मेहनत और परिश्रम का है। समुदाय के सहयोग के बिना वन्य प्राणियों की सुरक्षा संभव नहीं है।

वन विभाग और वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जिनके कारण मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर जंगलों में बाघों के भविष्य को सुरक्षित करने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेने का आहवान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाघों के संरक्षण के लिये संवेदनशील प्रयासों की आवश्यकता होती है जो वन विभाग के सहयोग से संभव हुई है।

हमारे प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में बेहतर प्रबंधन से जहाँ एक ओर वन्य प्राणियों को संरक्षण मिलता है, वहीं बाघों के प्रबंधन में लगातार सुधार भी हुए हैं। वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता- वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता का हाल ही में सीहोर जिले में एक उदाहरण सामने आया था। सीहोर जिले के बुदनी के मिडघाट रेलवे ट्रेक पर बाघिन के तीन शावक ट्रेन की चपेट में आ गये थे, जिसमें दो गंभीर रूप से घायल शावकों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जिला प्रशासन और वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा एक डिब्बे की विशेष ट्रेन से उपचार के लिये भोपाल लाया गया था।

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