updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आष्टा का इनरव्हील क्लब एक ऐसी संस्था – क्लब है जो दीन दुखियों की सेवा के साथ ही धार्मिक, राष्ट्रीय पर्वों पर भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हैं। दीपावली पर गरीबों को मिठाई, कपड़े आदि भी देकर उनका दीपों का पर्व उत्साह पूर्वक मनवाती है। रक्तदान महादान है, प्रत्येक व्यक्ति को रक्तदान अवश्य करना चाहिए।यह आपका दिया गया रक्त किसी भी मरीज, घायल व्यक्ति की जिंदगी भी बचाता है। उक्त बातें नगर के सिविल हॉस्पिटल में आयोजित रक्तदान शिविर के अवसर पर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने कहीं।

आपने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की यह संस्था इसी प्रकार सक्रिय रहे, यह अपेक्षा करता हूं। इनरव्हील क्लब ने सिविल अस्पताल में रक्तदान शिविर में सहयोग प्रदान किया। जिसमें सभी रक्तदाताओं को माला पहनकर स्वागत किया एवं दूध और बिस्किट वितरित किए। बीएमओ डॉक्टर जीडी सोनी द्वारा संचालित किया, उन्होंने बताया कि इस रक्तदान शिविर में 30 लोगों ने रक्तदान कर सहभागिता की। विधायक गोपालसिंह इंजीनियर, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, डॉक्टर जी डी सोनी एवं

डॉक्टर अर्चना सोनी सहित इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष श्रीमती रीना राजेश शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया। क्लब की डॉ चंदा जैन, डॉक्टर अर्चना सोनी, डॉक्टर नेहा अरोरा, डाक्टर सहनी अंजुम, एडिटर श्रद्धा पालीवाल, हॉस्पिटल का स्टाफ अवधेश प्रताप सिंह, तरुण राठौर बीसीएम, मोहन श्रीवास्तव बीई ई, प्रमोद परमार फार्मासिस्ट, रविकांत मालवीय लैब टेक्नीशियन, विनोद विश्वकर्मा लैब टेक्नीशियन, देवकरण मालवीय लैब टेक्नीशियन, अशोक परमार, ब्लड बैंक स्टाफ जिला चिकित्सालय सीहोर, निर्मल कचनारिया, महेंद्र प्रताप सिंह, शुभम परमार, दानिश, श्रीमती प्रियंका रघुवंशी आदि उपस्थित थे।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- कथा से मनुष्य को जीवन जीने की सीख मिलती है। सावन मास में शिव महापुराण श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शिव महापुराण से विवेक की जागृति होती है। जब तक मनुष्य के अंदर विवेक नहीं है, तब तक परमात्मा को पाना संभव नहीं है। उक्त विचार शहर के पटेल कालोनी में आयोजित संगीतमय शिव महापुराण कथा में कथा व्यास पंडित राहुल कृष्ण आचार्य ने कहे।

कथा के दौरान मंच पर आए कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा का यहां पर महिला मंडल ने स्वागत किया। कथा के दौरान पंडित राहुल ने भगवान गणेश के जन्म के अलावा गंगा और भागीरथ के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने मां गंगा की महिमा की चर्चा करते हुए कहा कि गंगा एक देव नदी है यानी ये स्वर्ग से धरती पर आई है। पुराने समय में राजा भगीरथ ने तप करके ब्रह्माजी से गंगा को धरती पर भेजने का वरदान मांगा था। इस संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं। राजा दिलीप की मृत्यु के बाद भगीरथ राजा बने।

भगीरथ के पूर्वज राजा सगर के 60 पुत्रों की मृत्यु के बाद उनका उद्धार नहीं हो पा रहा था। अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए राजा भगीरथ ने देव नदी गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर तप किया था।भगीरथ ने सबसे पहले ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए तप किया। जब ब्रह्मा जी प्रकट हुए तो उन्होंने वरदान मांगने के लिए कहा। भगीरथ ने वरदान मांगा कि मैं मेरे पूर्वज सगर के पुत्रों के उद्धार के लिए स्वर्ग से देव नदी गंगा को धरती पर लाना चाहता हूं। गंगा के जल से मेरे पूर्वजों को मुक्ति मिलेगी, नया जीवन मिलेगा और मुझे भी एक पुत्र की प्राप्ति होगी।

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