updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- शुक्रवार को ग्राम पंचायत श्यामपुर में ग्राम न्यायालय की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में ग्राम न्यायाधिाकरी स्वप्र श्री सिंह द्वारा श्यामपुर एवं समीप की पंचायतों के प्रकरण सुनवाई में लिए गए। इस मौके पर घरेलू हिंसा, पास्को एक्ट आदि के बारे में भी जानकारी से ग्रामीणों को अवगत किया गया। वहीं दो सगे भाईयों में आपसी समझौता करवाया गया। बैठक के अतिरिक्त विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।

इस मौके पर यहां पर उपस्थित ग्रामीणों को ग्राम न्यायालय पाक्सो एक्ट, घरेलू हिंसा अधिनियम, एससी-एसटी एक्ट तथा अन्य कानूनी मुद्दों पर ग्रामीणगण की समस्याओं पर परिचर्चा के माध्यम से विधिक जागरूकता की गई। इस मौके पर दो सगे भाईयों में आपसी समझौता करवाया। बैठक में ग्राम न्यायाधिकारी स्वप्र श्री, ग्राम के सरपंच नवीन चौहान, सचिव मुकेश पाटीदार के अलावा ग्राम के समस्त पंचगण और ग्रामवासी उपस्थित थे। इस मौके पर विधिक जागरूकता के दौरान यहां पर पॉक्सो अधिनियम बच्चों को बाल यौन अपराधों व यौन उत्पीडऩ से बचाने के लिए बनाया गया है।

पॉक्सो अधिनियम के तहत बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों में बच्चों का यौन-शोषण, यौन उत्पीडऩ एवं पोर्नोग्राफी को शामिल किया गया है। बच्चों के साथ अश्लील हरकत करना, बेड टच करना, बच्चों को अश्लील फिल्म या पोर्नोग्राफिक दिखाना, बच्चों के साथ गलत भावना से की गई सभी हरकते पॉक्सो अधिनियम के तहत रेप की श्रेणी में रखी गई हैं। इन सभी अपराधों में कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है।

बाल संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरिता शर्मा ने घरेलू हिंसा व बाल विवाह के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को बाल विवाह की सूचना मिले तो उसकी जानकारी नजदीकी पुलिस थाना/चौकी पर दें। अगर किसी महिला के साथ हिंसा होती है तो उसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर दें। उसको तुरंत सहायता मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में एक ही छत के नीचे महिलाओं को निशुल्क विधिक परामर्श एवं अधिकतम पांच दिन आश्रय देने का प्रावधान है। अगर किसी बच्चे को किसी भी प्रकार की समस्या है तो वह है इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर दे।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- संसार का हर मनुष्य सदा सर्वदा कर्म में ही लीन होता है और तदानुसार उसे उसका फल भी मिलता रहता है। शिव महापुराण में वर्णन है कि एक बार माता पार्वती ने शिव से कहा कि आप दुख देते है तो भगवान ने कहा कि मैं कभी किसी को दुख नहीं देता, मनुष्य स्वयं अपने कर्मों का फल भोगता है। उक्त बात शहर के पटेल कालोनी में जारी सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के दौरान कथा व्यास पंडित राहुल कृष्ण आचार्य ने कही। इस मौके पर भगवान शिव और माता पार्वती की कथा का प्रसंग के अलावा भगवान राम की महिमा का भी वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि संसार मे कर्म ही सब कुछ है, कर्म में ही आपका जीवन है। कर्म के कुछ सिद्धांत हैं जिनका पालन करने से आपके जीवन को दिशा मिलती है। हर सभ्यता और समाज मे समय के अनुसार कर्म के छोटे-बड़े और अच्छे-बुरे की परिभाषा तय की जाती है। आपकी सोच आपके कर्म की पहली सीढ़ी होती है। भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पार्वती जी महादेव को पाने के लिए तप में जुट गई, पार्वती के प्रेम को परखने और उनकी तपस्या भंग करने के लिए शिव जी ने कई प्रयास किए लेकिन देवी का टस से मस नहीं हुई।

पार्वती का समर्पण देखकर और संसार की भलाई के लिए शंकर भगवान देवी पार्वती से विवाह के लिए राजी हो गए। पार्वती जी की निष्ठा व कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने विवाह का वचन दिया। जीव जब सच्चे हृदय से प्रार्थना करते हैं, तो भगवान भी उसे सम्यक फल प्रदान करते हैं। भोगी की प्रारंभिक अवस्था सुखमय प्रतीत होती है, किंतु अंत अत्यंत दुखद होता है। इसके ठीक विपरीत योगी की साधना अवस्था कष्टप्रद होती है, किंतु अंत बड़ा सुखद होता है। इसलिए कहा जाता है, अंत भला तो सब भला। शिव-पार्वती विवाह में भूत-प्रेतों को भी शामिल किया गया है, जो शिव की समता का दर्शन कराता है।

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