updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- पुलिस अधीक्षक श्री मयंक अवस्थी के निर्देशानुसार श्यामपुर थाना पुलिस द्वारा श्यामपुर के पीएम श्री शासकीय उच्चतर विद्यालय परिसर में घुसकर तलवार लहराने वाले एवं छात्राओं को परेशान करने वाले आरोपियों को त्वरित कार्यवाही कर गिरफ्तार कर लिया गया है। विद्यालय की प्राचार्य द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर बताया गया था कि 24 जुलाई दो लड़के सोहेल व सौरभ शाला परिसर में बाईक पर सवार होकर हाथ में तलवार लेकर आए,

तलवार लहराकर बच्चों में भय उत्पन्न करने तथा लड़कियो का पीछा कर उन्हें परेशान करने का प्रयास किया। पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपियों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जिला न्यायालय में पेश किया गया। जिला न्यायालय द्वारा आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। यह कार्रवाई थाना प्रभारी निरीक्षक सुश्री संध्या मिश्रा, उपनिरीक्षक श्री रामबाबू राठौर, उपनिरीक्षक सुश्री सुनीति सिंह, प्रधान श्री प्रेमसिंह यादव, श्री राजेश जाटव, श्री भगवान सिंह यादव, श्री अमित नागर, श्री पवन राजपूत, श्री रघुवीर सिंह, श्री महिपाल सिंह, श्री सीताराम वर्मा द्वारा की गई।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041– संयम और साधना का अपूर्व अवसर चातुर्मास के रूप में हमारे मध्य पुनः उपस्थित हुआ है। हम सभी के पुण्योदय से उच्चारणाचार्य श्री 108 विनम्र सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्रमण मुनि श्री 108 विनंद सागर जी महाराज एवं ऐलक 105 श्री विनमित सागर जी महाराज का चातुर्मास कराने का अवसर अरिहंत पुरम (अलीपुर) आष्टा को प्राप्त हुआ है। वहीं संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज जी एवं

नवाचार्य समय सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री निष्पक्ष सागर महाराज, मुनिश्री निष्प्रह सागर महाराज, मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज एवं मुनिश्री निष्काम सागर महाराज का चातुर्मास कराने का लाभ आष्टा समाज को श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर मिला है। शनिवार 27 जुलाई को दोपहर 1 बजे अरिहंत पुरम अलीपुर मंदिर में चातुर्मास कलश स्थापना ब्रह्मचारी प्रदीप शास्त्री पीयूष जबलपुर द्वारा कराई जाएगी और 28 जुलाई को दोपहर 1 बजे श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर किला पर

चातुर्मास कलश स्थापना विधानाचार्य धीरज भैय्या राहतगढ़ तथा संगीतकार अंकित जैन भोपाल द्वारा कराई जाएगी। सोमवार 29 जुलाई से 48 दिवसीय श्री भक्तांबर प्रशिक्षण शिविर अलीपुर मंदिर में मुनिश्री विनंद सागर महाराज के पावन सानिध्य में होगा। अतः दोनों मंदिरों में आयोजित कलश स्थापना महोत्सव एवं अलीपुर मंदिर में श्री में सपरिवार सम्मिलित होकर पुण्यार्जन करने का आग्रह श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति व सकल जैन समाज आष्टा, चातुर्मास व मुनि सेवा समिति तथा श्री चंद्रप्रभ मंदिर समिति व मुनि सेवा समिति अरिहंत पुरम (अलीपुर) आष्टा ने किया है।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- भगवान और गुरु को मानते हैं, लेकिन उनकी बातों को नहीं मानते हैं।जो भगवान की बातों को मानते हैं वह जैन है। षट कर्त्तव्यों में पहला कर्तव्य भगवान की पूजा-अर्चना और दूसरा कर्त्तव्य गुरु पूजा भक्ति आराधना है। गुरु आत्मा का ज्ञान कराते हैं एवं सदमार्ग बताते हैं। जहां गुरु पहुंचे हैं, वहां आप नहीं जा सकते हैं। गुरु की महिमा अपार है। उनके करोड़ों गुणों को नहीं कह सकते हैं आप। गुरु का हाथ शिष्य पर रखा गया तो सारी विपत्तियां दूर हो जाती है। गुरु नहीं हो लेकिन भाव से ही काम हो जाएगा।

गुरु द्रोणाचार्य एवं एकलव्य का वृतांत सुनाया। अर्जुन से भी धनुष विद्या में आगे था। गुरु द्रोणाचार्य की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर धनुष विद्या सीखी एकलव्य ने और गुरु ने दक्षिणा में एकलव्य का अंगूठा मांगा, और उसने सहज ही अपना अंगूठा काटकर दे दिया था। उक्त बातें नगर के श्री चंद्र प्रभ दिगंबर जैन मंदिर अरिहंतपुरम अलीपुर में चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य आचार्य विनम्र सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री विनंद सागर महाराज ने कहीं। धर्म सभा के प्रारंभ में मंगलाचरण मंदिर व्यवस्था समिति अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन अमलाह ने किया।

वहीं मूल नायक चंद्र प्रभु, मुनिश्री विनम्र सागर महाराज आदि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित समाज के नरेन्द्र गंगवाल, प्रदीप जैन पोरवाल, कचरुमल जैन आदि ने किया। मुनिश्री ने कहा कि जैन मुनि दृढ़ता से अपनी चर्या का पालन करते है। मुनिश्री विसाखाचार्य एवं राजा चंद्र गुप्त का वृतांत सुनाया। जिनके जीवन में नियम नहीं वह आहार नहीं दे सकते हैं। गुरु भक्ति जहां वहां देवता भी नतमस्तक होकर सेवा करते हैं। मुनिश्री विनंद सागर महाराज ने कहा गुणों को ग्रहण करें और दोषों को छोड़कर आत्म कल्याण करें। गुणों का पता नहीं रहेगा तो उसे ग्रहण कैसे करोगे और दोषों को कैसे छोड़ोगे।

जैन जन्म से नहीं जब तक आपको जैन धर्म का ज्ञान जरूरी। भगवान की मानें वह जैन है। श्रावकों को आठ गुणों का पालन करना चाहिए। मुनिश्री ने कहा 24 घंटे के बाद का आचार नहीं खाना चाहिए। वासी भोजन नहीं करना चाहिए। मर्यादित भोजन करें, जिस प्रकार एक्सपायरी डेट की दवाई नहीं खाते तो अमर्यादित भोजन व खाद्य पदार्थ का सेवन क्यों करते हो। ऐसे नियम ,व्रत का पालन करें कि आप मुनि गण को आहार दे सके। रात्रि में भोजन नहीं करें और बारिश के दिनों में तो सूर्य अस्त होने के बाद भोजन नहीं करें। मद्य, मांस, मधु-शहद, रात्रि भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।हमने अपने धर्म को छोड़ दिया है।

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