updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच शाखा आष्टा द्वारा पूरे देश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने हेतु ज्ञापन माननीय अनुविभागीय अधिकारी श्रीमती स्वाति उपाध्याय मिश्रा को दिया। ज्ञापन में अनुरोध किया गया के हाल ही में कर्नाटक सरकार द्वारा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को विधानसभा में पारित कर प्रदेश में लागू कर दिया गया है। और राजस्थान सरकार द्वारा भी विधानसभा में प्रोडक्शन एक्ट पारित कर दिया गया है। पर मध्य प्रदेश में अभी तक प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हुआ है वकील भी कोर्ट आफिसर होता है।

एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की मांग करते हैं। ज्ञापन का वाचन प्रदेश सचिव भुपेंद्र सिंह राणा एडवोकेट ने किया अवसर पर ई भूपेंद्र सिह राणा, सुनील कचनेरिया, नंदकिशोर सरासिया,मुकेश वर्मा शहर अध्यक्ष, कांतिलाल जोशी, सुधीर जोशी, निलेश शर्मा, भूपेश जामलिया, रविंद्र भाटी, कुलदीप ठाकुर, सुधीर जोशी, श्रीमती अनीता यादव, प्रदेश अध्यक्ष सक्सेना जी, एडवोकेट बाबूलाल परमार, कार्तिक कारपेंटर, योगेश पटेल, विक्रम मालवीय, गोकुल कुशवाह, देवकरण धनवान के एल पेरवाल, निरंजन ठाकुर, सुनिल गुडवाल, जीवन सिंह नागलिया राजेश पचलासिया सहित अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- वरिष्ठ समाजसेवी बजरंग कालोनी निवासी सवाईमल जैन वयोवृद्ध अवस्था की बीमारियों से अशक्त से थे परिजनों ने स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया हुआ था की देर रात्रि में उन्होंने अंतिम सांस ली, सुबह उनकी शवयात्रा बजरंग कालोनी से शुरू होकर शमशान घाट पहुंची। स्व सवाईमल जैन, संजय कुमार पवनकुमार, राजेश कुमार के ताऊजी तथा अनिल प्रगति, सुनील प्रगति, प्रदीप प्रगति एवम, श्रीमल, संतोष जैन शुजालपुर के मामाजी थे।

गायत्री परिवार के ट्रस्टी मोहन सिंह अजनोदिया पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार, नगर पालिका के उपाध्यक्ष प्रतिनिधि भूरू खां पूर्व पार्षद, जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष यतेंद्र जैन, जैन समाज के महामंत्री कैलाश जैन चित्रलोक, पूर्व पार्षद गण शैलेश राठौर, नरेंद्र कुशवाह समाज सेवी गण संजय जैन शिक्षक, मदन लाल पाटीदार, संजय जैन किला,भागीरथ मालवीय, संतोष विश्वकर्मा, राज परमार, शुभम शर्मा, लोकेंद्र परमार, मुश्ताक पहलवान, पंकज जैन अष्टपगा,श्रेयांश जैन, पल्लव प्रगति एडवोकेट, अशोक परमार हंसराज परमार सहित सैकड़ों जनों ने शवयात्रा में शामिल रह कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए जिले में निरंतर जन-जागरूगता कार्य किया जा रहा है। मच्छरजनित बीमारियों में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है। यह बीमारी मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से होती है। ठंड लगकर बुखार आना मलेरिया का प्रमुख लक्षण हैं। मलेरिया की जांच एवं दवाईयां सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क प्रदान की जाती है। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क कर भी जांच करवाई जा सकती है। मलेरिया के इलाज के लिए प्रमाणिक एवं सुरक्षित दवाएं उपलब्ध हैं।

मच्छरों से होने वाली बीमारी डेंगू की पहचान सही समय पर ना किये जाने पर घातक रूप ले सकती है। यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से फेलती है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटता है तो वह उस रोगी का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। मच्छर के शरीर में डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है। जब डेंगू वायरस युक्त मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में पहुँचा देता है। इस प्रकार वह व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है तथा कुछ दिनों के बाद उसमें डेंगू बुखार रोग के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।

जिस दिन डेंगू वायरस से संक्रमित कोई मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके लगभग 3-5 दिनों बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह संक्रामक काल 3-10 दिनों तक भी हो सकता है। बारिश का मौसम कई बीमारियों के लिए खतरा बनता है, जिनमें मच्छरों से होने वाली बीमारियां प्रमुख हैं। बारिश के मौसम में पानी के जमा होने एवं गंदगी होने के कारण मच्छरों का पनपना आसान होता है। मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया जैसी बीमारियां होती हैं जो कि कई बार गंभीर भी हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया गया था कि मलेरिया रोग मच्छर के काटने से होता है। आमजन डेंगू, चिकिनगुनिया, मलेरिया जैसी संक्रमण बीमारियों से बचाव के उपाय निरन्तर किये जाने चाहिए।

डेंगू बुखार के लक्षण : लक्षण इस बात पर निर्भर करेंगे कि डेंगू बुखार किस प्रकार का है। डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं। साधारण डेंगू बुखार, डेंगू हेनरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिन्ड्रोम, यदि डेंगू हेमरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिन्ड्रोम का तुरन्त उपचार शुरू नहीं किया जाता है तो वे जानलेवा सिद्ध हो सकते हैं। चिकिनगुनिया भी एडिज मच्छर से होने वाली बीमारी है। इस बीमारी के लिए लाक्षणिक उपचार प्रदान किया जाता है। मच्छर को पनपने से रोकना एवं मच्छरों से स्वयं को बचाना इन बीमारियों से बचने का सबसे आसान उपाय है। पानी के भराव को रोकना, आसपास के परिवेश में स्वच्छता का निर्माण, मच्छरदानी का उपयोग इत्यादि बेहद सरल उपाय हैं जो कि मच्छरों से एवं उनसे होने वाली बीमारियों से बचाव कर सकता है।

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