updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- राजश्री कॉलेज ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज आष्टा में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। गुरु पूर्णिमा अवसर पर महाविद्यालय में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महाविद्यालय विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के समस्त गुरुजनों का तिलक लगाकर स्वागत किया एवं सभी गुरु जनों का आशीर्वाद प्राप्त किया। महाविद्यालय संचालक श्री बी एस परमार द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुजनों का महत्व बताते हुए कहा कि

गुरु का स्थान ईश्वर और माता-पिता से भी ऊपर रखा गया है गुरु ही मनुष्य को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाते हैं। जिस प्रकार एक सुनार सोने को तपाकर उसे गहने का आकार देता है। ठीक उसी प्रकार एक गुरु भी अपने शिष्य के जीवन को मूल्यवान बनता है। इस दिन का उल्लेख रामायण व महाभारत काल में भी किया गया है। कहा जाता है कि इस दिन का इतिहास हजारों लाखों वर्ष पुराना है। पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेदव्यास का जन्म हुआ था। और यह भी कहा जाता है कि इस दिन वेदव्यास जी ने भागवत पुराण का भी ज्ञान दिया था।

यही कारण है कि हर साल आषाढ़ माह के पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। हमारे जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है। भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना जाता है। संस्कृत में “गु”का अर्थ होता है अंधकार या अज्ञान एवं “रू” का अर्थ होता है प्रकाश या ज्ञान। गुरु हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। महाविद्यालय छात्रा करुणा परचोले द्वारा गुरु वंदना सुनाई गई। साथ ही महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों ने भी गुरुजनों के सम्मान में अपने-अपने विचार रखें।

गुरु पूर्णिमा महोत्सव में प्रमुख रूप से महाविद्यालय विद्यार्थियों के साथ महाविद्यालय संचालक श्री बीएस परमार, प्रभारी प्राचार्य श्री अर्जुन परमार, मीडिया प्रभारी मनोज कमलोदिया, सविता बैरागी, रामवती मेवाड़ा, प्रहलाद मेवाड़ा, राहुल सेन, पुष्पा मेवाड़ा, द्वारका प्रसाद कर्मोदिया, पूजा मेवाड़ा, दीपिका जाधव, पूजा परमार, माया मेवाड़ा, भैया लाल वर्मा, अखिलेश सक्सेना, रविंद्र प्रजापति, ममता तिवारी, हिमांशी झवर, कविता भूतिया, पवन जाट, अरिहंत कुमार जैन, बहादुर सिंह, रवि मेवाड़ा, अरविंद यादव व रीना यादव उपस्थित रहे।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- जहां चातुर्मास के दौरान साधु -संतों का सानिध्य प्राप्त होता है, वहां त्याग – तपस्या की बारिश की तरह झड़ी लगती है। श्रीमती साधना संतोष कुमार देशलहरा की पुत्रवधू एवं पौत्री श्रीमती सोनम देशलहरा एवं कुमारी समृद्धि देशलहरा ने साध्वी किरण बाला जी आदि ठाणा 5 की प्रेरणा से अठाई तप अर्थात आठ उपवास की कठिन तपस्या सोमवार को पूर्ण की। वहीं उनके सुपुत्र पीयूष देशलहरा ने तेला अर्थात तीन उपवास की तपस्या सोमवार 22 जुलाई को पूर्ण की ।इन सभी का पारणा 23 जुलाई मंगलवार को होगा। चार महीने तक चातुर्मास के दौरान अधिक से अधिक धर्म- आराधना

और उपवास के तेले की लड़ी अर्थात तीन उपवास एवं आयंबिल की तपस्या आदि नगर के श्री महावीर भवन स्थानक में चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य महासती किरण बाला जी महाराज साहब जी, स्वाध्याय प्रेमी पूज्य महासती शीतल जी, तत्व जिज्ञासु पूज्य महासती रेणु प्रभा जी, सेवाभावी पूज्य महासती अनंत गुणा जी एवं पूज्य महासती कृतज्ञा जी ठाणा – 5 की प्रेरणा से हो रही है। श्राविका संघ अध्यक्ष श्रीमती साधना आनंद रांका ने 5 उपवास की तपस्या कर और अधिक उपवास के भाव है। पूज्य महासती किरण बाला जी आदि ठाणा 5 के पावन सानिध्य में गुरुवार 11 जुलाई से सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे का अखंड णमोकार महामंत्र का जाप श्रावक -श्राविकाओं ने 15 जुलाई तक किया।अब उपवास की तपस्या चल रही है।

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