updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- श्री ब्रह्मानंद जन सेवा संघ मालीपुरा आष्टा के पावन तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय गुरु पूर्णिमा अमृत महोत्सव के तृतीय दिवस पर वृंदावन से आए राधा, कृष्ण के कलाकारों ने महारास की भव्य मनमोहक प्रस्तुति दी! आज 20 जुलाई को परम श्रद्धैय मां कृष्णा जी का अवतरण मनाया जायेगा! इसी शुभ अवसर पर आष्टा नगर में एक विशाल एंव भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा सुबह 9:30 बजे गायत्री मंदिर आष्टा से प्रारंभ होगी जिसका मुकाती पेट्रोल पंप पर 12 बजे समापन होगा।

आज के सत्संग में परम श्रद्धैय कृष्णा माँ ने अपनी ओजस्वी निर्मल वाणी में कहा कि:- 1.अच्छे कर्मों का फल विलंब से मिलता है किंतु जब भी मिलता है हजारो गुना मिलता है। और जब मिलता है जब हमे उसकी सख्त आवश्यकता हो। कभी-कभी हम मेहनत अधिक करते हैं और फल कम मिलता है, किंतु इससे निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि कभी ऐसा भी समय आता है जब हम मेहनत कम करते हैं और फल अधिक मिलता है । 2

व्यक्ति हमेशा उसे देखता है जो उसे नहीं मिला होता है किंतु वह यह नही देखता कि भगवान ने मुझे मेरे कर्मो के अनुसार बहुत कुछ दिया है। जो उसे प्राप्त है उसमें संतुष्ट रहने की बजाय उसे जो नहीं मिला है उसे देखकर दु:खी होता रहता है। जबकि व्यक्ति को भगवान ने जो दिया है उसी में संतुष्ट होकर उसका सदुपयोग करके जीवन में संतुष्ट और आनंन्दीत रहना चाहिए। 3 व्यक्ति को धन संपदा की इतनी अपेक्षा रखनी चाहिए कि उसके परिवार का अच्छे से भरणपोषण हो जाये।
कहा भी है कि:-

सांई इतना दीजिये, जा मे कुटुबं समाय!
में भी भूखा ना रहूं, साधू ना भूखा जाय!!
किन्तु आज व्यक्ति धन कमाने में इतना आसक्त हो गया है कि भगवान् को ही भूल गया है। वह यह भी भूल गया है कि एक दिन मुझे सबकुछ छोड़कर ही जाना है!इसलिए भौतिक संपदा की कमाई के साथ साथ परमात्मा के नाम की भी कमाई करते रहे जो मरने के बाद भी हमारे साथ जायेगी। 4 परमात्मा ने जो भी हमें दिया है चाहे कोई पद हो, समय हो, धन हो, उसका हमेशा सदउपयोग करना चाहिए।नहीं तो यह सब हमें दुबारा नही मिलेगा।यदि हमने उसका सदुपयोग नहीं किया तो बाद में वह हमें नहीं मिलेगा । 5

एक प्रसंग के माध्यम से कृष्णा माँ ने बताया कि अयोध्या में कभी धन, संपत्ति का बंटवारा नहीं हुआ वहां तो काम, अर्थ ,धर्म और मोक्ष का बटवारा हूआ था और बंटवारे में काम, माता कैकई के हिस्से में आया। अर्थ, भारत जी के हिस्से में। धर्म, दशरथ जी के हिस्से में और मोक्ष भगवान राम के हिस्से में आया था। इसलिए यदि हम राम का नाम लेते हैं तो हमारे हिस्से में भी मोक्ष आएगा और मोक्ष के आते ही हमारे संसार के सब बंधन मुक्त हो जाएंगे और हम परम को प्राप्त कर लेंगे। 6.परमात्मा हमें कुछ देने से पहले कुछ लेता है। भगवान् पहले हमे धर्म, और सद्कर्म करने, दान देने का अवसर प्रदान करता है और इन सभी कर्मों का हजारों गुना हमे वापस लौट भी देता है।

गुरु चरण रज लगा माथे से हम तो धन्य धन्य हुए

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- जैन साधुओ की तपस्चर्या और उनके प्रवचन हमारे जीवन मे आमूलचूल परिवर्तन कर देते हैं । आज पधारे जैन मुनियों के नाम में ही उपदेश विद्यमान है जीवन मे निष्पक्षता , निस्पृह भाव , निष्काम क्रिया कलाप तथा निष्कम्प हो कर चेतना जागृत रखने का संदेश देते जैन मुनियो की चरण रज माथे से लगा कर हम सभी खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं । जैन मुनियो का ग्राम किलेरामा में चरण प्रक्षालन करते हुए पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने यह भावना व्यक्त की ।

युग शिरोमणि आचार्य विद्या सागर जी महाराज के शिष्य मुनिगण का आज नगर में प्रवेश हुआ । मुनि श्री निष्पक्ष सागर जी , मुनि निष्कम्प सागर मुनि निस्पृह सागर जी मुनि निष्काम सागरजी तथा क्षुल्लक जी की जैन जैनेतर समाज ने भव्य अगवानी की । पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने नगर के प्रवेश द्वार ग्राम किलेरामा में परिवार और मित्रों सहित मुनि संघ का पाद प्रक्षालन तथा आरती कर उन्हें श्री फल भेंट किया । भोपाल नाके पर जैन समाज तथा अन्य समाज के लोगों ने साधु संघ के प्रवेश पर गाजे बाजो के साथ उनकी अगवानी की । दिगम्बर जैन समाज के पदाधिकारियों और व्रती श्रावको ने सभी साधुओं की परिक्रमा की ।

बाद में विशाल चल समारोह नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ किला स्थित दिव्योदय जैन मंदिर पहुंचा । मार्ग मे अनेक जैन श्रावकों ने मुनि संघ की आरती और चरण प्रक्षालन का लाभ लिया । आचार्य श्री विद्या सागरजी महाराज की परंपरा के सभी मुनि जैन समाज के आग्रह पर नगर में चातुर्मास के लिए पधारे हैं । शीघ्र ही भव्य आयोजन में मुनि संघ के वर्षायोग हेतु किला मन्दिर में कलश स्थापना होगी । ग्राम किलेरामा में अगवानी के वक्त दिगम्बर जैन समाज के पूर्वाध्यक्ष यतेंद्र श्रीमोढ , पूर्व सरपंच मधुसूदन परमार , मुनि सेवा समिति के सुनील प्रगति , वरिष्ठ समाज सेवी सुमत स्वास्तिक , जीवन सिंह , लक्ष्मी नारायण परमार , संजय जैन किला ने भी मुनि श्री की चरण वन्दना की ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

error: Content is protected !!