updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- भगवान श्री जगन्नाथ जी के अपनी मौसी के यहा पधारने पर “आनंद धाम” पर संगीत मय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया गया। आज सातवे दिवस पर कथा व्यास भागवत भूषण पंडित कन्हैया लाल शर्मा ने सत्संग की महिमा, हंस गीता, भगवान की विभूतियां वर्ण आश्रम का ज्ञान, ज्ञान योग, भक्ति योग, कर्म योग, यददुकुल कुल संहार, भगवान का स्वधाम गमन, सुखदेव जी का अंतिम उपदेश, वेद वर्णन, राजा परीक्षित की परम गति आदि से विस्तार से बताया।

पंडित गजेंद्र शास्त्री धर्म अधिकारी ने बताया की विगत 19 वर्षों से रथ यात्रा आनंद धाम पर आती है भगवान यहां पर छुट्टी मनाने 7 दिन तक विश्राम करते हैं अपनी मौसी के घर आनंद धाम पर आज शाम 5:00 बजे भगवान अपनी मौसी के घर से जगदीश मंदिर बांसवाड़ा अलीपुर अपने निजी निवास पर पहुचे। इस अवसर पर कथा श्रवण करने रामेश्वर खंडेलवाल, अनिल श्रीवास्तव, निर्मल बैरागी, राजेश शर्मा, गणेश दुबे, नवीन शर्मा, नीलू दीक्षित, मनीष पालीवाल, मनोज सोनी काका, मरुती सोनी, विनोद सोनी, दुर्गेश पाठक, मधु पाठक, बडोदिया सर, बाबू सिंह मेवाडा, आरके दीक्षित, मुकेश आर्य, निखिल कुशवाहा, शीला शर्मा,

मुकेश ताम्रकार, बाबू बृजेंद्र शर्मा, उषा तिवारी, जीवन सिंह सोलंकी, हंसकुमार वर्मा, ज्ञान सिंह ठाकुर, दीक्षांत गोस्वामी, लंकेश, चंचु ताम्रकार, सुरेश पांचाल, दिलीप सांवरिया, कमलेश प्रीति ताम्रकार, शिव श्री वादी, राधेश्याम नायक, बृजमोहन सोनी, क्षमा शर्मा, उमा चंद्रशेखर शर्मा, महेंद्र राधा शर्मा, रमा गजेंद्र शर्मा, अंजलि अनुराग शर्मा, बृजमोहन रानी सोनी, भुवनेश्वरी शर्मा, सनातन देव शर्मा, धाता शर्मा आदि सभी भक्तगण उपस्थित रहे। धर्माधिकारी श्री गजेंद्र शर्मा ने बताया कि आज कई संस्थाओं ने स्वागत सम्मान किया। आनन्द धाम पर 8 जुलाई 2024 से 14 जुलाई 2024 तक दोपहर में 2 बजे से शाम 5 बजे तक पंडित भवानी शंकर शर्मा के निवास आनंद धाम आष्टा पर कथा का आयोजन किया गया। आज शाम भगवान पुनः बाँसबेडे मंदिर पहुचे।

कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध, व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए श्रद्धालु, कुबेरेश्वर धाम की व्यवस्था में लगे अधिकारी- कर्मचारी पूरे समय ड्यूटी पर रहे तैनात

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह के निर्देशानुसार कुबेरेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए न केवल सभी आवश्यक व्यवस्थाएं एवं सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं, बल्कि इन व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से संचालन भी किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को कुबेरेश्वर धाम तक आवागमन, पेयजल, पार्किंग, चिकित्सा सुविधा एवं अन्य सहायता के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आ रही है। सड़क पर यातायात सामन्य गति से चल रहा है। जिन अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वे सभी सेवाभाव से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।

पुलिस अधिकारी-कर्मचारी भी व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना के लिए लगातार ड्यूटी पर तैनात है। चौबीस घंटे चिकित्सा सुविधा- कुबेरेश्वर धाम में गम्भीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए पांच बिस्तरों का आईसीयू अस्पताल सहित कई स्वास्थ्य कैंप लगाए गए हैं। जिसमें 24 घंटे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आने पर श्रद्धालुओं को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। सामान्य बीमारी के इलाज के लिए अन्य हेल्थ कैप भी लगाए गए हैं। मरीजों को जांच, परामर्श एवं निःशुल्क दवाएं वितरित की जा रही हैं।

पेयजल की पर्याप्त और बेहतर व्यवस्था- कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं को पेयजल के लिए भटकना न पड़े इसका खास ध्यान रखा गया है। जगह जगह प्याउ लगाए हैं। पानी की रिफलिंग के लिए ग्राम पंचायतों से पर्याप्त टैंकरो की व्यवस्था की गई है। पेयजल की व्यवस्था के साथ ही पानी की शुद्धता के लिए के जल स्त्रोंतों के साथ ही टैंकरों में क्लोरीन डाली जा रही है। टैंकरो में नल फिटिंग का कार्य पीएचई तथा रिफिलिंग का कार्य जनपद पंचायत, नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है। पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान- कुबेरेश्वर धाम में वाहनों के लिए पार्किंग स्थल निर्धारित किया गया है और उसमें पर्याप्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ऑटो और अन्य वाहनों के लिए पार्किंग स्थल होने से यातायात में किसी प्रकार का अवरोध नहीं आया और पार्किंग स्थल से श्रद्धालु से कथा पंडाल तक आसानी से पहुंचे।

सहायता केन्द्रों में चौबीस घंटे स्टॉफ उपलब्ध- पुलिस सहायता केंद्र में पूरे समय पुलिसकर्मी एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात हैं। कुबरेश्वर धाम में खोया पाया सूचना के लिए चार केंद्र बनाये गये हैं। सहायता केन्द्र में आने वाले श्रद्धालुओं को व्यवस्था से संबंधित पूरी जानकारी भी दी जा रही है। भोजन शाला का व्यवस्थित संचालन- कुबरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं के लिए तैयार करने और वितरित करने के लिए बनाई गई भोजन शाला में पर्याप्त अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है इसके साथ ही औषधि एवं खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों द्वारा बनाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता का परीक्षण भी किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को आसानी से भोजन प्राप्त हो रहा है।

गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन किया जाएगा कन्याओं को प्रसादी का वितरण, मरीह माता मंदिर में कन्या-पूजन के पश्चात किया गया हलवे की प्रसादी का वितरण

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- हर साल की तरह इस साल भी शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रतिदिन हवन, यज्ञ, दुर्गा सप्त शती का पाठ के साथ पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण के अलावा कन्या भोज आदि का आयोजन भी किया जा रहा है। मंदिर के व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, पंडित उमेश दुबे, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, जिला संस्कार मंच की ओर से जितेन्द्र तिवारी, राहुल सिंह, मनोज दीक्षित मामा, सुनील चौकसे,

सुभाष कुशवाहा, धर्मेन्द्र माहेश्वरी, आशीष माहेश्वरी, पप्पू सेन सहित अन्य ने यहां गुप्त नवरात्रि के आठवें दिन कन्या पूजन किया और प्रसादी के रूप में हलवे की प्रसादी का वितरण किया गया। सोमवार को अंतिम दिन कन्याओं को प्रसादी का वितरण किया जाएगा। अष्टमी पर्व पर समाजसेवी अंजू अजय अग्रवाल, शालिनी माहेश्वरी आदि ने यहां पर महिलाओं को सुहाग की सामग्री का वितरण किया गया। मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी का ध्यान-स्मरण,

पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वाधिक कल्याणकारी है। इनकी उपासना से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं, उपासक सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। देवी दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है और नवरात्रि के आठवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इन्हें मां पार्वती (अन्नपूर्णा) के रूप में पूजा जाता है। इनका वर्ण पूर्ण रूप से गौर है,इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है। इनके गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से की गई है एवं इनकी आयु आठ वर्ष की मानी हुई है। इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं।

मान्यता के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था। तभी से इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया। मां महागौरी का ध्यान-स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वाधिक कल्याणकारी है। इनकी उपासना से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं, उपासक सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। उसके पूर्व संचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं और भविष्य में पाप-संताप,

दैन्य-दु:ख उसके पास कभी नहीं रहते। इनकी कृपा से आलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ये भक्तों के कष्ट जल्दी ही दूर कर देती हैं एवं इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। भक्तों के लिए यह देवी अन्नपूर्णा का स्वरूप हैं इसलिए अष्टमी के दिन कन्याओं के पूजन का विधान है। ये धन, वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं। धन-धन्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए मां गौरी की उपासना की जानी चाहिए।

देवी सती की दस महाविद्याओं के लिए साधनाएं की जाती श्री दीक्षित ने बताया कि देवी सती की दस महाविद्याओं के लिए साधनाएं की जाती हैं। ये साधनाएं विशेष साधक करते हैं। आम लोगों को नवरात्रि में देवी मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करनी चाहिए। पूजा में मंत्र जप के साथ ही ध्यान भी करेंगे तो अशांति दूर होती है और सकारात्मकता बढ़ती है। इन महाविद्याओं में मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी शामिल हैं।

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