updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत वर्ष 2024 (विपणन वर्ष 2024-25) में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन नीति जारी की गई है, जिसके बिंदु क्रमांक 19.2(1) में मूंग फसल उपार्जन के लिए उत्पादकता का निर्धारण किया गया है। इस बिंदु में आंशिक संशोधन किया गया है। संशोधन पश्चात ग्रीष्मकालीन मूंग फसल की उत्पादकता को अधिकतम 12 क्विंटल

प्रति हेक्टेयर तक सीमित करते हुए विगत वर्षों के मूंग उपार्जन संबंधी जिलों की औसत उत्पादकता में जिन जिलों की मूंग की उत्पादकता 12 क्विंटल से अधिक है वहां मूंग का उपार्जन 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मानते हुए करने के निर्देश दिए गए हैं। शेष जिलों के लिए जहां 12 क्विंटल से कम है वहां उन जिलों की औसत उत्पादकता के अनुसार उपार्जन किया जाएगा। तथा प्रति कृषक मूंग विक्रय की अधिकतम सीमा 100 क्विंटल निर्धारित की गई है।

गुप्त नवरात्रि अष्टमी के दिन किया जाएगा हलवे की प्रसादी का वितरण

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- हर साल की तरह इस साल भी शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रतिदिन हवन, यज्ञ, दुर्गा सप्त शती का पाठ के साथ पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण के अलावा कन्या भोज आदि का आयोजन भी किया जा रहा है। मंदिर के व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, पंडित उमेश दुबे, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, जिला संस्कार मंच की ओर से जितेन्द्र तिवारी, राहुल सिंह, मनोज दीक्षित मामा, रोहित मेवाड़ा,

धर्मेन्द्र माहेश्वरी, आशीष माहेश्वरी, पप्पू सेन सहित अन्य ने यहां पर देवी मां का विशेष श्रृंगार किया। इस मौके पर सुबह हवन पूजन के अलावा सुबह और शाम को आरती का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को सुबह माता का विशेष श्रृंगार के साथ करीब दो दर्जन से अधिक कन्याओं को भोजन प्रसादी का वितरण किया गया। जिला संस्कार मंच के मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि रविवार को अष्टमी के दिन हलवे की प्रसादी का वितरण किया जाएगा। गुप्त नवरात्रि में साधक पूरी आस्था के साथ पूजा अर्चना करती है। भक्त अत्यधिक भक्ति और समर्पण के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं।

साथ ही नौ दिनों तक कठिन उपवास का पालन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्र साल में दो बार माघ और आषाढ़ माह में आते हैं। भगवती के दस रूपों की पूजा गुप्त नवरात्र में की जाती है। मां भगवती के दस रूपों दर्शन-पूजन क्रम में पहले दिन मां काली, दूसरे में मां तारा देवी, तीसरे में मां त्रिपुर सुन्दरी, चौथे में मां भुवनेश्वरी, पांचवें में मां छिन्नमस्ता, छठे में मां त्रिपुर भैरवी, सातवें में मां धूमावती, आठवें में मां बगलामुखी, नौवें में मां मातंगी और दसवें दिन मां कमला देवी की पूजा होती है, मां के इन दस स्वरूपों को पूजा-अर्चना करने का ख़ास महत्व है।

इस साल गुप्त नवरात्रि का प्रारम्भ छह जुलाई से शुरू हुआ है, जिसका समापन 15 जुलाई को होगा। जो भक्त गुप्त नवरात्रि में नौ दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा उपासना करते हैं, उन्हें नवग्रह से शांति मिलती है। गुप्त नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि के लिए विशेष साधनाएं की जाती है। इन दिनों तंत्र साधना का विशेष महत्व होता है। इन तंत्र साधनाओं को गुप्त रूप से किया जाता है. इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस दुर्गा माता को शक्ति का रूप माना जाता है।

इसलिए, इस दौरान 9 दिनों तक संकल्प लेकर व्रत रखना होता है। इस दौरान प्रत्येक दिन सुबह और शाम को मां दुर्गा की आराधना करनी होती है। इसके साथ अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत तोड़े जाते हैं। गुप्त नवरात्रि में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना होता है। गुप्त रूप से देवी मां और महाशक्ति की आराधना करने के चलते ही इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होंगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलेगी।

शांति समिति की बैठक 16 जुलाई को आयोजित

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- प्रदेश के साथ ही जिले में भी 17 जुलाई को मोहर्रम, 19 अगस्त को रक्षाबंधन, 26 अगस्त को जन्माष्टमी, 07 सितंबर को गणेश उत्सव एवं पर्युषण महापर्व प्रारंभ, 16 सितंबर को मिलाद-उन-नबी तथा 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के त्यौहार मनाए जाएंगे। जिले में इन त्योहारों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला पंचायत सभा कक्ष में 16 जुलाई को शाम 04.00 बजे शान्ति समिति की बैठक आयोजित की गई है।

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